नई दिल्ली, 21 जून (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित देश के कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी योग कार्यक्रमों में शामिल होकर योग किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में योग किया। जगदीप धनखड़ ने मध्य प्रदेश के जबलपुर में आयोजित कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ योग किया।
ओम बिरला ने संसद भवन परिसर में आयोजित योग कार्यक्रम का नेतृत्व किया। वहीं देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अपने दिल्ली आवास पर योग किया।
दिल्ली से भाजपा के लोक सभा सांसद मनोज तिवारी ने यमुना नदी पर योग किया तो वहीं केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली के पुराना किला पर आयोजित योग कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने योग करती हुई अपनी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की सभी को बधाई। योग हमारी सभ्यता की महान उपलब्धियों में से एक है, और पूरे विश्व के लिए भारत की एक महान सौगात है। योग, शरीर और मन के बीच संतुलन स्थापित करता है। योग, जीवन के प्रति एक समग्र ²ष्टिकोण है। योग हमारे जीवन में बढ़ती चुनौतियों का सामना करने के लिए हम सभी को और अधिक सक्षम बनाता है। आज के दिन, मैं सभी लोगों से अपने दैनिक जीवन में योग को अपनाने और इसकी परिवर्तनकारी शक्ति का अनुभव करने का आग्रह करती हूं।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस विश्व-बंधुत्व के संदेश का दिवस है। इस वर्ष का थीम वसुधैव कुटुम्बकम् के लिए योग हमारी साझी आकांक्षाओं और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है। यह इस साल भारत की मेजबानी में आयोजित किए जा रहे जी 20 शिखर सम्मेलन की विषयवस्तु के भी पूर्णत: अनुकूल है। योग को विश्व के पटल पर लाने का सार्थक सफल प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को सयुंक्त राष्ट्र महासभा के 69 सत्र मे अपने उद्बोधन में किया। संयुक्त राष्ट्र द्वारा इतने अधिक वोटों से और कम से कम समय में योग को अंतर्राष्ट्रीय रूप में स्वीकृति देना भारतीय नेतृत्व की दूर²ष्टि की स्वीकृति है।
लोकसभा अध्यक्ष ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की बधाई देते हुए कहा, योग सिर्फ मन और चित्त को स्वस्थ रखने का साधन नहीं है बल्कि यह सम्पूर्णता की ओर ले जाने का भी सशक्त माध्यम है। योग व्यक्ति में आत्मबल उत्पन्न करता है, उसकी चेतना और विवेक को एक सकारात्मक दिशा देता है।
–आईएएनएस
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