मॉस्को, 9 दिसंबर (आईएएनएस)। रूस की संघीय सुरक्षा सर्विस (एफएसबी) ने सोमवार को खुलासा किया कि उसने भारत सहित कई अन्य देशों के लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाले एक कॉल सेंटर्स के अतरराष्ट्रीय नेटवर्क पर छापा मारा और उसे बंद कर दिया है।
मॉस्को ने इसके बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि ये ‘अवैध गतिविधियां’ जॉर्जिया के पूर्व रक्षा मंत्री और मिल्टन समूह के संस्थापक डी. काजेराश्विली के हितों में चलाई जा रही थीं। वह फिलहाल लंदन में छिपे हुए हैं।
एफएसबी ने एक बयान में बताया, “ये सभी कॉल सेंटर एक अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध समूह का हिस्सा थे, जो निवेश लेनदेन की आड़ में यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, कनाडा, ब्राजील, भारत, जापान जैसे के लोगों के साथ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करता था। 50 से अधिक देशों में रहने वाले लगभग 100,000 लोग उनकी अवैध गतिविधियों के शिकार बन गए। इन लोगों की अवैध गतिविधियों से होने वाली आय प्रति दिन 1 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई।”
बता दें कि एफएसबी एक संघीय कार्यकारी निकाय है जिसकी गतिविधियों की निगरानी स्वयं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन करते हैं।
एफएसबी के बयान में बताया गया कि ऑपरेशनल जांच गतिविधियों की वजह से रूस में संचालित कॉल सेंटरों के प्रमुख लोगों की भी पहचान की गई। इनमें इजराइल और यूक्रेन के नागरिक केसलमैन वाई.डी. (हिरासत में) और इजरायल और जॉर्जिया के नागरिक टोडवा डी. (वांछित) शामिल हैं। इन्होंने 2022 में यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (एसबीयू) के निर्देश पर मॉस्को, कुर्स्क, ब्रायंस्क और बेलगोरोद में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर आतंकवादी हमलों की तैयारी के बारे में गुमनाम संदेशों के प्रसार किया था।
बयान में आगे कहा गया कि एफएसबी के जांच विभाग द्वारा शुरू किए गए आपराधिक मामले में, कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने रूसी संघ के आपराधिक संहिता के अनुच्छेद 210 (आपराधिक समुदाय का संगठन), अनुच्छेद 159 के भाग 4 (विशेष रूप से बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी), अनुच्छेद 207 के भाग 3 (आतंकवादी कृत्य की जानबूझकर झूठी रिपोर्ट) के तहत कॉल सेंटर के रूसी कार्यालयों के 11 प्रबंधकों और कर्मचारियों को हिरासत में लिया। अभी भी परिचालन से जुड़ी गतिविधियां और कार्रवाई जारी है।”
–आईएएनएस
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