deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

राहुल गांधी के सिखों को लेकर विवादित बयान पर फैसला सुरक्षित, आज आ सकता है फैसला

by
November 28, 2024
in ताज़ा समाचार
0
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

वाराणसी, 28 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सिखों को लेकर राहुल गांधी के दिए गए बयान के खिलाफ अब कोर्ट का फैसला आने वाला है। 11 सितंबर 2023 को राहुल गांधी ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान अमेरिका में यह बयान दिया था, जिस पर गुरुवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में आदेश आने की संभावना है। पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए एक याचिका दाखिल की थी, जिसके आधार पर फैसला सुनाया जा सकता है।

READ ALSO

एशिया कप 2025 जीत के बाद गंभीर और कुलदीप अहमदाबाद पहुंचे, हीरो जैसा स्वागत हुआ

वरिष्ठ भाजपा नेता विजय कुमार मल्होत्रा ​​का निधन, पीएम मोदी ने जताया दुख

न्यायिक मजिस्ट्रेट सेकंड के कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें राहुल गांधी पर भड़काऊ बयान देने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में यह मांग की गई थी कि राहुल गांधी के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। यह याचिका तिलमापुर के पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र द्वारा दायर की गई थी। आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत में सिखों के खिलाफ माहौल बिगड़ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सिखों को अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने में कठिनाई हो रही है।

नागेश्वर मिश्र का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने के लिए था, और इस बयान के बाद देश में सिखों के खिलाफ माहौल और भी बिगड़ा। इसके अलावा, इस बयान का समर्थन कनाडा-अमेरिका में रहने वाले वांछित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया, जिसने कहा कि राहुल गांधी ने सही कहा है। यह बयान उस समय सामने आया था जब राहुल गांधी ने अमेरिका में भारतीय राजनीति और सिखों के खिलाफ कथित भेदभाव को लेकर बात की थी।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान से न केवल सिखों की भावनाएं आहत हुईं, बल्कि यह भारत में सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का भी प्रयास था। राहुल गांधी का यह बयान हिंसा फैलाने और देश के अंदर गृह युद्ध जैसी स्थिति बनाने के उद्देश्य से था। उन्होंने उदाहरण के तौर पर 2019 में हुई नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन का जिक्र किया, जिसमें राहुल गांधी का नाम सामने आया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने लोगों को भड़काया और शाहीन बाग जैसे आंदोलनों को जन्म दिया, जिनका परिणाम हिंसा के रूप में सामने आया। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी और इस तरह की बयानबाजी से शाहीन बाग जैसे विरोध प्रदर्शन का जन्म हुआ। शाहीन बाग में हिंसा के बाद यह प्रदर्शन समाप्त हुआ।

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में सिखों पर दिए गए बयान सं संबंधित मामले में आज फैसला आना है। इस मुद्दे पर कई बार सुनवाई हो चुकी है और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा है। आज उम्मीद की जा रही है कि अदालत का आदेश जल्द ही आएगा। हमारे अधिवक्ता ने कोर्ट में यह तर्क रखा था कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी था और इसे जनभावनाओं को आहत करने के रूप में देखा जाना चाहिए। मैंने इस मामले को लेकर याचिका दायर की है और हम अब एमपी-एमएलए कोर्ट में आगे की कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

ADVERTISEMENT

वाराणसी, 28 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सिखों को लेकर राहुल गांधी के दिए गए बयान के खिलाफ अब कोर्ट का फैसला आने वाला है। 11 सितंबर 2023 को राहुल गांधी ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान अमेरिका में यह बयान दिया था, जिस पर गुरुवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में आदेश आने की संभावना है। पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए एक याचिका दाखिल की थी, जिसके आधार पर फैसला सुनाया जा सकता है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट सेकंड के कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें राहुल गांधी पर भड़काऊ बयान देने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में यह मांग की गई थी कि राहुल गांधी के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। यह याचिका तिलमापुर के पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र द्वारा दायर की गई थी। आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत में सिखों के खिलाफ माहौल बिगड़ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सिखों को अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने में कठिनाई हो रही है।

नागेश्वर मिश्र का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने के लिए था, और इस बयान के बाद देश में सिखों के खिलाफ माहौल और भी बिगड़ा। इसके अलावा, इस बयान का समर्थन कनाडा-अमेरिका में रहने वाले वांछित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया, जिसने कहा कि राहुल गांधी ने सही कहा है। यह बयान उस समय सामने आया था जब राहुल गांधी ने अमेरिका में भारतीय राजनीति और सिखों के खिलाफ कथित भेदभाव को लेकर बात की थी।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान से न केवल सिखों की भावनाएं आहत हुईं, बल्कि यह भारत में सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का भी प्रयास था। राहुल गांधी का यह बयान हिंसा फैलाने और देश के अंदर गृह युद्ध जैसी स्थिति बनाने के उद्देश्य से था। उन्होंने उदाहरण के तौर पर 2019 में हुई नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन का जिक्र किया, जिसमें राहुल गांधी का नाम सामने आया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने लोगों को भड़काया और शाहीन बाग जैसे आंदोलनों को जन्म दिया, जिनका परिणाम हिंसा के रूप में सामने आया। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी और इस तरह की बयानबाजी से शाहीन बाग जैसे विरोध प्रदर्शन का जन्म हुआ। शाहीन बाग में हिंसा के बाद यह प्रदर्शन समाप्त हुआ।

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में सिखों पर दिए गए बयान सं संबंधित मामले में आज फैसला आना है। इस मुद्दे पर कई बार सुनवाई हो चुकी है और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा है। आज उम्मीद की जा रही है कि अदालत का आदेश जल्द ही आएगा। हमारे अधिवक्ता ने कोर्ट में यह तर्क रखा था कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी था और इसे जनभावनाओं को आहत करने के रूप में देखा जाना चाहिए। मैंने इस मामले को लेकर याचिका दायर की है और हम अब एमपी-एमएलए कोर्ट में आगे की कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

