नई दिल्ली, 26 मार्च (आईएएनएस)। लोक सभा की सदस्यता रद्द हो जाने के बाद भले ही राहुल गांधी प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा सरकार पर निशाना साध रहे हों, कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता देशभर में विरोध प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हों, लेकिन भाजपा ने भी इस मुद्दे पर आक्रामक अंदाज में फ्रंट फुट पर बैटिंग करने की रणनीति तैयार कर ली है।
कानूनी लड़ाई से अलग हटकर भाजपा चुनावी लड़ाई में भी आक्रामक अंदाज में राहुल गांधी और कांग्रेस पर लगातार हमलावर है और आने वाले दिनों में भाजपा के हमले और तेज और तीखे होते जाएंगे।
भाजपा लगातार दो मुद्दों पर राहुल गांधी और कांग्रेस को देशभर में घेरने की कोशिश करेगी। पहला मुद्दा – ओबीसी समुदाय के अपमान का है। भाजपा ने सूरत की अदालत का फैसला आने के साथ ही ओबीसी सम्मान के मसले को देशभर में उठाने का मंसूबा बना लिया था।
शुक्रवार को संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सरकार के सभी ओबीसी मंत्रियों के साथ बैठक कर राहुल गांधी के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान की रूप रेखा पर चर्चा की। वहीं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ओबीसी समुदाय से आने वाले पार्टी के सभी सांसदों को 28 मार्च को डिनर के लिए आमंत्रित किया है।
आईएएनएस के साथ बातचीत करते हुए पार्टी के एक दिग्गज ओबीसी सांसद ने बताया कि राहुल गांधी ने पूरे ओबीसी समाज का अपमान किया है और इस बैठक में उन्हें निश्चित तौर पर आगामी अभियान के बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष का मार्गदर्शन प्राप्त होगा।
शनिवार को राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस के बाद भाजपा की तरफ से जवाब देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपनी पार्टी की रणनीति को बताते हुए कहा, सरनेम जाति सूचक शब्द है, जो देश के अति पिछड़े समाज से आते हैं। इस प्रकार, राहुल गांधी ने अति पिछड़े समाज का अपमान किया है। उन्हें आलोचना करने का अधिकार है, लेकिन गाली देने का नहीं। राहुल गांधी यदि सोच समझकर बोलते हैं, तो इस आधार पर भारतीय जनता पार्टी मानती है कि उन्होंने जान बूझकर पिछड़ों का अपमान किया जिसकी हम कड़ी भर्त्सना करते हैं। राहुल गांधी द्वारा पिछड़ों के अपमान के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी पूरे देश भर में आंदोलन करेगी।
इसके साथ ही रविशंकर प्रसाद यह बताना भी नहीं भूलते कि, मानहानि मामले में राहुल गांधी पर 7 और मुकदमे देश के विभिन्न भागों में चल रहे हैं। भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने भी सरनेम मामले को लेकर पटना में राहुल गांधी के खिलाफ एक केस दर्ज कर रखा है। उस मामले में भी राहुल गांधी बेल पर हैं।
दरअसल, विभिन्न राज्यों में भाजपा का मुकाबला जिन अखिलेश यादव, लालू यादव, तेजस्वी यादव, भूपेश बघेल और अशोक गहलोत जैसे नेताओं से है, वह अपने-अपने राज्यों के बड़े ओबीसी नेता माने जाते हैं। ऐसे में भाजपा का यह मानना है कि राहुल गांधी के खिलाफ संसद से लेकर सड़क तक अभियान चलाने का फायदा पार्टी को एक साथ कई मोचरें पर मिल सकता है।
वहीं दूसरी तरफ भाजपा इस मुद्दे के सहारे कांग्रेस पार्टी के अंतर्विरोधों को भी उजागर करने की कोशिश कर रही है।
शनिवार को रविशंकर प्रसाद ने इसे उभारते हुए कहा, कांग्रेस पार्टी में बड़े बड़े वकीलों की फौज है। उन्होंने सूरत सेशन कोर्ट, हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाकर राहुल गांधी के लिए स्टे आर्डर के लिए आग्रह क्यों नहीं किया? राहुल गांधी को कोर्ट जाने से किसने मना किया था? क्या राहुल गांधी नाखून कटा कर शहीद होने की कोशिश कर रहे हैं? भारतीय जनता पार्टी का स्पष्ट आरोप है कि जान बूझकर स्टे आर्डर नहीं लिया गया ताकि कर्नाटक विधान सभा चुनाव में राहुल गांधी प्रकरण को भुनाया जा सके। ऐसा संकेत राहुल गांधी की बहन और कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी दिया है।
प्रसाद ने आगे कहा कि कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के मामले में चंद घंटों में ही कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया और कोर्ट से उन्हें राहत भी मिली। उन्होंने इसे राहुल गांधी को कांग्रेस से हटाने की अंदरूनी साजिश की आशंका जताते हुए इस ओर भी इशारा किया कि कहीं कांग्रेस पार्टी की अंदरुनी राजनीति के तहत कांग्रेस को बचाने के लिए राहुल गांधी को हटाने की कवायद तो नहीं हो रही है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर भी इसी तरफ इशारा करते हुए कह चुके हैं कि राहुल को आरोप लगाने के बदले खुद के खिलाफ हुई साजिश का पता लगाना चाहिए। उन्हें पता करना चाहिए कि पार्टी में अधिवक्ताओं की फौज होने के बावजूद किसने उनसे छुटकारा पाने के लिए साजिश रची। जब पवन खेड़ा गिरफ्तारी वारंट जारी होने के दो घंटे बाद अदालत जा सकते हैं तो किसने राहुल को सजा सुनाने के 24 घंटे बाद तक अदालत नहीं जाने की सलाह दी।
भाजपा के कई दिग्गज मंत्री और नेता इस सवाल को उठाकर यह साबित करने का प्रयास कर रहे हैं कि कांग्रेस के अंदर सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है और आने वाले दिनों में भाजपा की यह कोशिश और जोर पकड़ती नजर आने वाली है।
–आईएएनएस
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