नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय रेलवे ने ओडिशा के मौजूदा 2,822 रूट किलोमीटर ब्रॉड गेज नेटवर्क का 100 फीसदी विद्युतीकरण कर लिया है।
रेल मंत्रालय के अनुसार भारतीय रेलवे ने ओडिशा का मौजूदा ब्रॉड गेज नेटवर्क 2,822 रूट किलोमीटर है, जो अब 100 फीसदी विद्युतीकृत है, जिसके परिणामस्वरूप कम लाइन हॉल लागत (लगभग 2.5 गुना कम), भारी ढुलाई क्षमता, बढ़ी हुई अनुभागीय क्षमता, बिजली की परिचालन और रखरखाव लागत में कमी के कारण बचत हुई है।
इसके साथ ही आयातित कच्चे तेल पर कम निर्भरता, विदेशी मुद्रा की बचत के साथ लोको, ऊर्जा कुशल और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन का साधन। इसके अलावा, 100 फीसदी विद्युतीकृत नेटवर्क की रेलवे की नीति के अनुरूप विद्युतीकरण के साथ नया ब्रॉड गेज नेटवर्क स्वीकृत किया जाएगा।
ओडिशा राज्य का क्षेत्र पूर्वी तट, दक्षिण पूर्वी और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकार क्षेत्र में आता है। ओडिशा के कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशन में भुवनेश्वर, कटक, पुरी, संबलपुर, भद्रक, राउरकेला और झारसुगुड़ा शामिल हैं। रेलवे नेटवर्क ओडिशा से देश के अन्य हिस्सों में खनिजों, कृषि उत्पादों और अन्य सामानों के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ओडिशा में पहली रेलवे लाइन 1897 में कटक – खुर्दा रोड – पुरी के बीच बनाई गई थी। ओडिशा राज्य में हावड़ा-पुरी एक्सप्रेस, कोणार्क एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस, हीराकुंड एक्सप्रेस, विशाखा एक्सप्रेस और भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस समेत कई अन्य ट्रेनें देश के अन्य प्रमुख शहरों को कनेक्टिविटी प्रदान करती हैं।
–आईएएनएस
पीटीके/एएनएम
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नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय रेलवे ने ओडिशा के मौजूदा 2,822 रूट किलोमीटर ब्रॉड गेज नेटवर्क का 100 फीसदी विद्युतीकरण कर लिया है।
रेल मंत्रालय के अनुसार भारतीय रेलवे ने ओडिशा का मौजूदा ब्रॉड गेज नेटवर्क 2,822 रूट किलोमीटर है, जो अब 100 फीसदी विद्युतीकृत है, जिसके परिणामस्वरूप कम लाइन हॉल लागत (लगभग 2.5 गुना कम), भारी ढुलाई क्षमता, बढ़ी हुई अनुभागीय क्षमता, बिजली की परिचालन और रखरखाव लागत में कमी के कारण बचत हुई है।
इसके साथ ही आयातित कच्चे तेल पर कम निर्भरता, विदेशी मुद्रा की बचत के साथ लोको, ऊर्जा कुशल और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन का साधन। इसके अलावा, 100 फीसदी विद्युतीकृत नेटवर्क की रेलवे की नीति के अनुरूप विद्युतीकरण के साथ नया ब्रॉड गेज नेटवर्क स्वीकृत किया जाएगा।
ओडिशा राज्य का क्षेत्र पूर्वी तट, दक्षिण पूर्वी और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकार क्षेत्र में आता है। ओडिशा के कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशन में भुवनेश्वर, कटक, पुरी, संबलपुर, भद्रक, राउरकेला और झारसुगुड़ा शामिल हैं। रेलवे नेटवर्क ओडिशा से देश के अन्य हिस्सों में खनिजों, कृषि उत्पादों और अन्य सामानों के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ओडिशा में पहली रेलवे लाइन 1897 में कटक – खुर्दा रोड – पुरी के बीच बनाई गई थी। ओडिशा राज्य में हावड़ा-पुरी एक्सप्रेस, कोणार्क एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस, हीराकुंड एक्सप्रेस, विशाखा एक्सप्रेस और भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस समेत कई अन्य ट्रेनें देश के अन्य प्रमुख शहरों को कनेक्टिविटी प्रदान करती हैं।
