नई दिल्ली, 31 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय रेलवे ने अपने बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में प्रभावशाली वृद्धि देखी है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार, रेलवे में बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) को 2014 से जबरदस्त बढ़ावा मिला है। वित्त वर्ष 2023 में 2.5 लाख करोड़ रुपये के कैपेक्स (बी.ई.) के साथ पिछले चार वर्षों में इसमें लगातार वृद्धि देखी गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 29 प्रतिशत अधिक है।
चालू वित्त वर्ष (12 दिसंबर, 2022 तक) के दौरान, भारतीय रेलवे (आईआर) ने पहले ही 2022 ट्रैक किलोमीटर (टीकेएम) पूरा कर लिया है, जिसमें 109 टीकेएम नई लाइन, 102 टीकेएम गेज परिवर्तन और 1811 टीकेएम मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाएं शामिल हैं।
प्रगति की गति को समझने के लिए, यह ध्यान दिया जा सकता है कि पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान यह आंकड़ा मार्च के पहले सप्ताह के दौरान ही पहुंचा था। वित्तीय वर्ष 2014-22 से, पूरे भारतीय रेल में, 20,628 किमी सेक्शन (3,970 किमी नई लाइन, 5,507 किमी आमान परिवर्तन और 11,151 किमी दोहरीकरण) को औसतन 2,579 किमी/वर्ष पर कमीशन किया गया है, जो 2009 -14 (1,520 किमी/वर्ष) के दौरान औसत कमीशनिंग से 70 प्रतिशत अधिक है।
सर्वे के अनुसार, इसके अलावा, पिछले आठ वर्षों (2014-22) के दौरान, 4,698 आरकेएम के विद्युतीकरण की तुलना में 30,446 रूट किलोमीटर (आरकेएम) का विद्युतीकरण किया गया है, जो छह गुना से अधिक की वृद्धि है।
भारतीय रेल द्वारा अवसंरचना वृद्धि की तीव्र गति धन के आवंटन में पर्याप्त वृद्धि और सरकार द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों का परिणाम है। इसमें क्षेत्र स्तर पर शक्तियों का प्रत्यायोजन शामिल है, जिसने दोहरीकरण परियोजनाओं को चालू करने में मदद की है, जिसमें विभिन्न स्तरों पर परियोजनाओं की प्रगति की बारीकी से निगरानी, राज्य सरकारों के साथ नियमित अनुवर्ती कार्रवाई और शीघ्र भूमि अधिग्रहण, वानिकी और वन्यजीव मंजूरी के लिए संबंधित प्राधिकरण और परियोजनाओं से संबंधित अन्य मुद्दों को हल करना शामिल है।
68,031 से अधिक मार्ग किलोमीटर के साथ भारतीय रेलवे (आईआर) एकल प्रबंधन के तहत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है।
देश भर में बढ़ी हुई गतिशीलता और तेज और प्रतिस्पर्धी ट्रेनों की मांग आने वाले वर्षों में यात्री यातायात में वृद्धि में सहायता करेगी।
–आईएएनएस
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