पटना, 19 सितंबर (आईएएनएस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ‘वोट चोरी’ आरोपों पर चुनाव आयोग का बचाव करते हुए कहा कि इस बार आयोग ने राहुल गांधी को सख्त हिदायत दी है कि कोई भी दावा करने से पहले सबूत पेश करें।
जदय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “अगर आप आरोपों के जरिए निर्वाचन तंत्र की वैधता को बार-बार चुनौती देते हैं, तो आयोग को भी अधिकार है कि आपसे पूछे बगैर सबूत का सिलसिला कब तक जारी रखेंगे। लगातार दावे करना और फिर गायब हो जाना राहुल गांधी की शैली का हिस्सा है। इस बार आयोग ने उन्हें सख्त हिदायत दी है कि कोई भी दावा करने से पहले सबूत पेश करें।”
राजीव रंजन ने आगे कहा, “भारत के नौजवान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन 2047 से जुड़कर खुद को देख रहे हैं। यहां कोई सत्ता-विरोधी लहर नहीं हो सकती। नौजवानों ने अगर देश के पड़ोसी मुल्कों में कुछ घटनाओं में शामिल होने का फैसला किया, तो वहां के स्थानीय कारण थे। लेकिन यहां किसी व्यवस्था परिवर्तन के मुद्दे की जनता में कहीं जगह नहीं बनती। लोग रोजगार, नौकरी, प्रौद्योगिकी और विकास के सभी आयाम हासिल करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत एक बड़ी महाशक्ति बनकर उभर रहा है। नौजवानों में सबसे ज्यादा संख्या में लोग प्रधानमंत्री के समर्थक हैं और यहां की जनता को पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरा भरोसा है।”
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के ‘सरकार बनेगी तो हर हाथ में रोजगार-नौकरी देंगे’ वाले बयान पर राजीव रंजन ने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव को यह बोलना चाहिए कि मुझे अभी नेता प्रतिपक्ष बनने का मौका मिला है। मेरे पिता सजायाफ्ता होने के बावजूद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हुए हैं। माताजी विधान परिषद की नेता बनी हुई हैं। परिवार के अन्य सदस्य सांसद और अन्य सदनों में हैं, तो ऐसी स्थिति में अधिकार दीजिए कि जो बचे हुए सदस्य हैं, उनका भी कुछ हो जाए। उनकी यात्रा परिवार सशक्तिकरण की यात्रा में तब्दील हो गई है।”
कर्नाटक सरकार की जातिगत जनगणना रिपोर्ट को लेकर मंत्रियों के बीच हुई बहस पर राजीव रंजन ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “यह कांग्रेस का अतीत, वर्तमान और भविष्य है। आरक्षण और जातिगत जनगणना के पैरोकार बनने की कोशिश कर रहे राहुल गांधी ने अपने 6 दशकों के शासनकाल में पिछड़ों, अति पिछड़ों और दलितों को सबसे ज्यादा ठगा है।”
–आईएएनएस
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