नई दिल्ली, 13 मई (आईएएनएस)। जालंधर लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद आम आदमी पार्टी का कहना है कि पंजाब की जनता ने यहां परिवारवाद को हराया है। आम आदमी पार्टी ने लोकसभा में नए सिरे से अपना खाता खोला है। 2014 में पार्टी की लोकसभा की 4 सीटें थीं, लेकिन 2019 में एक सीट रह गई थी। वहीं जब भगवंत मान पंजाब के मुख्यमंत्री बने तो एक भी लोकसभा की सीट नहीं बची थी। यानी अब आम आदमी पार्टी की लोकसभा में एक सीट से एंट्री हो रही है। भाजपा ने यहां चरणजीत सिंह अटवाल के बेटे को टिकट दिया था। वहीं कांग्रेस ने संतोष सिंह चौधरी की पत्नी को टिकट दिया था।
शनिवार को दिल्ली में मौजूद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब विधानसभा में हमारे 92 विधायक और दिल्ली विधानसभा में 63 विधायक हैं। इसके अलावा गुजरात विधानसभा में 5 और गोवा विधानसभा में 2 विधायक हैं। साथ ही राज्यसभा में 10 सांसद और लोकसभा में आज से एक सांसद है। राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद ऐसी कोई संवैधानिक संस्था नहीं है, जिसमें हमारा हिस्सा न हो। आम आदमी पार्टी के वालंटियर घर से निकलकर और अपनी जेब से खर्च करके काम करते हैं, यह उनकी जीत है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने पंजाब को बहुत समय दिया, यह उनकी जीत है।
लोकसभा की जालंधर सीट पर हुए उपचुनाव का नतीजा शनिवार को आया है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की करीब 14 माह पहले बनी सरकार के कामों पर लोगों ने मुहर लगाई है। सीएम ने कहा कि हम धर्म और जाति की राजनीति नहीं करते हैं। हम चुनावों के दौरान पंजाब में बनाए गए 580 मोहल्ला क्लीनिकों को गिना रहे थे। स्कूल ऑफ एमिनेंस, जीरो बिजली के बिल, इंफ्रास्ट्रक्च र के नाम पर वोट मांग रहे थे। हम व्यापारी, किसान, मजदूरों की भलाई की बात कर रहे थे। यह अच्छे संकेत है कि लोग सकारात्मक राजनीति को पसंद कर रहे हैं। इसकी शुरूआत दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने से हुई थी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने जो काफिला रामलीला मैदान से शुरू किया था, वह आज राष्ट्रीय पार्टी के रूप में बहुत बड़ा बन गया है।
सीएम भगवंत मान ने कहा कि जिन लोगों ने हमें मान सम्मान दिया, हम उनके आभारी हैं। जिन्होंने हमें गालियां और आपत्तिजनक टिप्पणियां की, हम चाहते हैं कि उनका भी जीवन बेहतर बने। उनको पता चल गया होगा कि गलत आरोपों पर कोई ध्यान नहीं देता है। लोग चाहते हैं कि बच्चों को अच्छी शिक्षा और रोजगार मिले। उनके बिजली के बिल फ्री हो जाएं और बुजुर्गों को मुफ्त अच्छा इलाज मिले। शायद आने वाले दिनों में जो भटके हुए लोग हैं, वह शायद अपनी लाइन को बदल लें। एक दूसरे पर कीचड़ फेंकने की राजनीति के बजाए, हमें विकास की बातें करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पंजाब में जब 92 सीट जीतने के बाद अरविंद केजरीवाल ने मुझे मुख्यमंत्री का दायित्व दिया था, तब भी मैंने यही कहा था कि जीतने के बाद अहंकार नहीं करना है। हमारी जिम्मेदारी बड़ी है। इसलिए और मेहनत से काम करना है। जालंधर के लोगों ने इतना भरोसा किया है तो हमें और जिम्मेदारी से काम करना होगा। जालंधर सहित सभी शहरों को चमकाकर देश में पंजाब को नंबर वन बनाना है। जालंधर में जीत के बाद हमारा हौंसला बहुत बढ़ गया है। क्योंकि जब हम प्रचार करने जाते थे तो लोगों को कहते थे कि 11 महीने बाद 2024 में फिर चुनाव होगा। इन दिनों के भीतर हम इतना काम करेंगे कि हाथ जोड़कर वोट न मांगने पड़ें। अगली बार हमारे कामों के आधार पर वोट मिल जाएं। अब जालंधर की आवाज लोकसभा में पंजाब की आवाज बनकर गुंजेगी। बीजेपी, अकाली दल, बीएसपी कांग्रेस सब इकट्ठे होकर चुनाव लड़े थे। बस इनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस ही अलग-अलग होती थी। इसके बावजूद करीब 60 हजार वोटों से जीते हैं। लोगों ने इन सबको नकार दिया और आम आदमी पार्टी के कामों पर मुहर लगाई है।
–आईएएनएस
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