ADVERTISEMENT

वाराणसी, 28 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सिखों को लेकर राहुल गांधी के दिए गए बयान के खिलाफ अब कोर्ट का फैसला आने वाला है। 11 सितंबर 2023 को राहुल गांधी ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान अमेरिका में यह बयान दिया था, जिस पर गुरुवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में आदेश आने की संभावना है। पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए एक याचिका दाखिल की थी, जिसके आधार पर फैसला सुनाया जा सकता है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट सेकंड के कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें राहुल गांधी पर भड़काऊ बयान देने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में यह मांग की गई थी कि राहुल गांधी के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। यह याचिका तिलमापुर के पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र द्वारा दायर की गई थी। आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत में सिखों के खिलाफ माहौल बिगड़ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सिखों को अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने में कठिनाई हो रही है।

नागेश्वर मिश्र का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने के लिए था, और इस बयान के बाद देश में सिखों के खिलाफ माहौल और भी बिगड़ा। इसके अलावा, इस बयान का समर्थन कनाडा-अमेरिका में रहने वाले वांछित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया, जिसने कहा कि राहुल गांधी ने सही कहा है। यह बयान उस समय सामने आया था जब राहुल गांधी ने अमेरिका में भारतीय राजनीति और सिखों के खिलाफ कथित भेदभाव को लेकर बात की थी।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान से न केवल सिखों की भावनाएं आहत हुईं, बल्कि यह भारत में सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का भी प्रयास था। राहुल गांधी का यह बयान हिंसा फैलाने और देश के अंदर गृह युद्ध जैसी स्थिति बनाने के उद्देश्य से था। उन्होंने उदाहरण के तौर पर 2019 में हुई नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन का जिक्र किया, जिसमें राहुल गांधी का नाम सामने आया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने लोगों को भड़काया और शाहीन बाग जैसे आंदोलनों को जन्म दिया, जिनका परिणाम हिंसा के रूप में सामने आया। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी और इस तरह की बयानबाजी से शाहीन बाग जैसे विरोध प्रदर्शन का जन्म हुआ। शाहीन बाग में हिंसा के बाद यह प्रदर्शन समाप्त हुआ।

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में सिखों पर दिए गए बयान सं संबंधित मामले में आज फैसला आना है। इस मुद्दे पर कई बार सुनवाई हो चुकी है और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा है। आज उम्मीद की जा रही है कि अदालत का आदेश जल्द ही आएगा। हमारे अधिवक्ता ने कोर्ट में यह तर्क रखा था कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी था और इसे जनभावनाओं को आहत करने के रूप में देखा जाना चाहिए। मैंने इस मामले को लेकर याचिका दायर की है और हम अब एमपी-एमएलए कोर्ट में आगे की कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

ADVERTISEMENT

वाराणसी, 28 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सिखों को लेकर राहुल गांधी के दिए गए बयान के खिलाफ अब कोर्ट का फैसला आने वाला है। 11 सितंबर 2023 को राहुल गांधी ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान अमेरिका में यह बयान दिया था, जिस पर गुरुवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में आदेश आने की संभावना है। पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए एक याचिका दाखिल की थी, जिसके आधार पर फैसला सुनाया जा सकता है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट सेकंड के कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें राहुल गांधी पर भड़काऊ बयान देने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में यह मांग की गई थी कि राहुल गांधी के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। यह याचिका तिलमापुर के पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र द्वारा दायर की गई थी। आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत में सिखों के खिलाफ माहौल बिगड़ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सिखों को अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने में कठिनाई हो रही है।

नागेश्वर मिश्र का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने के लिए था, और इस बयान के बाद देश में सिखों के खिलाफ माहौल और भी बिगड़ा। इसके अलावा, इस बयान का समर्थन कनाडा-अमेरिका में रहने वाले वांछित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया, जिसने कहा कि राहुल गांधी ने सही कहा है। यह बयान उस समय सामने आया था जब राहुल गांधी ने अमेरिका में भारतीय राजनीति और सिखों के खिलाफ कथित भेदभाव को लेकर बात की थी।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान से न केवल सिखों की भावनाएं आहत हुईं, बल्कि यह भारत में सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का भी प्रयास था। राहुल गांधी का यह बयान हिंसा फैलाने और देश के अंदर गृह युद्ध जैसी स्थिति बनाने के उद्देश्य से था। उन्होंने उदाहरण के तौर पर 2019 में हुई नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन का जिक्र किया, जिसमें राहुल गांधी का नाम सामने आया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने लोगों को भड़काया और शाहीन बाग जैसे आंदोलनों को जन्म दिया, जिनका परिणाम हिंसा के रूप में सामने आया। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी और इस तरह की बयानबाजी से शाहीन बाग जैसे विरोध प्रदर्शन का जन्म हुआ। शाहीन बाग में हिंसा के बाद यह प्रदर्शन समाप्त हुआ।

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में सिखों पर दिए गए बयान सं संबंधित मामले में आज फैसला आना है। इस मुद्दे पर कई बार सुनवाई हो चुकी है और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा है। आज उम्मीद की जा रही है कि अदालत का आदेश जल्द ही आएगा। हमारे अधिवक्ता ने कोर्ट में यह तर्क रखा था कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी था और इसे जनभावनाओं को आहत करने के रूप में देखा जाना चाहिए। मैंने इस मामले को लेकर याचिका दायर की है और हम अब एमपी-एमएलए कोर्ट में आगे की कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

