मुंबई, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। बाजार पूंजीकरण के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) का शेयर जुलाई में अपने उच्चतम स्तर से 23 प्रतिशत फिसल चुका है।
अगर शेयर 2024 के बाकी बचे पांच कारोबारी सत्रों में 5 प्रतिशत बढ़ने में असफल रहा, तो कोविड-19 महामारी के बाद यह पहला मौका होगा, जब आरआईएल के शेयर में मासिक आधार पर इतने लंबे समय तक गिरावट रही है। साथ ही पिछले 10 वर्षों में यह पहला मौका होगा, जब यह नकारात्मक रिटर्न देगा।
आरआईएल के शेयर में लगातार हो रही गिरावट के कारण, इससे देश की सबसे बड़ी निजी कंपनी होने का खिताब छिनने का खतरा मंडरा रहा है।
स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, आरआईएल का मार्केट कैप जुलाई के अपने उच्चतम स्तर 21.50 लाख करोड़ रुपये से करीब 5 लाख करोड़ रुपये घटकर 16.50 लाख करोड़ रुपये रह गया।
वहीं, टाटा समूह के स्वामित्व वाली भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और बाजार पूंजीकरण के हिसाब से देश का सबसे बड़ा बैंक एचडीएफसी बैंक, आरआईएल को शीर्ष स्थान से हटाने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
टीसीएस का मार्केट कैप इस साल जनवरी में 13.72 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर करीब 15 लाख करोड़ रुपये हो गया है और यह आरआईएल को उसके शीर्ष स्थान से हटाने के सबसे करीब है।
एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैप इस साल 12.95 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 13.74 लाख करोड़ रुपये हो गया।
टीसीएस और एचडीएफसी बैंक दोनों के शेयरों ने 2024 में अच्छा प्रदर्शन किया। 24 दिसंबर की क्लोजिंग के अनुसार, टीसीएस ने इस साल लगभग 10 प्रतिशत और एचडीएफसी बैंक ने लगभग 7 प्रतिशत का रिटर्न दिया।
वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में कमी के चलते टीसीएस और एचडीएफसी बैंक को लेकर निवेशक आशावान बने हुए हैं। वहीं, दूसरी तरफ आरआईएल का आय लगातार अनुमान से कमजोर बना हुआ है।
चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से अगले वर्ष के लिए आरआईएल की प्रति शेयर आय अनुमान में 16 प्रतिशत की गिरावट आई है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की आय में कमी के बावजूद भी ब्रोकरेज शेयर पर बुलिश बने हुए हैं। हाल ही में मॉर्गन स्टेनली ने शेयर पर ओवरवेट की रेटिंग दी है।
–आईएएनएस
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