नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि उनका ‘अहंकार देश को वैसे ही जला रहा है, जैसे रावण के अहंकार ने लंका को जला दिया था।’
सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दूसरे दिन उन्होंने कहा, “अगर हम लोगों की आवाज सुनना चाहते हैं, तो हमें अपने अहंकार को कुचलना होगा। लंका को हनुमान ने नहीं जलाया, बल्कि इसे रावण के अहंकार ने जलाया था। राम ने रावण को नहीं मारा बल्कि रावण के अहंकार ने उसे मारा।
”आप पूरे भारत में मिट्टी का तेल फेंक रहे हैं। आपने मणिपुर में मिट्टी का तेल फेंका और फिर आग लगा दी। अब आप हरियाणा में ऐसा कर रहे हैं। आप पूरे भारत को जलाने की कोशिश कर रहे हैं और आप भारत को मारने की कोशिश कर रहे हैं।”
लोकसभा में अपना भाषण शुरू करने से पहले राहुल गांधी ने सबसे पहले उनकी सदस्यता दोबारा बहाल करने के लिए स्पीकर ओम बिरला को धन्यवाद दिया।
उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा, “पिछली बार जब मैंने बात की थी, तो हो सकता है कि मैंने आपको परेशानी पहुंचाई हो। उसके लिए मैं आपसे माफी मांगता हूं। लेकिन मैंने सच बोला। आज भाजपा में मेरे दोस्तों को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि आज का मेरा भाषण उस पर नहीं है।”
इसके बाद सत्तापक्ष के सदस्यों ने उनकी टिप्पणियों पर आपत्ति जताई।
राहुल गांधी ने मशहूर कवि रूमी के शब्दों का जिक्र करते हुए कहा, ”रूमी ने कहा था ‘जो शब्द दिल से आते हैं, वो शब्द दिल में जाते हैं’।
उन्होंने कहा, ”इसलिए मैं अपने दिमाग से नहीं बल्कि अपने दिल से बोलूंगा।” उन्होंने कहा कि पिछले साल 130 से अधिक दिन तक मैं भारत के एक कोने से दूसरे कोने तक पैदल चला, अकेले नहीं बल्कि कई लोगों के साथ।
इस पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने फिर शोर मचाया।
उन्होंने कहा, “जब मैंने (भारत जोड़ो यात्रा) शुरुआत की की, तो मेरे मन में था कि अगर मैं हर दिन 8-10 किमी दौड़ सकता हूं तो 25 किमी पैदल चलना कोई बड़ी बात नहीं है। आज, जब मैं इसे देखता हूं – तो यह अहंकार था। लेकिन भारत एक सेकंड में अहंकार मिटा देता है। दो-तीन दिन में ही घुटनों में दर्द होने लगा, पुरानी चोट थी। पहले ही कुछ दिन में भेड़िया चींटी बन गया। पूरे का पूरा अहंकार गायब हो गया।”
तमिलनाडु के कन्याकुमारी से जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर तक की यात्रा के अपने अनुभव को साझा करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि पहले कुछ दिन में उन्होंने लोगों से अपने मन की बात कही, लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने उनकी बात सुननी शुरू कर दी और फिर उन्होंने उनका दर्द साझा किया।
कांग्रेस सदस्य ने कहा, “जब मैंने लोगों की आवाज़ सुननी शुरू की और उनका दर्द समझा, तो यात्रा पूरी तरह से बदल गई। मैं भीड़ की आवाज नहीं सुन सका, लेकिन जिन लोगों ने मुझसे बात की, उनकी आवाज, उनका दर्द, उनके घाव और उनके शब्द मेरे बन गए।”
उन्होंने कहा, “यह देश लोगों की, उनके दर्द और उनकी कठिनाइयों की आवाज़ है। अगर आवाज सुननी है तो अहंकार को, इच्छाओं को, सपनों को मिटाना होगा। जब हम अपने सपनों को दूर करेंगे तभी हम भारत की आवाज सुन सकेंगे।”
उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान यह सब कहने का मकसद यह बताना है कि ”अगर हमें भारत की आवाज़ सुननी है तो हमें नफरत को दूर करना होगा।”
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ”जब मैंने कहा कि भारत जन-जन की आवाज है, दिल की आवाज है तो उस आवाज की भारत में हत्या कर दी गई। इसका मतलब है कि मणिपुर में भारत माता की हत्या कर दी गई है। मणिपुर के लोगों को मारकर आपने मणिपुर की हत्या कर दी है। आप राष्ट्र-विरोधी हैं क्योंकि आपने भारत माता की हत्या की है।”
उन्होंने कहा, ”यही कारण है कि आपके प्रधानमंत्री मणिपुर नहीं जा सकते क्योंकि उन्होंने मणिपुर में और मणिपुर के लोगों के दिलों में भारत की हत्या कर दी है।”
उन्होंने कहा कि जब तक आप (भाजपा) हिंसा बंद नहीं करते तब तक आप भारत की हत्या कर रहे हैं।
कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि सशस्त्र बल एक दिन में स्थिति सामान्य बना सकते हैं, लेकिन केंद्र सरकार इसका उपयोग नहीं कर रही क्योंकि ”आप मणिपुर में भारत को मारना चाहते हैं।”
–आईएएनएस