ADVERTISEMENT

वाराणसी, 28 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सिखों को लेकर राहुल गांधी के दिए गए बयान के खिलाफ अब कोर्ट का फैसला आने वाला है। 11 सितंबर 2023 को राहुल गांधी ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान अमेरिका में यह बयान दिया था, जिस पर गुरुवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में आदेश आने की संभावना है। पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए एक याचिका दाखिल की थी, जिसके आधार पर फैसला सुनाया जा सकता है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट सेकंड के कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें राहुल गांधी पर भड़काऊ बयान देने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में यह मांग की गई थी कि राहुल गांधी के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। यह याचिका तिलमापुर के पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र द्वारा दायर की गई थी। आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत में सिखों के खिलाफ माहौल बिगड़ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सिखों को अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने में कठिनाई हो रही है।

नागेश्वर मिश्र का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने के लिए था, और इस बयान के बाद देश में सिखों के खिलाफ माहौल और भी बिगड़ा। इसके अलावा, इस बयान का समर्थन कनाडा-अमेरिका में रहने वाले वांछित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया, जिसने कहा कि राहुल गांधी ने सही कहा है। यह बयान उस समय सामने आया था जब राहुल गांधी ने अमेरिका में भारतीय राजनीति और सिखों के खिलाफ कथित भेदभाव को लेकर बात की थी।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान से न केवल सिखों की भावनाएं आहत हुईं, बल्कि यह भारत में सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का भी प्रयास था। राहुल गांधी का यह बयान हिंसा फैलाने और देश के अंदर गृह युद्ध जैसी स्थिति बनाने के उद्देश्य से था। उन्होंने उदाहरण के तौर पर 2019 में हुई नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन का जिक्र किया, जिसमें राहुल गांधी का नाम सामने आया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने लोगों को भड़काया और शाहीन बाग जैसे आंदोलनों को जन्म दिया, जिनका परिणाम हिंसा के रूप में सामने आया। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी और इस तरह की बयानबाजी से शाहीन बाग जैसे विरोध प्रदर्शन का जन्म हुआ। शाहीन बाग में हिंसा के बाद यह प्रदर्शन समाप्त हुआ।

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में सिखों पर दिए गए बयान सं संबंधित मामले में आज फैसला आना है। इस मुद्दे पर कई बार सुनवाई हो चुकी है और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा है। आज उम्मीद की जा रही है कि अदालत का आदेश जल्द ही आएगा। हमारे अधिवक्ता ने कोर्ट में यह तर्क रखा था कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी था और इसे जनभावनाओं को आहत करने के रूप में देखा जाना चाहिए। मैंने इस मामले को लेकर याचिका दायर की है और हम अब एमपी-एमएलए कोर्ट में आगे की कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

ADVERTISEMENT

वाराणसी, 28 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सिखों को लेकर राहुल गांधी के दिए गए बयान के खिलाफ अब कोर्ट का फैसला आने वाला है। 11 सितंबर 2023 को राहुल गांधी ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान अमेरिका में यह बयान दिया था, जिस पर गुरुवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में आदेश आने की संभावना है। पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए एक याचिका दाखिल की थी, जिसके आधार पर फैसला सुनाया जा सकता है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट सेकंड के कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें राहुल गांधी पर भड़काऊ बयान देने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में यह मांग की गई थी कि राहुल गांधी के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। यह याचिका तिलमापुर के पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र द्वारा दायर की गई थी। आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत में सिखों के खिलाफ माहौल बिगड़ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सिखों को अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने में कठिनाई हो रही है।

नागेश्वर मिश्र का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने के लिए था, और इस बयान के बाद देश में सिखों के खिलाफ माहौल और भी बिगड़ा। इसके अलावा, इस बयान का समर्थन कनाडा-अमेरिका में रहने वाले वांछित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया, जिसने कहा कि राहुल गांधी ने सही कहा है। यह बयान उस समय सामने आया था जब राहुल गांधी ने अमेरिका में भारतीय राजनीति और सिखों के खिलाफ कथित भेदभाव को लेकर बात की थी।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान से न केवल सिखों की भावनाएं आहत हुईं, बल्कि यह भारत में सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का भी प्रयास था। राहुल गांधी का यह बयान हिंसा फैलाने और देश के अंदर गृह युद्ध जैसी स्थिति बनाने के उद्देश्य से था। उन्होंने उदाहरण के तौर पर 2019 में हुई नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन का जिक्र किया, जिसमें राहुल गांधी का नाम सामने आया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने लोगों को भड़काया और शाहीन बाग जैसे आंदोलनों को जन्म दिया, जिनका परिणाम हिंसा के रूप में सामने आया। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी और इस तरह की बयानबाजी से शाहीन बाग जैसे विरोध प्रदर्शन का जन्म हुआ। शाहीन बाग में हिंसा के बाद यह प्रदर्शन समाप्त हुआ।

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में सिखों पर दिए गए बयान सं संबंधित मामले में आज फैसला आना है। इस मुद्दे पर कई बार सुनवाई हो चुकी है और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा है। आज उम्मीद की जा रही है कि अदालत का आदेश जल्द ही आएगा। हमारे अधिवक्ता ने कोर्ट में यह तर्क रखा था कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी था और इसे जनभावनाओं को आहत करने के रूप में देखा जाना चाहिए। मैंने इस मामले को लेकर याचिका दायर की है और हम अब एमपी-एमएलए कोर्ट में आगे की कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

