नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस)। सूरत की अदालत द्वारा राहुल गांधी को दो वर्ष की सजा सुनाए जाने के बाद भाजपा और कांग्रेस में एक बार फिर से आपसी बयानबाजी तेज हो गई है। कोर्ट का फैसला आते ही कांग्रेस नेताओं ने मोदी सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया और कांग्रेस कार्यकर्ता देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन करते नजर आए।
कांग्रेस के आरोप और विरोध प्रदर्शनों के बीच भाजपा ने राहुल गांधी पर ओबीसी समाज का अपमान करने का आरोप लगाते हुए यह अभियान छेड़ दिया कि राहुल गांधी और कांग्रेस देश की संवैधानिक संस्थाओं और देश के लोकतंत्र का सम्मान नहीं करते। मोदी सरकार के मंत्रियों से लेकर भाजपा पदाधिकारी, प्रवक्ता और प्रदेश के नेता तक अब राहुल गांधी के साथ-साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर भी निशाना साध रहे हैं।
भाजपा के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने राहुल गांधी पर पूरे तेली समाज और ओबीसी समाज का अपमान करने का आरोप लगाते हुए पूरे महाराष्ट्र में राज्यव्यापी आंदोलन चलाने की घोषणा कर दी है।
वहीं नई दिल्ली में संसद भवन परिसर में राहुल गांधी को मिली सजा और उस पर आई कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया की आलोचना करते हुए केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि इससे स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस नेताओं के मन में देश की संस्थाओं के लिए कोई सम्मान नहीं है। आज ये न्यायपालिका पर भी सवाल उठा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राहुल गांधी को अपनी सोच बदलने की नसीहत देते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति संविधान से बड़ा नहीं हो सकता है और राहुल गांधी ने कभी भी संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान नहीं किया है। उन्होंने न्यायालय पर टिप्पणी करने के लिए भी कांग्रेस नेताओं की तीखी आलोचना की।
भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेंस कर राहुल गांधी के तर्कों का जवाब देते हुए कहा कि राहुल गांधी ने कहा कि मैं सत्य और अहिंसा में विश्वास करता हूं। क्या सत्य और अहिंसा में विश्वास करना लोगों को अपमानित करना है ? देश को जातिसूचक गाली देना है ? देश में कानून के राज की बात करते हुए प्रसाद ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर अदालत की अवमानना करने का भी आरोप लगाया।
राहुल गांधी को कठघरे में खड़ा करने के लिए भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेताओं में शुमार केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी सामने आए जिन्होंने अदालत के फैसले से सभी को सीख लेने की सलाह देते हुए कहा, राहुल जी को इस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए कि शब्दों की चोट, शस्त्रों की चोट से ज्यादा गहरी और पीड़ादायी होती है। शब्द, जब अनर्गल और झूठे हों, तब तो चोट और भी गहरी और कष्टदायी हो जाती है। इसीलिए हमारी कानून व्यवस्था में अनर्गल, बेतुके आरोप लगाने वालों पर, सजा का प्रावधान है। मुझे विश्वास है, इस न्यायिक आदेश से सीख लेते हुए, हम सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सार्वजनिक जीवन में शब्दों की मयार्दा किसी भी सूरत में न टूटने पाये।
भाजपा आने वाले दिनों में ओबीसी समाज के अपमान के साथ-साथ संवैधानिक संस्थाओं के प्रति असम्मान और अदालत की अवमानना के मामले में राहुल गांधी के साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर और भी ज्यादा आक्रामक और हमलावर होती नजर आएगी।
–आईएएनएस
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