जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे ( पमरे) के कई अधिकारी, कर्मचारी अपनी ड्यूटी ईमानदारी से नहीं कर रहे हैं. यह बात हालहीं में सतर्कता (विजिलेंस) टीम की जांच में सामने आई. जांच में यह पाया गया कि पमरे रेलवे स्टाफ के कई अधिकारी कर्मचारी मस्टर में नियमित रूप से हस्ताक्षर ही नहीं कर रहे हैं. इस पर सतर्कता विभाग ने सख्त कार्रवाई करने की बात कही हैं. इसके साथ ही विभिन्न विभागों से रिपोर्ट भी तलब की गई हैं. इसके साथ ही स्टाफ को निर्देशित किया गया हैं कि मस्टर में अपनी ड्यूटी के अनुसार नियमित रूप से हस्ताक्षर किए जाएं. हस्ताक्षर न करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए वे स्वयं ही जिम्मेदार होंगे.
कुछ हस्ताक्षर करके भी हो रहे गायब
रेल सूत्रों के मुताबिक मस्टर रोल की हुई जांच में जो बातें सामने आई हैं उसमें फिलहाल सभी तथ्य सतर्कता जांच टीम के सामने नहीं आ पाए हैं. सूत्रों के अनुसार पमरे में कुछ अधिकारी, कर्मचारी ऐसे हैं जो सिर्फ मस्टर रोल में हस्ताक्षर करने के लिए ही कार्यालय आते हैं और हस्ताक्षर करने के बाद गायब हो जाते हैं. इसी तरह कुछ अधिकारी, कर्मचारी ऐसे भी हैं जो कार्यालय पहुंचना तो दूर की बात मस्टर रोल में भी हस्ताक्षर करने नहीं आते हैं. विभागीय सूत्रों की मानें तो यह सब काफी लंबे समय से चल रहा हैं यदि सतर्कता विभाग की नजर मस्टर रोल में नहीं पड़ती तो यह बात प्रबंधन के संज्ञान में भी नहीं आ पाती.
हस्ताक्षर करने वालों और न करने वालों की हो सतत जांच
पमरे सूत्रों की मानें तो वर्तमान में कर्मचारी, अधिकारियों की उपस्थिति को लेकर उठ रहे सवालों को लेकर एक दिन की जांच के बजाए कुछ समय के लिए ही सही लेकिन नियमित रूप से जांच की जानी चाहिए. सूत्रों ने बताया कि जांच के दो बिंदु निर्धारित किए जाने चाहिए पहला ये कि मस्टर में कितने अधिकारी हस्ताक्षर ही नहीं कर रहे हैं और गायब हैं और दूसरा बिंदू ये हो कि मस्टर मेंं हस्ताक्षर के बाद कितने अधिकारी कार्यालय में अपने संबंधित विभाग में रहते हैं या फिर हस्ताक्षर के बाद ही नदारद हो जाते हैं. सूत्रों ने बताया कि पमरे में इस तरह से अपने कार्य के प्रति लापरवाह अधिकारियों, कर्मचारियों की गैर मौजूदगी के चलते न सिर्फ पमरे की कार्यशैली पर असर पड़ रहा हैं बल्कि अन्य कर्मचारियों, अधिकारियों पर भी अनुपस्थित अधिकारियों, कर्मचारियों के कार्य का भार पड़ रहा हैं.
कहां गायब रहते हैं श्रमिक नेता
पमरे के जबलपुर रेलवे स्टेशन में चर्चाओं का माहौल गर्म हैं कि मुख्य टिकिट निरीक्षक (डी) एक प्रभावशाली यूनियन के पदाधिकारी हैं, जिसके चलते ये श्रमिक नेता ड्यूटी भी मनमर्जी से करते हैं. इनका कार्य के समय के दौरान दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक वे कार्यालय में ही उपस्थित रहते हैं. रेल सूत्रों के अनुसार यदि रेलवे प्रबंधन नियमानुसार कार्रवाई करे तो इस प्रकार की मनमानी पर रोक की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. पमरे महाप्रबंधक कार्यालय एवं मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के मुखिया के कार्यालय से उक्त कार्यालय चंद कदम की दूरी पर हैं. सूत्रों का कहना हैं कि जब मुख्यालय जबलपुर में यह हाल हैं तो भोपाल एवं कोटा मंडल की कार्यप्रणाली का सहजता से ही अंदाजा लगाया जा सकता हैं.