ADVERTISEMENT

वाराणसी, 28 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सिखों को लेकर राहुल गांधी के दिए गए बयान के खिलाफ अब कोर्ट का फैसला आने वाला है। 11 सितंबर 2023 को राहुल गांधी ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान अमेरिका में यह बयान दिया था, जिस पर गुरुवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में आदेश आने की संभावना है। पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए एक याचिका दाखिल की थी, जिसके आधार पर फैसला सुनाया जा सकता है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट सेकंड के कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें राहुल गांधी पर भड़काऊ बयान देने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में यह मांग की गई थी कि राहुल गांधी के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। यह याचिका तिलमापुर के पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र द्वारा दायर की गई थी। आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत में सिखों के खिलाफ माहौल बिगड़ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सिखों को अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने में कठिनाई हो रही है।

नागेश्वर मिश्र का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने के लिए था, और इस बयान के बाद देश में सिखों के खिलाफ माहौल और भी बिगड़ा। इसके अलावा, इस बयान का समर्थन कनाडा-अमेरिका में रहने वाले वांछित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया, जिसने कहा कि राहुल गांधी ने सही कहा है। यह बयान उस समय सामने आया था जब राहुल गांधी ने अमेरिका में भारतीय राजनीति और सिखों के खिलाफ कथित भेदभाव को लेकर बात की थी।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान से न केवल सिखों की भावनाएं आहत हुईं, बल्कि यह भारत में सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का भी प्रयास था। राहुल गांधी का यह बयान हिंसा फैलाने और देश के अंदर गृह युद्ध जैसी स्थिति बनाने के उद्देश्य से था। उन्होंने उदाहरण के तौर पर 2019 में हुई नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन का जिक्र किया, जिसमें राहुल गांधी का नाम सामने आया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने लोगों को भड़काया और शाहीन बाग जैसे आंदोलनों को जन्म दिया, जिनका परिणाम हिंसा के रूप में सामने आया। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी और इस तरह की बयानबाजी से शाहीन बाग जैसे विरोध प्रदर्शन का जन्म हुआ। शाहीन बाग में हिंसा के बाद यह प्रदर्शन समाप्त हुआ।

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में सिखों पर दिए गए बयान सं संबंधित मामले में आज फैसला आना है। इस मुद्दे पर कई बार सुनवाई हो चुकी है और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा है। आज उम्मीद की जा रही है कि अदालत का आदेश जल्द ही आएगा। हमारे अधिवक्ता ने कोर्ट में यह तर्क रखा था कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी था और इसे जनभावनाओं को आहत करने के रूप में देखा जाना चाहिए। मैंने इस मामले को लेकर याचिका दायर की है और हम अब एमपी-एमएलए कोर्ट में आगे की कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

ADVERTISEMENT

वाराणसी, 28 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सिखों को लेकर राहुल गांधी के दिए गए बयान के खिलाफ अब कोर्ट का फैसला आने वाला है। 11 सितंबर 2023 को राहुल गांधी ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान अमेरिका में यह बयान दिया था, जिस पर गुरुवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में आदेश आने की संभावना है। पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए एक याचिका दाखिल की थी, जिसके आधार पर फैसला सुनाया जा सकता है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट सेकंड के कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें राहुल गांधी पर भड़काऊ बयान देने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में यह मांग की गई थी कि राहुल गांधी के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। यह याचिका तिलमापुर के पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र द्वारा दायर की गई थी। आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत में सिखों के खिलाफ माहौल बिगड़ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सिखों को अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने में कठिनाई हो रही है।

नागेश्वर मिश्र का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने के लिए था, और इस बयान के बाद देश में सिखों के खिलाफ माहौल और भी बिगड़ा। इसके अलावा, इस बयान का समर्थन कनाडा-अमेरिका में रहने वाले वांछित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया, जिसने कहा कि राहुल गांधी ने सही कहा है। यह बयान उस समय सामने आया था जब राहुल गांधी ने अमेरिका में भारतीय राजनीति और सिखों के खिलाफ कथित भेदभाव को लेकर बात की थी।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान से न केवल सिखों की भावनाएं आहत हुईं, बल्कि यह भारत में सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का भी प्रयास था। राहुल गांधी का यह बयान हिंसा फैलाने और देश के अंदर गृह युद्ध जैसी स्थिति बनाने के उद्देश्य से था। उन्होंने उदाहरण के तौर पर 2019 में हुई नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन का जिक्र किया, जिसमें राहुल गांधी का नाम सामने आया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने लोगों को भड़काया और शाहीन बाग जैसे आंदोलनों को जन्म दिया, जिनका परिणाम हिंसा के रूप में सामने आया। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी और इस तरह की बयानबाजी से शाहीन बाग जैसे विरोध प्रदर्शन का जन्म हुआ। शाहीन बाग में हिंसा के बाद यह प्रदर्शन समाप्त हुआ।

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में सिखों पर दिए गए बयान सं संबंधित मामले में आज फैसला आना है। इस मुद्दे पर कई बार सुनवाई हो चुकी है और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा है। आज उम्मीद की जा रही है कि अदालत का आदेश जल्द ही आएगा। हमारे अधिवक्ता ने कोर्ट में यह तर्क रखा था कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी था और इसे जनभावनाओं को आहत करने के रूप में देखा जाना चाहिए। मैंने इस मामले को लेकर याचिका दायर की है और हम अब एमपी-एमएलए कोर्ट में आगे की कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

वाराणसी, 28 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सिखों को लेकर राहुल गांधी के दिए गए बयान के खिलाफ अब कोर्ट का फैसला आने वाला है। 11 सितंबर 2023 को राहुल गांधी ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान अमेरिका में यह बयान दिया था, जिस पर गुरुवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में आदेश आने की संभावना है। पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए एक याचिका दाखिल की थी, जिसके आधार पर फैसला सुनाया जा सकता है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट सेकंड के कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें राहुल गांधी पर भड़काऊ बयान देने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में यह मांग की गई थी कि राहुल गांधी के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। यह याचिका तिलमापुर के पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र द्वारा दायर की गई थी। आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत में सिखों के खिलाफ माहौल बिगड़ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सिखों को अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने में कठिनाई हो रही है।

