अयोध्या, 22 जनवरी (आईएएनएस)। राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए रामकथा संग्रहालय के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इस संग्रहालय में 12 कक्ष या गैलरी होंगी, जो भूतल, प्रथम और दूसरे तल में स्थित होंगी। संग्रहालय का उद्देश्य भगवान राम की दिव्य कथा और उनके जीवन से जुड़े ऐतिहासिक और धार्मिक पहलुओं को आधुनिक तकनीकी रूप में प्रस्तुत करना है। राम मंदिर और संग्रहालय के माध्यम से अयोध्या को एक नई पहचान मिलेगी, जो न केवल भारतीय बल्कि वैश्विक धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताओं का प्रतीक बनेगा।
नृपेंद्र मिश्र के अनुसार, इस प्रयास से भगवान राम के संदेश को हर किसी तक पहुंचाना संभव होगा और उनकी उपासना को और भी व्यापक रूप से स्थापित किया जा सकेगा। संग्रहालय में लेटेस्ट तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। रामकथा संग्रहालय में पांच दीर्घाएं अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर बनाई जाएंगी। इन दीर्घाओं में थ्री-डी और सेवन-डी तकनीकों का समावेश किया जाएगा, जो दर्शकों को भगवान राम के जीवन और उनकी लीलाओं का अनुभव अत्यधिक जीवंत रूप में कराएंगे।
उन्होंने बताया कि विशेष रूप से एक दीर्घा भगवान हनुमान जी के बारे में होगी, जिसमें उनके भगवान राम से जुड़े कार्यों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने आईआईटी चेन्नई को कार्य सौंपा है और धनराशि भी जारी कर दी गई है। एक महत्वपूर्ण दीर्घा राम मंदिर से संबंधित कानूनी पहलुओं पर केंद्रित होगी। इसमें पिछले 500 वर्षों के अभिलेख और तथ्य होंगे, जो इस मंदिर के निर्माण और विकास के इतिहास से जुड़े होंगे। इसके अलावा, मंदिर आंदोलन के दौरान जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी, उनके योगदान को भी एक विशेष पहचान दी जाएगी, ताकि उनकी शहादत और योगदान हमेशा के लिए अमर रहे।
उन्होंने कहा कि संग्रहालय में एक और दीर्घा भगवान राम के अंतरराष्ट्रीय महत्व और उनके संदेश को प्रदर्शित करेगी। इस दीर्घा में भगवान राम की जीवन गाथा, अयोध्या का महात्म्य और उनके धार्मिक और आध्यात्मिक योगदान को विस्तृत रूप से दिखाया जाएगा। यह दीर्घा वैश्विक दृष्टिकोण से भगवान राम की उपासना और उनके आदर्शों को प्रस्तुत करेगी, जो भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में महत्वपूर्ण हैं।
नृपेंद्र मिश्र ने यह भी बताया कि संग्रहालय की दीर्घाओं की स्क्रिप्ट तैयार की जाएगी, जिसके बाद तकनीकी कार्यों की शुरुआत होगी। इस प्रक्रिया में लगभग नौ माह का समय लगेगा, हालांकि अंतिम समय सीमा के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं दी गई है। समिति का लक्ष्य है कि संग्रहालय के उद्घाटन से पहले श्रद्धालुओं को राम मंदिर दर्शन के साथ-साथ इस संग्रहालय का भी अनुभव प्राप्त हो। राम मंदिर के मुख्य क्षेत्र में मूर्तियों की स्थापना का कार्य तेजी से चल रहा है और मार्च तक सभी मूर्तियों की स्थापना की योजना है। विशेष रूप से तुलसीदास की मूर्ति के लिए स्थान का निर्माण पूरा हो चुका है, और उनका प्रतिष्ठान भी जल्द किया जाएगा।
रामकथा संग्रहालय का निर्माण न केवल भगवान राम के जीवन और अयोध्या की धार्मिकता को प्रदर्शित करेगा, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और धर्म के एक महत्वपूर्ण हिस्से को भी संरक्षित करेगा। यह संग्रहालय भारत के धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को विश्वभर में फैलाने का एक सशक्त माध्यम बनेगा, जो श्रद्धालुओं को एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक यात्रा पर ले जाएगा।
–आईएएनएस
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