बैतूल 24 दिसंबर (आईएएनएस)। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। मध्य प्रदेश के बैतूल के भोजपाली बाबा ऐसे हैंं, जिन्होंने राम मंदिर का निर्माण होने तक अविवाहित रहने का संकल्प लिया था, उन्हें भी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का आमंत्रण मिला है। भोजपाली बाबा गदगद है और वे अयोध्या जाने की तैयारी में जुटे हैं।
भोजपाली बाबा ने 32 साल पहले जब वे 21 साल के थे, तब श्री राम मंदिर के भव्य निर्माण को लेकर संकल्प लिया था कि जब तक मंदिर नहीं बनेगा तब तक वे अविवाहित रहेंगे। राम मंदिर निर्माण को लेकर उन्होंने अपना परिवार त्याग दिया और संत बन गए। अयोध्या से निमंत्रण आने के संबंध में पूछने पर कहा कि मुझे भरोसा नहीं था कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण आएगा और जब आया तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
दरअसल, भोजपाली बाबा ने 32 साल पहले, जब वे 21 के थे, तब श्री राम मंदिर के भव्य निर्माण को लेकर संकल्प लिया था कि जब तक मंदिर नहीं बनेगा, तब तक अविवाहित रहेंगे। राम मंदिर निर्माण को लेकर उन्होंने अपना परिवार त्याग दिया और संत बन गए। अब सनातन धर्म का प्रचार कर रहे हैं और समाज सेवा कर रहे हैं। अब भोजपाली बाबा 52 साल के हो गए हैं और अयोध्या जाने की तैयारी कर रहे हैं।
बाबा भोजपाली 21 साल की उम्र में कर सेवकों के साथ अयोध्या गए थे, तभी से उन्होंने भव्य श्री राम मंदिर बनाने का संकल्प लिया था। दर्शन शास्त्र और एक अन्य विषय में एमए करने के साथ ही उन्होंने वकालत की पढाई की है। भोजपाली बाबा का परिवार संघ की पृष्ठभूमि का है। बचपन से ही उन्होंने देश भक्ति के लिए कार्य किए हैं। 1992 में भोजपाली बाबा राम मंदिर को लेकर कारसेवकों के साथ अयोध्या गए थे। बाबा ने 21 साल में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर अविवाहित रहने का संकल्प लिया और सनातन धर्म के लिए संन्यासी बन गए।
हालांकि, बाबा ने कुछ दिन वकालत भी की है। उनके परिवार में माता-पिता के 3 भाई और हैं। जब बाबा ने परिवार छोड़ा तो उनकी मां ने रोकने की कोशिश की थी, पर बाबा नहीं रुके और घर से निकल गए। बाबा ने तीन बार नर्मदा परिक्रमा की है। परिक्रमा के दौरान उनकी मां का निधन हो गया था, पर वे अंतिम संस्कार में इसलिए शामिल नहीं हुए कि परिक्रमा अधूरी रह जाती।
गांव के कृष्ण कांत गावंडे का कहना है कि बाबा को गाजे-बाजे के साथ अयोध्या के लिए रवाना किया जाएगा। साथ रहने वाले मोनू का कहना है कि बाबा ने अपना पूरा जीवन भगवान श्री राम और समाज को समर्पित कर दिया है।
–आईएएनएस
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