नागेश्वर मिश्र का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने के लिए था, और इस बयान के बाद देश में सिखों के खिलाफ माहौल और भी बिगड़ा। इसके अलावा, इस बयान का समर्थन कनाडा-अमेरिका में रहने वाले वांछित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया, जिसने कहा कि राहुल गांधी ने सही कहा है। यह बयान उस समय सामने आया था जब राहुल गांधी ने अमेरिका में भारतीय राजनीति और सिखों के खिलाफ कथित भेदभाव को लेकर बात की थी।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान से न केवल सिखों की भावनाएं आहत हुईं, बल्कि यह भारत में सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का भी प्रयास था। राहुल गांधी का यह बयान हिंसा फैलाने और देश के अंदर गृह युद्ध जैसी स्थिति बनाने के उद्देश्य से था। उन्होंने उदाहरण के तौर पर 2019 में हुई नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन का जिक्र किया, जिसमें राहुल गांधी का नाम सामने आया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने लोगों को भड़काया और शाहीन बाग जैसे आंदोलनों को जन्म दिया, जिनका परिणाम हिंसा के रूप में सामने आया। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी और इस तरह की बयानबाजी से शाहीन बाग जैसे विरोध प्रदर्शन का जन्म हुआ। शाहीन बाग में हिंसा के बाद यह प्रदर्शन समाप्त हुआ।

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में सिखों पर दिए गए बयान सं संबंधित मामले में आज फैसला आना है। इस मुद्दे पर कई बार सुनवाई हो चुकी है और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा है। आज उम्मीद की जा रही है कि अदालत का आदेश जल्द ही आएगा। हमारे अधिवक्ता ने कोर्ट में यह तर्क रखा था कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी था और इसे जनभावनाओं को आहत करने के रूप में देखा जाना चाहिए। मैंने इस मामले को लेकर याचिका दायर की है और हम अब एमपी-एमएलए कोर्ट में आगे की कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

ADVERTISEMENT

वाराणसी, 28 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सिखों को लेकर राहुल गांधी के दिए गए बयान के खिलाफ अब कोर्ट का फैसला आने वाला है। 11 सितंबर 2023 को राहुल गांधी ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान अमेरिका में यह बयान दिया था, जिस पर गुरुवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में आदेश आने की संभावना है। पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए एक याचिका दाखिल की थी, जिसके आधार पर फैसला सुनाया जा सकता है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट सेकंड के कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें राहुल गांधी पर भड़काऊ बयान देने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में यह मांग की गई थी कि राहुल गांधी के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। यह याचिका तिलमापुर के पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र द्वारा दायर की गई थी। आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत में सिखों के खिलाफ माहौल बिगड़ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सिखों को अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने में कठिनाई हो रही है।

नागेश्वर मिश्र का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने के लिए था, और इस बयान के बाद देश में सिखों के खिलाफ माहौल और भी बिगड़ा। इसके अलावा, इस बयान का समर्थन कनाडा-अमेरिका में रहने वाले वांछित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया, जिसने कहा कि राहुल गांधी ने सही कहा है। यह बयान उस समय सामने आया था जब राहुल गांधी ने अमेरिका में भारतीय राजनीति और सिखों के खिलाफ कथित भेदभाव को लेकर बात की थी।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान से न केवल सिखों की भावनाएं आहत हुईं, बल्कि यह भारत में सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का भी प्रयास था। राहुल गांधी का यह बयान हिंसा फैलाने और देश के अंदर गृह युद्ध जैसी स्थिति बनाने के उद्देश्य से था। उन्होंने उदाहरण के तौर पर 2019 में हुई नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन का जिक्र किया, जिसमें राहुल गांधी का नाम सामने आया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने लोगों को भड़काया और शाहीन बाग जैसे आंदोलनों को जन्म दिया, जिनका परिणाम हिंसा के रूप में सामने आया। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी और इस तरह की बयानबाजी से शाहीन बाग जैसे विरोध प्रदर्शन का जन्म हुआ। शाहीन बाग में हिंसा के बाद यह प्रदर्शन समाप्त हुआ।

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में सिखों पर दिए गए बयान सं संबंधित मामले में आज फैसला आना है। इस मुद्दे पर कई बार सुनवाई हो चुकी है और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा है। आज उम्मीद की जा रही है कि अदालत का आदेश जल्द ही आएगा। हमारे अधिवक्ता ने कोर्ट में यह तर्क रखा था कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी था और इसे जनभावनाओं को आहत करने के रूप में देखा जाना चाहिए। मैंने इस मामले को लेकर याचिका दायर की है और हम अब एमपी-एमएलए कोर्ट में आगे की कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

ADVERTISEMENT

वाराणसी, 28 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सिखों को लेकर राहुल गांधी के दिए गए बयान के खिलाफ अब कोर्ट का फैसला आने वाला है। 11 सितंबर 2023 को राहुल गांधी ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान अमेरिका में यह बयान दिया था, जिस पर गुरुवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में आदेश आने की संभावना है। पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए एक याचिका दाखिल की थी, जिसके आधार पर फैसला सुनाया जा सकता है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट सेकंड के कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें राहुल गांधी पर भड़काऊ बयान देने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में यह मांग की गई थी कि राहुल गांधी के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। यह याचिका तिलमापुर के पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र द्वारा दायर की गई थी। आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत में सिखों के खिलाफ माहौल बिगड़ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सिखों को अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने में कठिनाई हो रही है।

नागेश्वर मिश्र का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने के लिए था, और इस बयान के बाद देश में सिखों के खिलाफ माहौल और भी बिगड़ा। इसके अलावा, इस बयान का समर्थन कनाडा-अमेरिका में रहने वाले वांछित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया, जिसने कहा कि राहुल गांधी ने सही कहा है। यह बयान उस समय सामने आया था जब राहुल गांधी ने अमेरिका में भारतीय राजनीति और सिखों के खिलाफ कथित भेदभाव को लेकर बात की थी।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान से न केवल सिखों की भावनाएं आहत हुईं, बल्कि यह भारत में सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का भी प्रयास था। राहुल गांधी का यह बयान हिंसा फैलाने और देश के अंदर गृह युद्ध जैसी स्थिति बनाने के उद्देश्य से था। उन्होंने उदाहरण के तौर पर 2019 में हुई नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन का जिक्र किया, जिसमें राहुल गांधी का नाम सामने आया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने लोगों को भड़काया और शाहीन बाग जैसे आंदोलनों को जन्म दिया, जिनका परिणाम हिंसा के रूप में सामने आया। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी और इस तरह की बयानबाजी से शाहीन बाग जैसे विरोध प्रदर्शन का जन्म हुआ। शाहीन बाग में हिंसा के बाद यह प्रदर्शन समाप्त हुआ।

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में सिखों पर दिए गए बयान सं संबंधित मामले में आज फैसला आना है। इस मुद्दे पर कई बार सुनवाई हो चुकी है और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा है। आज उम्मीद की जा रही है कि अदालत का आदेश जल्द ही आएगा। हमारे अधिवक्ता ने कोर्ट में यह तर्क रखा था कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी था और इसे जनभावनाओं को आहत करने के रूप में देखा जाना चाहिए। मैंने इस मामले को लेकर याचिका दायर की है और हम अब एमपी-एमएलए कोर्ट में आगे की कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

ADVERTISEMENT

वाराणसी, 28 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सिखों को लेकर राहुल गांधी के दिए गए बयान के खिलाफ अब कोर्ट का फैसला आने वाला है। 11 सितंबर 2023 को राहुल गांधी ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान अमेरिका में यह बयान दिया था, जिस पर गुरुवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में आदेश आने की संभावना है। पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए एक याचिका दाखिल की थी, जिसके आधार पर फैसला सुनाया जा सकता है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट सेकंड के कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें राहुल गांधी पर भड़काऊ बयान देने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में यह मांग की गई थी कि राहुल गांधी के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। यह याचिका तिलमापुर के पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र द्वारा दायर की गई थी। आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत में सिखों के खिलाफ माहौल बिगड़ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सिखों को अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने में कठिनाई हो रही है।

नागेश्वर मिश्र का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने के लिए था, और इस बयान के बाद देश में सिखों के खिलाफ माहौल और भी बिगड़ा। इसके अलावा, इस बयान का समर्थन कनाडा-अमेरिका में रहने वाले वांछित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया, जिसने कहा कि राहुल गांधी ने सही कहा है। यह बयान उस समय सामने आया था जब राहुल गांधी ने अमेरिका में भारतीय राजनीति और सिखों के खिलाफ कथित भेदभाव को लेकर बात की थी।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान से न केवल सिखों की भावनाएं आहत हुईं, बल्कि यह भारत में सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का भी प्रयास था। राहुल गांधी का यह बयान हिंसा फैलाने और देश के अंदर गृह युद्ध जैसी स्थिति बनाने के उद्देश्य से था। उन्होंने उदाहरण के तौर पर 2019 में हुई नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन का जिक्र किया, जिसमें राहुल गांधी का नाम सामने आया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने लोगों को भड़काया और शाहीन बाग जैसे आंदोलनों को जन्म दिया, जिनका परिणाम हिंसा के रूप में सामने आया। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी और इस तरह की बयानबाजी से शाहीन बाग जैसे विरोध प्रदर्शन का जन्म हुआ। शाहीन बाग में हिंसा के बाद यह प्रदर्शन समाप्त हुआ।

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में सिखों पर दिए गए बयान सं संबंधित मामले में आज फैसला आना है। इस मुद्दे पर कई बार सुनवाई हो चुकी है और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा है। आज उम्मीद की जा रही है कि अदालत का आदेश जल्द ही आएगा। हमारे अधिवक्ता ने कोर्ट में यह तर्क रखा था कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी था और इसे जनभावनाओं को आहत करने के रूप में देखा जाना चाहिए। मैंने इस मामले को लेकर याचिका दायर की है और हम अब एमपी-एमएलए कोर्ट में आगे की कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

ADVERTISEMENT

वाराणसी, 28 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सिखों को लेकर राहुल गांधी के दिए गए बयान के खिलाफ अब कोर्ट का फैसला आने वाला है। 11 सितंबर 2023 को राहुल गांधी ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान अमेरिका में यह बयान दिया था, जिस पर गुरुवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में आदेश आने की संभावना है। पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए एक याचिका दाखिल की थी, जिसके आधार पर फैसला सुनाया जा सकता है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट सेकंड के कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें राहुल गांधी पर भड़काऊ बयान देने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में यह मांग की गई थी कि राहुल गांधी के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। यह याचिका तिलमापुर के पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र द्वारा दायर की गई थी। आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत में सिखों के खिलाफ माहौल बिगड़ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सिखों को अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने में कठिनाई हो रही है।

