जबलपुर. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (रादुविवि)में करीब 13-14 वर्ष पूर्व नियुक्ति के बाद से विवादों से घिरे रहे पूर्व प्रभारी कुलसचिव एवं वर्तमान में उपकुलसचिव दीपेश मिश्रा को आखिरकार विवि से बाहर का रास्ता दिखा ही दिया गया. श्री मिश्रा को हटाने की मांग को लेकर कर्मचारियों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन तक कर डाले.
प्रदर्शन के बाद श्री मिश्रा को प्रभारी कुलसचिव के पद से तो हटाते हुए उपकुलसचिव के बद पर वापसी तो की गई लेकिन रादुविवि से उन्हें नहीं हटाया गया जिससे कर्मचारियों में खासा आक्रोश था. सूत्रों की मानें तो श्री मिश्रा भी रादुविवि से न हटने खासी जोर आजमाईश कर रहे थे लेकिन शुक्रवार को आखिरकार उन्हें कुर्सी छोडऩी ही पड़ी. आयुक्त उच्च शिक्षा निशांत बरवड़े द्वारा शुक्रवार को जारी आदेश रादुविवि के उपकुलसचिव श्री मिश्रा को पद के दुरुपयोग, स्वेच्छाचारिता, लापरवाही जैसे कृत्यों के लिए राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम-9 के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. इस आदेश के बाद श्री मिश्रा जहां चुप्पी साधे हुए हैं वहीं रादुविवि कर्मचारियों में विगत तीन दिनों से मिष्ठान वितरण का दौर चल रहा हैं.
न्यायालयीन कार्यों में लापरवाही का आरोप
आयुक्त, उच्च शिक्षा, निशांत बरवड़े द्वारा गत दिवस जारी आदेश क्रमांक 66.9/205/न्याप्र/अशा/2024 में कहा गया हैं कि रादुविवि के उपकुलसचिव दीपेश मिश्रा द्वारा न्यायालयीन प्रकरण कमांक डब्ल्यू.पी. 24396/2019 श्री अशोक कुमार गुप्ता, सेवानिवृत्त ग्रंथपाल, डी.एन. जैन, महाविद्यालय, (अशासकीय अनुदान प्राप्त) जबलपुर में प्रकरण प्रभारी नियुक्त होते हुए 2 जून 2020 से 5 अगस्त 2021 तक न्यायालय में समय सीमा के अंदर प्रकरण का जवाबदावा प्रस्तुत न कर न्यायालयीन जैसे महत्वपूर्ण कार्य में अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन समुचित रूप से नहीं किया है.
आदेश में कहा गया कि इस प्रकार श्री मिश्रा के द्वारा गम्भीर लापरवाही किये जाने का कृत्य किया गया है. श्री मिश्रा को पद के दुरूपयोग, स्वेच्छाचारिता एवं लापरवाही के कृत्यों के लिये राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम-9 के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है. निलम्बन अवधि में श्री मिश्रा का मुख्यालय क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, जबलपुर संभाग जबलपुर नियत किया गया है. निलम्बन अवधि में श्री मिश्रा को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी. अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा द्वारा अनुमोदित आदेश की प्रति कुलगुरु सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को भी प्रेषित की गई हैं.
श्री मिश्रा को हटाने कर्मचारियों ने किया था आंदोलन
श्री मिश्रा पर विगत दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान की कथित तौर पर की गई करोड़ों रूपये की आर्थिक अनियमितताओं के साथ रादुविवि शेक्षणेत्तर कर्मचारी संघ ने कई गंभीर आरोप लगाए थे. श्री मिश्रा के खिलाफ लगातार क्रमिक अनशन के चलते उन्हें कुलसचिव के प्रभार से तो हटा दिया है लेकिन 13 वर्ष से अधिक समय होने के बाद भी उन्हें इस विश्वविद्यालय से अन्यत्र स्थानांतरित न किए जाने से कर्मचारियों में खासा असंतोष था. संघ द्वारा जबलपुर दौरे पर आये उच्च शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार को ज्ञापन सौंपते हुए पूछते हुए संघ पदाधिकारियों ने उप कुलसचिव मिश्रा को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की है.
कर्मचारी संघ के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह पटेल और महासचिव राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला ने बताया कि विश्वविद्यालय में भवन मरम्मत घोटाले, विश्वविद्यालय के शासकीय वाहनों का दुरूपयोग सहित आर्थिक अनियमितताओं के द्वारा श्री मिश्रा द्वारा कथित तौर पर कुलसचिव के प्रभार के कार्यकाल के दौरान विश्वविद्यालय को व्यापक स्तर पर आर्थिक क्षति पहुँचाई. गोपनीय विभाग के प्रभारी के रूप में भी गेस्ट फैकल्टी दीपेश मिश्रा को प्री. पीएचडी कोर्स में पूर्व में फेल था लेकिन कथित तौर पर नियम विरूद्ध तरीके से पास किया गया.
संघ ने आरोप लगाया कि विवादित उप कुलसचिव मिश्रा विभिन्न छात्र संगठनों और विवादित कर्मचारियों के द्वारा विश्वविद्यालय का शैक्षणिक और प्रशासनिक वातावरण दूषित कर विश्वविद्यालय की छवि धूमिल कर रहे हैं. संघ ने विवादित अधिकारी को तत्काल प्रभाव से रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से हटाते हुए उनके कार्यकाल में की गई समस्त आर्थिक अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी.