नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। दशहरा पर्व के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किला पर आयोजित रामलीला में पहुंचे। यहां श्री धार्मिक रामलीला में राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम को तिलक लगाकर उनकी वंदना की। यहां प्रधानमंत्री की मौजूदगी में राम रावण युद्ध का आयोजन किया गया।
पूरे देश में विजयदशमी का जश्न मनाया जा रहा है। असत्य पर सत्य की जीत के त्यौहार का भव्य आयोजन किया जा रहा है। थोड़ी देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांकेतिक रूप से धनुष बाण चला करके रावण का वध करेंगे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को त्रिशूल भेंट किया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गदा भेंट की गई। यहां पहुंच कर प्रधानमंत्री ने राम लक्ष्मण और सीता की पूजा अर्चना की और उनकी आरती उतारी।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों ने ही एक साथ सांकेतिक रूप से रावण दहन किया। दोनों ने ही धनुष बाण हाथ में लेकर सांकेतिक रूप से उसे चला कर बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाया है। उनके बाण चलाने के बाद सबसे पहले मेघनाथ का पुतला जलने लगा। उसके बाद कुंभकरण के पुतले का दहन हुआ और फिर अंत में रावण के पुतले का दहन हुआ। सूर्यास्त होने के साथ-साथ इस रावण दहन के कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। इसके साथ ही राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया।
इसके साथ ही पूरे देश भर में रावण दहन का कार्यक्रम शुरू हो चुका है देश के अलग-अलग हिस्सों में रावण दहन किया जा रहा है। देशभर में इस बार रामलीलाओं में सनातन धर्म का जमकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
–आईएएनएस
पीकेटी/एएस
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नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। दशहरा पर्व के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किला पर आयोजित रामलीला में पहुंचे। यहां श्री धार्मिक रामलीला में राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम को तिलक लगाकर उनकी वंदना की। यहां प्रधानमंत्री की मौजूदगी में राम रावण युद्ध का आयोजन किया गया।
पूरे देश में विजयदशमी का जश्न मनाया जा रहा है। असत्य पर सत्य की जीत के त्यौहार का भव्य आयोजन किया जा रहा है। थोड़ी देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांकेतिक रूप से धनुष बाण चला करके रावण का वध करेंगे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को त्रिशूल भेंट किया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गदा भेंट की गई। यहां पहुंच कर प्रधानमंत्री ने राम लक्ष्मण और सीता की पूजा अर्चना की और उनकी आरती उतारी।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों ने ही एक साथ सांकेतिक रूप से रावण दहन किया। दोनों ने ही धनुष बाण हाथ में लेकर सांकेतिक रूप से उसे चला कर बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाया है। उनके बाण चलाने के बाद सबसे पहले मेघनाथ का पुतला जलने लगा। उसके बाद कुंभकरण के पुतले का दहन हुआ और फिर अंत में रावण के पुतले का दहन हुआ। सूर्यास्त होने के साथ-साथ इस रावण दहन के कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। इसके साथ ही राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया।
इसके साथ ही पूरे देश भर में रावण दहन का कार्यक्रम शुरू हो चुका है देश के अलग-अलग हिस्सों में रावण दहन किया जा रहा है। देशभर में इस बार रामलीलाओं में सनातन धर्म का जमकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
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नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। दशहरा पर्व के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किला पर आयोजित रामलीला में पहुंचे। यहां श्री धार्मिक रामलीला में राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम को तिलक लगाकर उनकी वंदना की। यहां प्रधानमंत्री की मौजूदगी में राम रावण युद्ध का आयोजन किया गया।
पूरे देश में विजयदशमी का जश्न मनाया जा रहा है। असत्य पर सत्य की जीत के त्यौहार का भव्य आयोजन किया जा रहा है। थोड़ी देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांकेतिक रूप से धनुष बाण चला करके रावण का वध करेंगे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को त्रिशूल भेंट किया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गदा भेंट की गई। यहां पहुंच कर प्रधानमंत्री ने राम लक्ष्मण और सीता की पूजा अर्चना की और उनकी आरती उतारी।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों ने ही एक साथ सांकेतिक रूप से रावण दहन किया। दोनों ने ही धनुष बाण हाथ में लेकर सांकेतिक रूप से उसे चला कर बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाया है। उनके बाण चलाने के बाद सबसे पहले मेघनाथ का पुतला जलने लगा। उसके बाद कुंभकरण के पुतले का दहन हुआ और फिर अंत में रावण के पुतले का दहन हुआ। सूर्यास्त होने के साथ-साथ इस रावण दहन के कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। इसके साथ ही राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया।
