रायपुर, 26 जुलाई (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के संविदा कर्मचारियों ने नियमित करने की मांग को लेकर बुधवार को अनोखा प्रदर्शन किया। संविदा कर्मियों ने घुटनों के बल चलकर संवाद रैली निकाली। इसमें सैकड़ों कर्मचारी शामिल हुए।
राज्य में संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनकी प्रमुख मांग नियमितीकरण की है। हालांकि, राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों को बड़ी सौगात देकर उनके वेतनमान में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। इसके बावजूद संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग पर अड़े हुए हैं और उनकी हड़ताल जारी है।
संविदा कर्मचारी महासंघ की लगातार सरकार से मांग है कि वह उनसे संवाद करे। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने संवाद किए बिना ही 27 फीसदी वेतन बढ़ाया है। वह इससे खुश नहीं हैं। यही कारण है कि कर्मचारियों ने घुटनों के बल चलकर संवाद रैली निकाली।
रैली में छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों के कर्मचारी तूता इलाके में पहुंचे। उन्होंने रैली में हिस्सा लिया। इस रैली में दिव्यांग और महिलाएं अपने बच्चों को लेकर पहुंची थी। उन्होंने सरकार के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें तीन दिन के भीतर संवाद की मांग रखी गई है।
–आईएएनएस
एसएनपी/एबीएम
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राज्य में संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनकी प्रमुख मांग नियमितीकरण की है। हालांकि, राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों को बड़ी सौगात देकर उनके वेतनमान में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। इसके बावजूद संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग पर अड़े हुए हैं और उनकी हड़ताल जारी है।
संविदा कर्मचारी महासंघ की लगातार सरकार से मांग है कि वह उनसे संवाद करे। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने संवाद किए बिना ही 27 फीसदी वेतन बढ़ाया है। वह इससे खुश नहीं हैं। यही कारण है कि कर्मचारियों ने घुटनों के बल चलकर संवाद रैली निकाली।
रैली में छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों के कर्मचारी तूता इलाके में पहुंचे। उन्होंने रैली में हिस्सा लिया। इस रैली में दिव्यांग और महिलाएं अपने बच्चों को लेकर पहुंची थी। उन्होंने सरकार के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें तीन दिन के भीतर संवाद की मांग रखी गई है।
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राज्य में संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनकी प्रमुख मांग नियमितीकरण की है। हालांकि, राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों को बड़ी सौगात देकर उनके वेतनमान में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। इसके बावजूद संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग पर अड़े हुए हैं और उनकी हड़ताल जारी है।
संविदा कर्मचारी महासंघ की लगातार सरकार से मांग है कि वह उनसे संवाद करे। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने संवाद किए बिना ही 27 फीसदी वेतन बढ़ाया है। वह इससे खुश नहीं हैं। यही कारण है कि कर्मचारियों ने घुटनों के बल चलकर संवाद रैली निकाली।
रैली में छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों के कर्मचारी तूता इलाके में पहुंचे। उन्होंने रैली में हिस्सा लिया। इस रैली में दिव्यांग और महिलाएं अपने बच्चों को लेकर पहुंची थी। उन्होंने सरकार के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें तीन दिन के भीतर संवाद की मांग रखी गई है।
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राज्य में संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनकी प्रमुख मांग नियमितीकरण की है। हालांकि, राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों को बड़ी सौगात देकर उनके वेतनमान में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। इसके बावजूद संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग पर अड़े हुए हैं और उनकी हड़ताल जारी है।
संविदा कर्मचारी महासंघ की लगातार सरकार से मांग है कि वह उनसे संवाद करे। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने संवाद किए बिना ही 27 फीसदी वेतन बढ़ाया है। वह इससे खुश नहीं हैं। यही कारण है कि कर्मचारियों ने घुटनों के बल चलकर संवाद रैली निकाली।
रैली में छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों के कर्मचारी तूता इलाके में पहुंचे। उन्होंने रैली में हिस्सा लिया। इस रैली में दिव्यांग और महिलाएं अपने बच्चों को लेकर पहुंची थी। उन्होंने सरकार के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें तीन दिन के भीतर संवाद की मांग रखी गई है।
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राज्य में संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनकी प्रमुख मांग नियमितीकरण की है। हालांकि, राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों को बड़ी सौगात देकर उनके वेतनमान में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। इसके बावजूद संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग पर अड़े हुए हैं और उनकी हड़ताल जारी है।
संविदा कर्मचारी महासंघ की लगातार सरकार से मांग है कि वह उनसे संवाद करे। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने संवाद किए बिना ही 27 फीसदी वेतन बढ़ाया है। वह इससे खुश नहीं हैं। यही कारण है कि कर्मचारियों ने घुटनों के बल चलकर संवाद रैली निकाली।