नागेश्वर मिश्र का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने के लिए था, और इस बयान के बाद देश में सिखों के खिलाफ माहौल और भी बिगड़ा। इसके अलावा, इस बयान का समर्थन कनाडा-अमेरिका में रहने वाले वांछित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया, जिसने कहा कि राहुल गांधी ने सही कहा है। यह बयान उस समय सामने आया था जब राहुल गांधी ने अमेरिका में भारतीय राजनीति और सिखों के खिलाफ कथित भेदभाव को लेकर बात की थी।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान से न केवल सिखों की भावनाएं आहत हुईं, बल्कि यह भारत में सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का भी प्रयास था। राहुल गांधी का यह बयान हिंसा फैलाने और देश के अंदर गृह युद्ध जैसी स्थिति बनाने के उद्देश्य से था। उन्होंने उदाहरण के तौर पर 2019 में हुई नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन का जिक्र किया, जिसमें राहुल गांधी का नाम सामने आया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने लोगों को भड़काया और शाहीन बाग जैसे आंदोलनों को जन्म दिया, जिनका परिणाम हिंसा के रूप में सामने आया। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी और इस तरह की बयानबाजी से शाहीन बाग जैसे विरोध प्रदर्शन का जन्म हुआ। शाहीन बाग में हिंसा के बाद यह प्रदर्शन समाप्त हुआ।

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में सिखों पर दिए गए बयान सं संबंधित मामले में आज फैसला आना है। इस मुद्दे पर कई बार सुनवाई हो चुकी है और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा है। आज उम्मीद की जा रही है कि अदालत का आदेश जल्द ही आएगा। हमारे अधिवक्ता ने कोर्ट में यह तर्क रखा था कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी था और इसे जनभावनाओं को आहत करने के रूप में देखा जाना चाहिए। मैंने इस मामले को लेकर याचिका दायर की है और हम अब एमपी-एमएलए कोर्ट में आगे की कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

ADVERTISEMENT

वाराणसी, 28 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सिखों को लेकर राहुल गांधी के दिए गए बयान के खिलाफ अब कोर्ट का फैसला आने वाला है। 11 सितंबर 2023 को राहुल गांधी ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान अमेरिका में यह बयान दिया था, जिस पर गुरुवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में आदेश आने की संभावना है। पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए एक याचिका दाखिल की थी, जिसके आधार पर फैसला सुनाया जा सकता है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट सेकंड के कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें राहुल गांधी पर भड़काऊ बयान देने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में यह मांग की गई थी कि राहुल गांधी के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। यह याचिका तिलमापुर के पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र द्वारा दायर की गई थी। आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत में सिखों के खिलाफ माहौल बिगड़ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सिखों को अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने में कठिनाई हो रही है।

नागेश्वर मिश्र का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने के लिए था, और इस बयान के बाद देश में सिखों के खिलाफ माहौल और भी बिगड़ा। इसके अलावा, इस बयान का समर्थन कनाडा-अमेरिका में रहने वाले वांछित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया, जिसने कहा कि राहुल गांधी ने सही कहा है। यह बयान उस समय सामने आया था जब राहुल गांधी ने अमेरिका में भारतीय राजनीति और सिखों के खिलाफ कथित भेदभाव को लेकर बात की थी।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान से न केवल सिखों की भावनाएं आहत हुईं, बल्कि यह भारत में सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का भी प्रयास था। राहुल गांधी का यह बयान हिंसा फैलाने और देश के अंदर गृह युद्ध जैसी स्थिति बनाने के उद्देश्य से था। उन्होंने उदाहरण के तौर पर 2019 में हुई नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन का जिक्र किया, जिसमें राहुल गांधी का नाम सामने आया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने लोगों को भड़काया और शाहीन बाग जैसे आंदोलनों को जन्म दिया, जिनका परिणाम हिंसा के रूप में सामने आया। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी और इस तरह की बयानबाजी से शाहीन बाग जैसे विरोध प्रदर्शन का जन्म हुआ। शाहीन बाग में हिंसा के बाद यह प्रदर्शन समाप्त हुआ।

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में सिखों पर दिए गए बयान सं संबंधित मामले में आज फैसला आना है। इस मुद्दे पर कई बार सुनवाई हो चुकी है और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा है। आज उम्मीद की जा रही है कि अदालत का आदेश जल्द ही आएगा। हमारे अधिवक्ता ने कोर्ट में यह तर्क रखा था कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी था और इसे जनभावनाओं को आहत करने के रूप में देखा जाना चाहिए। मैंने इस मामले को लेकर याचिका दायर की है और हम अब एमपी-एमएलए कोर्ट में आगे की कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

ADVERTISEMENT

वाराणसी, 28 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सिखों को लेकर राहुल गांधी के दिए गए बयान के खिलाफ अब कोर्ट का फैसला आने वाला है। 11 सितंबर 2023 को राहुल गांधी ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान अमेरिका में यह बयान दिया था, जिस पर गुरुवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में आदेश आने की संभावना है। पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए एक याचिका दाखिल की थी, जिसके आधार पर फैसला सुनाया जा सकता है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट सेकंड के कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें राहुल गांधी पर भड़काऊ बयान देने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में यह मांग की गई थी कि राहुल गांधी के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। यह याचिका तिलमापुर के पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र द्वारा दायर की गई थी। आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत में सिखों के खिलाफ माहौल बिगड़ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सिखों को अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने में कठिनाई हो रही है।

