कोलकाता, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के गोबर्दंगा थाना क्षेत्र स्थित बेरगुंआ काचारीबाड़ी इलाके में एक बार फिर तनाव का माहौल उत्पन्न हो गया है। स्थानीय लोगों और उपद्रवियों के बीच हिंसा की खबरें आ रही हैं। आरोप है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने बसंती पूजा के पंडाल और मूर्तियों में आग लगा दी। इस घटना के बाद लोगों ने सड़कों को जाम कर दिया और विरोध प्रदर्शन किया।
इस घटना पर भाजपा के पूर्व सांसद अर्जुन सिंह ने टिप्पणी की। शनिवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए पूर्व सांसद अर्जुन सिंह ने कहा कि इस घटना पर प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सवाल पूछा जाना चाहिए। सीएम ममता बसंती पूजा की भी रक्षा नहीं कर पाई, इसका मतलब है कि सीएम ममता की जमीन खिसक चुकी है।
उन्होंने रामनवमी मनाने के लिए कोर्ट से अनुमति लेने के सवाल पर कहा कि राम भक्तों को बाहर जाने के लिए किसी तरह की अनुमति की जरूरत नहीं है। राम भक्तों को निकलने के लिए कोई परमिशन की दरकार नहीं है। बात उसकी सुननी चाहिए जो आपकी भी बात सुने, लेकिन ये तो सुनते नहीं। इसलिए राम भक्तों को इतना ही कहूंगा कि आप निकलिए, कौन किसको रोकेगा, जितने राम भक्त हैं, उतने पुलिस हैं क्या।
उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि रामनवमी के अवसर पर वह भी सड़क पर जरूर निकलेंगे। उन्होंने आगे कहा कि मैं राम भक्तों से कहूंगा कि वे घर से बाहर आएं। जितने संभव हो सके उतने राम भक्त सड़कों पर उतरेंगे।
बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को ही हिंदू संगठनों को कुछ शर्तों के साथ रामनवमी के दिन जुलूस निकालने की अनुमति दी थी। हाई कोर्ट ने रामनवमी के दिन निकलने वाले जुलूस में हथियार ले जाने की अनुमति नहीं दी है। साथ ही, जुलूस में भाग लेने वाले लोगों को पुलिस और प्रशासन के पास अपना पहचान पत्र जमा करना होगा। इन शर्तों के साथ हाई कोर्ट ने हावड़ा में अंजनी पुत्र सेना और विश्व हिंदू परिषद के रामनवमी जुलूस को अनुमति दी है।
इस पर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जुलूस निकालने वालों को हाई कोर्ट की शर्तें माननी होंगी।
–आईएएनएस
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