जबलपुर. प्रतिबंध के बावजूद जबलपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) की संजीवनी नगर कॉलोनी के खाली पड़े प्लॉट क्रमांक 937 में क्षेत्र के एक दबंग द्वारा न सिर्फ भवन निर्माण सामग्री का अवैध रूप से संग्रहण किया गया हैं बल्कि यहीं से अवैध रूप से व्यापार भी किया जा रहा हैं.
रिहायशी इलाके में इंट, गिट्टी, रेत, सीमेंट और लोहे जैसी भवन निर्माण सामग्री के संग्रहण और व्यापार के चलते दिन-रात हो रहे अवैध परिवहन से न सिर्फ क्षेत्र के लोग परेशान हैं बल्कि जिम्मेदार निकायों से शिकायत पर कार्रवाई तो दूर की बात शिकायतकर्ताओं को यहां से भवन निर्माण सामग्री का अवैध संग्रहण, व्यापार और परिवहन कर रहे दबंगों से धमकियां मिल रही हैं, जिसके चलते क्षेत्र में दहशत का माहौल हैं.
शासकीय स्कूल से चंद कदम की दूरी पर घनी बस्ती के बीच दबंगों द्वारा अवैध तरीके से रेत, गिट्टी व ईंट सहित अन्य भवन निर्माण सामग्री के संग्रहण से क्षेत्र के बुजुर्ग, बच्चों को महिलाओं के साथ पुरुषों को भी इस कड़कड़ाती ठंड में भी सांस लेने में समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं.
क्षेत्रीय जनों का कहना हैं कि क्षेत्र में रेत, गिट्टी के साथ भवन निर्माण में उपयोग में आने वाली मैकेनाइज्ड डस्ट (एम डस्ट), स्टोन डस्ट को भी यहां संग्रहित कर रखा गया हैं, जिसके उड़कर लोगों के सांस में आने से उन्हें सांस लेने में समस्या हो रही हैं. क्षेत्रीय जनों ने बताया कि चिकित्सक भी उन्हें बता रहे हैं कि ईंट, स्टोन डस्ट की धूल में क्रिस्टलीय सिलिका कण हो सकते हैं. यदि इन्हें श्रमिकों या राहगीरों द्वारा साँस के द्वारा ग्रहण किया जाता है, तो ये फेफड़ों में समा सकते हैं. सिलिका बेहद खतरनाक है और इससे श्वसन संबंधी समस्याएं और यहां तक कि मौत भी हो सकती है.
जिम्मेदारों को नहीं परवाह
क्षेत्रीय नागरिकों ने आरोप लगाया हैं कि जब-जब क्षेत्रीय नागरिकों ने इस विषय में जिम्मेदार विभागों में शिकायत की तब-तब विभागों द्वारा कथित तौर पर शिकायतकर्ता का नाम अवैध कारोबार में लिप्त दबंगों को बता दिया जाता हैं जिसके चलते कार्रवाई तो हो नहीं पाती उल्टे शिकायतकर्ताओं को ही दबंग डरा-धमका कर शिकायत वापस लेने दबाव बनाने लगते हैं.
हादसों के शिकार हो रहे राहगीर
क्षेत्रीय जनों ने बताया कि अवैध संग्रहण के साथ ही भवन निर्माण सामग्री का रिहायशी इलाके से ही दिन-रात अवैध परिवहन भी किया जा रहा हैं. लगातार वाहनों से घनी बस्ती के बीच निर्माण सामग्री का परिवहन होता है जिससे आए दिन दुर्घटनाएं देखने को मिलती हैं. स्थानीय लोगों ने इस संबंध में कई बार शिकायतें की परन्तु न तो जिम्मेदारों को इससे फर्क पड़ा और न ही दबंगों ने अपना ठिकाना बदला.