इसके साथ ही पूरे देश भर में रावण दहन का कार्यक्रम शुरू हो चुका है देश के अलग-अलग हिस्सों में रावण दहन किया जा रहा है। देशभर में इस बार रामलीलाओं में सनातन धर्म का जमकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
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पूरे देश में विजयदशमी का जश्न मनाया जा रहा है। असत्य पर सत्य की जीत के त्यौहार का भव्य आयोजन किया जा रहा है। थोड़ी देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांकेतिक रूप से धनुष बाण चला करके रावण का वध करेंगे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को त्रिशूल भेंट किया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गदा भेंट की गई। यहां पहुंच कर प्रधानमंत्री ने राम लक्ष्मण और सीता की पूजा अर्चना की और उनकी आरती उतारी।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों ने ही एक साथ सांकेतिक रूप से रावण दहन किया। दोनों ने ही धनुष बाण हाथ में लेकर सांकेतिक रूप से उसे चला कर बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाया है। उनके बाण चलाने के बाद सबसे पहले मेघनाथ का पुतला जलने लगा। उसके बाद कुंभकरण के पुतले का दहन हुआ और फिर अंत में रावण के पुतले का दहन हुआ। सूर्यास्त होने के साथ-साथ इस रावण दहन के कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। इसके साथ ही राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया।
इसके साथ ही पूरे देश भर में रावण दहन का कार्यक्रम शुरू हो चुका है देश के अलग-अलग हिस्सों में रावण दहन किया जा रहा है। देशभर में इस बार रामलीलाओं में सनातन धर्म का जमकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
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प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों ने ही एक साथ सांकेतिक रूप से रावण दहन किया। दोनों ने ही धनुष बाण हाथ में लेकर सांकेतिक रूप से उसे चला कर बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाया है। उनके बाण चलाने के बाद सबसे पहले मेघनाथ का पुतला जलने लगा। उसके बाद कुंभकरण के पुतले का दहन हुआ और फिर अंत में रावण के पुतले का दहन हुआ। सूर्यास्त होने के साथ-साथ इस रावण दहन के कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। इसके साथ ही राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया।
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प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों ने ही एक साथ सांकेतिक रूप से रावण दहन किया। दोनों ने ही धनुष बाण हाथ में लेकर सांकेतिक रूप से उसे चला कर बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाया है। उनके बाण चलाने के बाद सबसे पहले मेघनाथ का पुतला जलने लगा। उसके बाद कुंभकरण के पुतले का दहन हुआ और फिर अंत में रावण के पुतले का दहन हुआ। सूर्यास्त होने के साथ-साथ इस रावण दहन के कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। इसके साथ ही राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया।
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पूरे देश में विजयदशमी का जश्न मनाया जा रहा है। असत्य पर सत्य की जीत के त्यौहार का भव्य आयोजन किया जा रहा है। थोड़ी देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांकेतिक रूप से धनुष बाण चला करके रावण का वध करेंगे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को त्रिशूल भेंट किया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गदा भेंट की गई। यहां पहुंच कर प्रधानमंत्री ने राम लक्ष्मण और सीता की पूजा अर्चना की और उनकी आरती उतारी।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों ने ही एक साथ सांकेतिक रूप से रावण दहन किया। दोनों ने ही धनुष बाण हाथ में लेकर सांकेतिक रूप से उसे चला कर बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाया है। उनके बाण चलाने के बाद सबसे पहले मेघनाथ का पुतला जलने लगा। उसके बाद कुंभकरण के पुतले का दहन हुआ और फिर अंत में रावण के पुतले का दहन हुआ। सूर्यास्त होने के साथ-साथ इस रावण दहन के कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। इसके साथ ही राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया।
