जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने रेलवे प्रशासन को निर्देशित किया है कि केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) के आदेश से प्रभावित हुए बिना रेलकर्मी के तबादले के संबंध में प्रस्तुत अभ्यावेदन का निराकरण करें. जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को स्थानांतरित जगह पर ज्वाइन करने बाध्य नहीं करें.
जबलपुर निवासी संजय कुमार सिन्हा (वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर) की ओर से बताया गया कि याचिकाकर्ता को 15 मार्च 2022 को जबलपुर से ब्यौहारी स्थानांतरित किया गया. इस आदेश को कैट में इस आधार पर चुनौती दी गई कि यूनियन के पदाधिकारी के दबाव में तबादला किया गया है. कैट ने एक अक्टूबर 2024 को संजय की याचिका निरस्त करते हुए उन्हें तत्काल तबादला वाले स्थान पर ज्वाइन करने के आदेश दिये गये.
आवेदक की ओर से कहा गया कि उनकी सेवानिवृत्ति में केवल 11 माह बचे हैं. याचिका लंबित रहने के दौरान उनके दिल का ऑपरेशन भी हुआ है. केन्द्र के परिपत्र के तहत सेवानिवृत्ति के एक या दो वर्ष रहने पर सामान्य स्थिति में तबादला नहीं किया जा सकता. सुनवाई पश्चात न्यायालय ने उक्त राहतकारी आदेश दिया.