रैली में छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों के कर्मचारी तूता इलाके में पहुंचे। उन्होंने रैली में हिस्सा लिया। इस रैली में दिव्यांग और महिलाएं अपने बच्चों को लेकर पहुंची थी। उन्होंने सरकार के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें तीन दिन के भीतर संवाद की मांग रखी गई है।
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राज्य में संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनकी प्रमुख मांग नियमितीकरण की है। हालांकि, राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों को बड़ी सौगात देकर उनके वेतनमान में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। इसके बावजूद संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग पर अड़े हुए हैं और उनकी हड़ताल जारी है।
संविदा कर्मचारी महासंघ की लगातार सरकार से मांग है कि वह उनसे संवाद करे। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने संवाद किए बिना ही 27 फीसदी वेतन बढ़ाया है। वह इससे खुश नहीं हैं। यही कारण है कि कर्मचारियों ने घुटनों के बल चलकर संवाद रैली निकाली।
रैली में छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों के कर्मचारी तूता इलाके में पहुंचे। उन्होंने रैली में हिस्सा लिया। इस रैली में दिव्यांग और महिलाएं अपने बच्चों को लेकर पहुंची थी। उन्होंने सरकार के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें तीन दिन के भीतर संवाद की मांग रखी गई है।
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राज्य में संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनकी प्रमुख मांग नियमितीकरण की है। हालांकि, राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों को बड़ी सौगात देकर उनके वेतनमान में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। इसके बावजूद संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग पर अड़े हुए हैं और उनकी हड़ताल जारी है।
संविदा कर्मचारी महासंघ की लगातार सरकार से मांग है कि वह उनसे संवाद करे। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने संवाद किए बिना ही 27 फीसदी वेतन बढ़ाया है। वह इससे खुश नहीं हैं। यही कारण है कि कर्मचारियों ने घुटनों के बल चलकर संवाद रैली निकाली।
रैली में छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों के कर्मचारी तूता इलाके में पहुंचे। उन्होंने रैली में हिस्सा लिया। इस रैली में दिव्यांग और महिलाएं अपने बच्चों को लेकर पहुंची थी। उन्होंने सरकार के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें तीन दिन के भीतर संवाद की मांग रखी गई है।
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राज्य में संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनकी प्रमुख मांग नियमितीकरण की है। हालांकि, राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों को बड़ी सौगात देकर उनके वेतनमान में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। इसके बावजूद संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग पर अड़े हुए हैं और उनकी हड़ताल जारी है।
संविदा कर्मचारी महासंघ की लगातार सरकार से मांग है कि वह उनसे संवाद करे। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने संवाद किए बिना ही 27 फीसदी वेतन बढ़ाया है। वह इससे खुश नहीं हैं। यही कारण है कि कर्मचारियों ने घुटनों के बल चलकर संवाद रैली निकाली।
रैली में छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों के कर्मचारी तूता इलाके में पहुंचे। उन्होंने रैली में हिस्सा लिया। इस रैली में दिव्यांग और महिलाएं अपने बच्चों को लेकर पहुंची थी। उन्होंने सरकार के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें तीन दिन के भीतर संवाद की मांग रखी गई है।
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राज्य में संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनकी प्रमुख मांग नियमितीकरण की है। हालांकि, राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों को बड़ी सौगात देकर उनके वेतनमान में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। इसके बावजूद संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग पर अड़े हुए हैं और उनकी हड़ताल जारी है।
संविदा कर्मचारी महासंघ की लगातार सरकार से मांग है कि वह उनसे संवाद करे। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने संवाद किए बिना ही 27 फीसदी वेतन बढ़ाया है। वह इससे खुश नहीं हैं। यही कारण है कि कर्मचारियों ने घुटनों के बल चलकर संवाद रैली निकाली।
रैली में छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों के कर्मचारी तूता इलाके में पहुंचे। उन्होंने रैली में हिस्सा लिया। इस रैली में दिव्यांग और महिलाएं अपने बच्चों को लेकर पहुंची थी। उन्होंने सरकार के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें तीन दिन के भीतर संवाद की मांग रखी गई है।
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राज्य में संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनकी प्रमुख मांग नियमितीकरण की है। हालांकि, राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों को बड़ी सौगात देकर उनके वेतनमान में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। इसके बावजूद संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग पर अड़े हुए हैं और उनकी हड़ताल जारी है।
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रैली में छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों के कर्मचारी तूता इलाके में पहुंचे। उन्होंने रैली में हिस्सा लिया। इस रैली में दिव्यांग और महिलाएं अपने बच्चों को लेकर पहुंची थी। उन्होंने सरकार के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें तीन दिन के भीतर संवाद की मांग रखी गई है।