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पूरे देश में विजयदशमी का जश्न मनाया जा रहा है। असत्य पर सत्य की जीत के त्यौहार का भव्य आयोजन किया जा रहा है। थोड़ी देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांकेतिक रूप से धनुष बाण चला करके रावण का वध करेंगे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को त्रिशूल भेंट किया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गदा भेंट की गई। यहां पहुंच कर प्रधानमंत्री ने राम लक्ष्मण और सीता की पूजा अर्चना की और उनकी आरती उतारी।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों ने ही एक साथ सांकेतिक रूप से रावण दहन किया। दोनों ने ही धनुष बाण हाथ में लेकर सांकेतिक रूप से उसे चला कर बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाया है। उनके बाण चलाने के बाद सबसे पहले मेघनाथ का पुतला जलने लगा। उसके बाद कुंभकरण के पुतले का दहन हुआ और फिर अंत में रावण के पुतले का दहन हुआ। सूर्यास्त होने के साथ-साथ इस रावण दहन के कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। इसके साथ ही राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया।
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प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों ने ही एक साथ सांकेतिक रूप से रावण दहन किया। दोनों ने ही धनुष बाण हाथ में लेकर सांकेतिक रूप से उसे चला कर बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाया है। उनके बाण चलाने के बाद सबसे पहले मेघनाथ का पुतला जलने लगा। उसके बाद कुंभकरण के पुतले का दहन हुआ और फिर अंत में रावण के पुतले का दहन हुआ। सूर्यास्त होने के साथ-साथ इस रावण दहन के कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। इसके साथ ही राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया।
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पूरे देश में विजयदशमी का जश्न मनाया जा रहा है। असत्य पर सत्य की जीत के त्यौहार का भव्य आयोजन किया जा रहा है। थोड़ी देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांकेतिक रूप से धनुष बाण चला करके रावण का वध करेंगे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को त्रिशूल भेंट किया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गदा भेंट की गई। यहां पहुंच कर प्रधानमंत्री ने राम लक्ष्मण और सीता की पूजा अर्चना की और उनकी आरती उतारी।
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पूरे देश में विजयदशमी का जश्न मनाया जा रहा है। असत्य पर सत्य की जीत के त्यौहार का भव्य आयोजन किया जा रहा है। थोड़ी देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांकेतिक रूप से धनुष बाण चला करके रावण का वध करेंगे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को त्रिशूल भेंट किया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गदा भेंट की गई। यहां पहुंच कर प्रधानमंत्री ने राम लक्ष्मण और सीता की पूजा अर्चना की और उनकी आरती उतारी।
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नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। दशहरा पर्व के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किला पर आयोजित रामलीला में पहुंचे। यहां श्री धार्मिक रामलीला में राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम को तिलक लगाकर उनकी वंदना की। यहां प्रधानमंत्री की मौजूदगी में राम रावण युद्ध का आयोजन किया गया।
पूरे देश में विजयदशमी का जश्न मनाया जा रहा है। असत्य पर सत्य की जीत के त्यौहार का भव्य आयोजन किया जा रहा है। थोड़ी देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांकेतिक रूप से धनुष बाण चला करके रावण का वध करेंगे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को त्रिशूल भेंट किया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गदा भेंट की गई। यहां पहुंच कर प्रधानमंत्री ने राम लक्ष्मण और सीता की पूजा अर्चना की और उनकी आरती उतारी।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों ने ही एक साथ सांकेतिक रूप से रावण दहन किया। दोनों ने ही धनुष बाण हाथ में लेकर सांकेतिक रूप से उसे चला कर बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाया है। उनके बाण चलाने के बाद सबसे पहले मेघनाथ का पुतला जलने लगा। उसके बाद कुंभकरण के पुतले का दहन हुआ और फिर अंत में रावण के पुतले का दहन हुआ। सूर्यास्त होने के साथ-साथ इस रावण दहन के कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। इसके साथ ही राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया।
इसके साथ ही पूरे देश भर में रावण दहन का कार्यक्रम शुरू हो चुका है देश के अलग-अलग हिस्सों में रावण दहन किया जा रहा है। देशभर में इस बार रामलीलाओं में सनातन धर्म का जमकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है।