नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोप के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है।
इस मुद्दे पर भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि बतौर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का व्यवहार गैर जिम्मेदाराना है। अगर चुनाव आयोग उनसे बयान देने के लिए कह रहा है, तो वह कह रहे हैं कि उन्होंने अखबारों को जो दिया है, वही उनका आधिकारिक बयान है, यह उचित नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि वह एक संवैधानिक संस्था से कह रहे हैं कि मीडिया को दिया गया बयान ही उनका आधिकारिक बयान है। आप एक संवैधानिक संस्था पर इतने गंभीर आरोप लगा रहे हैं। इतने गंभीर आरोप लगाने के बाद भी आप लिखित में देने या सबूत पेश करने को तैयार नहीं हैं। यानी आप चुनाव आयोग को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। यह नहीं चलेगा। अगर उनके पास कोई सबूत है तो उन्हें पेश करना होगा। वरना उन्हें शर्म आनी चाहिए और माफी मांगनी चाहिए।
राहुल गांधी पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि उनकी अपनी ही पार्टी में कोई उन पर विश्वास नहीं करता। अगर उनकी अपनी पार्टी के लोग ही उन्हें गंभीरता से नहीं लेते तो देश भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेगा। मुझे लगता है कि देश को भी उनकी बातों को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है।
वहीं, चुनाव आयोग पर राहुल गांधी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा, “निश्चित रूप से चुनाव आयोग अपनी पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर जांच के दायरे में है। यह एक संवैधानिक संस्था है और इसे स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए। हालांकि ऐसा लगता है कि यह सत्तारूढ़ दल के प्रभाव में काम कर रही है। राहुल गांधी ने वोट चोरी का जो फर्जीवाड़ा उजागर किया है, उस पर चुनाव आयोग को जवाब देना ही होगा। ये कोई मजाक नहीं है, यह एक गंभीर मामला है। भाजपा और चुनाव आयोग लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हम लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे।”
कांग्रेस सांसद चमलपति किरण कुमार रेड्डी ने कहा कि सबसे पहले मैं सत्ता पक्ष और सदन के अध्यक्ष से अनुरोध करना चाहता हूं कि वे यह सुनिश्चित करें कि हमें बिहार में हो रही एसआईआर घटना पर बोलने का मौका दिया जाए। राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से चुनाव आयोग के कामकाज के बारे में विस्तृत जानकारी दी है।
समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव कुमार राय ने कहा कि अगर मतदाता सूची के आधार पर सर्वेक्षण किया जाएगा तो इससे पता चल जाएगा कि मतदाता सूची में नाम असली है या नकली। जब भी कोई जायज शिकायत होती है तो चुनाव आयोग हलफनामा क्यों मांगता है? चुनाव आयोग को भी हलफनामा देना चाहिए। अगर वोटर लिस्ट गलत है तो उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया जाए।
–आईएएनएस
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