नागेश्वर मिश्र का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने के लिए था, और इस बयान के बाद देश में सिखों के खिलाफ माहौल और भी बिगड़ा। इसके अलावा, इस बयान का समर्थन कनाडा-अमेरिका में रहने वाले वांछित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया, जिसने कहा कि राहुल गांधी ने सही कहा है। यह बयान उस समय सामने आया था जब राहुल गांधी ने अमेरिका में भारतीय राजनीति और सिखों के खिलाफ कथित भेदभाव को लेकर बात की थी।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान से न केवल सिखों की भावनाएं आहत हुईं, बल्कि यह भारत में सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का भी प्रयास था। राहुल गांधी का यह बयान हिंसा फैलाने और देश के अंदर गृह युद्ध जैसी स्थिति बनाने के उद्देश्य से था। उन्होंने उदाहरण के तौर पर 2019 में हुई नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन का जिक्र किया, जिसमें राहुल गांधी का नाम सामने आया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने लोगों को भड़काया और शाहीन बाग जैसे आंदोलनों को जन्म दिया, जिनका परिणाम हिंसा के रूप में सामने आया। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी और इस तरह की बयानबाजी से शाहीन बाग जैसे विरोध प्रदर्शन का जन्म हुआ। शाहीन बाग में हिंसा के बाद यह प्रदर्शन समाप्त हुआ।

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में सिखों पर दिए गए बयान सं संबंधित मामले में आज फैसला आना है। इस मुद्दे पर कई बार सुनवाई हो चुकी है और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा है। आज उम्मीद की जा रही है कि अदालत का आदेश जल्द ही आएगा। हमारे अधिवक्ता ने कोर्ट में यह तर्क रखा था कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी था और इसे जनभावनाओं को आहत करने के रूप में देखा जाना चाहिए। मैंने इस मामले को लेकर याचिका दायर की है और हम अब एमपी-एमएलए कोर्ट में आगे की कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

ADVERTISEMENT

वाराणसी, 28 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में सिखों को लेकर राहुल गांधी के दिए गए बयान के खिलाफ अब कोर्ट का फैसला आने वाला है। 11 सितंबर 2023 को राहुल गांधी ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान अमेरिका में यह बयान दिया था, जिस पर गुरुवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में आदेश आने की संभावना है। पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए एक याचिका दाखिल की थी, जिसके आधार पर फैसला सुनाया जा सकता है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट सेकंड के कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें राहुल गांधी पर भड़काऊ बयान देने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में यह मांग की गई थी कि राहुल गांधी के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए। यह याचिका तिलमापुर के पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र द्वारा दायर की गई थी। आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि भारत में सिखों के खिलाफ माहौल बिगड़ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सिखों को अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने में कठिनाई हो रही है।

नागेश्वर मिश्र का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने के लिए था, और इस बयान के बाद देश में सिखों के खिलाफ माहौल और भी बिगड़ा। इसके अलावा, इस बयान का समर्थन कनाडा-अमेरिका में रहने वाले वांछित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया, जिसने कहा कि राहुल गांधी ने सही कहा है। यह बयान उस समय सामने आया था जब राहुल गांधी ने अमेरिका में भारतीय राजनीति और सिखों के खिलाफ कथित भेदभाव को लेकर बात की थी।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान से न केवल सिखों की भावनाएं आहत हुईं, बल्कि यह भारत में सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का भी प्रयास था। राहुल गांधी का यह बयान हिंसा फैलाने और देश के अंदर गृह युद्ध जैसी स्थिति बनाने के उद्देश्य से था। उन्होंने उदाहरण के तौर पर 2019 में हुई नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन का जिक्र किया, जिसमें राहुल गांधी का नाम सामने आया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने लोगों को भड़काया और शाहीन बाग जैसे आंदोलनों को जन्म दिया, जिनका परिणाम हिंसा के रूप में सामने आया। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी और इस तरह की बयानबाजी से शाहीन बाग जैसे विरोध प्रदर्शन का जन्म हुआ। शाहीन बाग में हिंसा के बाद यह प्रदर्शन समाप्त हुआ।

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में सिखों पर दिए गए बयान सं संबंधित मामले में आज फैसला आना है। इस मुद्दे पर कई बार सुनवाई हो चुकी है और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा है। आज उम्मीद की जा रही है कि अदालत का आदेश जल्द ही आएगा। हमारे अधिवक्ता ने कोर्ट में यह तर्क रखा था कि राहुल गांधी का यह बयान भारत विरोधी था और इसे जनभावनाओं को आहत करने के रूप में देखा जाना चाहिए। मैंने इस मामले को लेकर याचिका दायर की है और हम अब एमपी-एमएलए कोर्ट में आगे की कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

–आईएएनएस

पीएसके/केआर

Related Posts

ताज़ा समाचार

एशिया कप 2025 जीत के बाद गंभीर और कुलदीप अहमदाबाद पहुंचे, हीरो जैसा स्वागत हुआ

September 30, 2025
ताज़ा समाचार

वरिष्ठ भाजपा नेता विजय कुमार मल्होत्रा ​​का निधन, पीएम मोदी ने जताया दुख

September 30, 2025
पीले दांतों से हैं परेशान? इन तरीकों से लौटाएं मोती जैसी चमक
ताज़ा समाचार

पीले दांतों से हैं परेशान? इन तरीकों से लौटाएं मोती जैसी चमक

September 30, 2025
ताज़ा समाचार

मुंबई : चलती ट्रेन में स्टंटबाजी और छेड़छाड़ करने वाला युवक बोरीवली जीआरपी ने किया गिरफ्तार

September 30, 2025
ताज़ा समाचार

गाजा में युद्ध खत्म करने के लिए हमास को मिला ट्रंप का प्रस्ताव, अरब देशों ने किया स्वागत

September 30, 2025
ताज़ा समाचार

दिल्ली से करूर के लिए रवाना हुआ एनडीए प्रतिनिधिमंडल

September 30, 2025
Next Post

रवीना टंडन बेटी राशा संग पहुंची मल्लिकार्जुन मंदिर, लिया महादेव का आशीर्वाद

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

115926
Total views : 6026136
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In