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राज्य में संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनकी प्रमुख मांग नियमितीकरण की है। हालांकि, राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों को बड़ी सौगात देकर उनके वेतनमान में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। इसके बावजूद संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग पर अड़े हुए हैं और उनकी हड़ताल जारी है।
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रैली में छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों के कर्मचारी तूता इलाके में पहुंचे। उन्होंने रैली में हिस्सा लिया। इस रैली में दिव्यांग और महिलाएं अपने बच्चों को लेकर पहुंची थी। उन्होंने सरकार के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें तीन दिन के भीतर संवाद की मांग रखी गई है।
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राज्य में संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनकी प्रमुख मांग नियमितीकरण की है। हालांकि, राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों को बड़ी सौगात देकर उनके वेतनमान में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। इसके बावजूद संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग पर अड़े हुए हैं और उनकी हड़ताल जारी है।
संविदा कर्मचारी महासंघ की लगातार सरकार से मांग है कि वह उनसे संवाद करे। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने संवाद किए बिना ही 27 फीसदी वेतन बढ़ाया है। वह इससे खुश नहीं हैं। यही कारण है कि कर्मचारियों ने घुटनों के बल चलकर संवाद रैली निकाली।
रैली में छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों के कर्मचारी तूता इलाके में पहुंचे। उन्होंने रैली में हिस्सा लिया। इस रैली में दिव्यांग और महिलाएं अपने बच्चों को लेकर पहुंची थी। उन्होंने सरकार के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें तीन दिन के भीतर संवाद की मांग रखी गई है।
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राज्य में संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनकी प्रमुख मांग नियमितीकरण की है। हालांकि, राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों को बड़ी सौगात देकर उनके वेतनमान में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। इसके बावजूद संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग पर अड़े हुए हैं और उनकी हड़ताल जारी है।
संविदा कर्मचारी महासंघ की लगातार सरकार से मांग है कि वह उनसे संवाद करे। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने संवाद किए बिना ही 27 फीसदी वेतन बढ़ाया है। वह इससे खुश नहीं हैं। यही कारण है कि कर्मचारियों ने घुटनों के बल चलकर संवाद रैली निकाली।
रैली में छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों के कर्मचारी तूता इलाके में पहुंचे। उन्होंने रैली में हिस्सा लिया। इस रैली में दिव्यांग और महिलाएं अपने बच्चों को लेकर पहुंची थी। उन्होंने सरकार के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें तीन दिन के भीतर संवाद की मांग रखी गई है।
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रायपुर, 26 जुलाई (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के संविदा कर्मचारियों ने नियमित करने की मांग को लेकर बुधवार को अनोखा प्रदर्शन किया। संविदा कर्मियों ने घुटनों के बल चलकर संवाद रैली निकाली। इसमें सैकड़ों कर्मचारी शामिल हुए।
राज्य में संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनकी प्रमुख मांग नियमितीकरण की है। हालांकि, राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों को बड़ी सौगात देकर उनके वेतनमान में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। इसके बावजूद संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग पर अड़े हुए हैं और उनकी हड़ताल जारी है।
संविदा कर्मचारी महासंघ की लगातार सरकार से मांग है कि वह उनसे संवाद करे। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने संवाद किए बिना ही 27 फीसदी वेतन बढ़ाया है। वह इससे खुश नहीं हैं। यही कारण है कि कर्मचारियों ने घुटनों के बल चलकर संवाद रैली निकाली।
रैली में छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों के कर्मचारी तूता इलाके में पहुंचे। उन्होंने रैली में हिस्सा लिया। इस रैली में दिव्यांग और महिलाएं अपने बच्चों को लेकर पहुंची थी। उन्होंने सरकार के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें तीन दिन के भीतर संवाद की मांग रखी गई है।
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राज्य में संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनकी प्रमुख मांग नियमितीकरण की है। हालांकि, राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों को बड़ी सौगात देकर उनके वेतनमान में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। इसके बावजूद संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग पर अड़े हुए हैं और उनकी हड़ताल जारी है।
संविदा कर्मचारी महासंघ की लगातार सरकार से मांग है कि वह उनसे संवाद करे। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने संवाद किए बिना ही 27 फीसदी वेतन बढ़ाया है। वह इससे खुश नहीं हैं। यही कारण है कि कर्मचारियों ने घुटनों के बल चलकर संवाद रैली निकाली।
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