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रेल मंत्रालय के अनुसार भारतीय रेलवे ने ओडिशा का मौजूदा ब्रॉड गेज नेटवर्क 2,822 रूट किलोमीटर है, जो अब 100 फीसदी विद्युतीकृत है, जिसके परिणामस्वरूप कम लाइन हॉल लागत (लगभग 2.5 गुना कम), भारी ढुलाई क्षमता, बढ़ी हुई अनुभागीय क्षमता, बिजली की परिचालन और रखरखाव लागत में कमी के कारण बचत हुई है।
इसके साथ ही आयातित कच्चे तेल पर कम निर्भरता, विदेशी मुद्रा की बचत के साथ लोको, ऊर्जा कुशल और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन का साधन। इसके अलावा, 100 फीसदी विद्युतीकृत नेटवर्क की रेलवे की नीति के अनुरूप विद्युतीकरण के साथ नया ब्रॉड गेज नेटवर्क स्वीकृत किया जाएगा।
ओडिशा राज्य का क्षेत्र पूर्वी तट, दक्षिण पूर्वी और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकार क्षेत्र में आता है। ओडिशा के कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशन में भुवनेश्वर, कटक, पुरी, संबलपुर, भद्रक, राउरकेला और झारसुगुड़ा शामिल हैं। रेलवे नेटवर्क ओडिशा से देश के अन्य हिस्सों में खनिजों, कृषि उत्पादों और अन्य सामानों के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ओडिशा में पहली रेलवे लाइन 1897 में कटक – खुर्दा रोड – पुरी के बीच बनाई गई थी। ओडिशा राज्य में हावड़ा-पुरी एक्सप्रेस, कोणार्क एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस, हीराकुंड एक्सप्रेस, विशाखा एक्सप्रेस और भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस समेत कई अन्य ट्रेनें देश के अन्य प्रमुख शहरों को कनेक्टिविटी प्रदान करती हैं।
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ओडिशा में पहली रेलवे लाइन 1897 में कटक – खुर्दा रोड – पुरी के बीच बनाई गई थी। ओडिशा राज्य में हावड़ा-पुरी एक्सप्रेस, कोणार्क एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस, हीराकुंड एक्सप्रेस, विशाखा एक्सप्रेस और भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस समेत कई अन्य ट्रेनें देश के अन्य प्रमुख शहरों को कनेक्टिविटी प्रदान करती हैं।
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इसके साथ ही आयातित कच्चे तेल पर कम निर्भरता, विदेशी मुद्रा की बचत के साथ लोको, ऊर्जा कुशल और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन का साधन। इसके अलावा, 100 फीसदी विद्युतीकृत नेटवर्क की रेलवे की नीति के अनुरूप विद्युतीकरण के साथ नया ब्रॉड गेज नेटवर्क स्वीकृत किया जाएगा।
ओडिशा राज्य का क्षेत्र पूर्वी तट, दक्षिण पूर्वी और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकार क्षेत्र में आता है। ओडिशा के कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशन में भुवनेश्वर, कटक, पुरी, संबलपुर, भद्रक, राउरकेला और झारसुगुड़ा शामिल हैं। रेलवे नेटवर्क ओडिशा से देश के अन्य हिस्सों में खनिजों, कृषि उत्पादों और अन्य सामानों के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ओडिशा में पहली रेलवे लाइन 1897 में कटक – खुर्दा रोड – पुरी के बीच बनाई गई थी। ओडिशा राज्य में हावड़ा-पुरी एक्सप्रेस, कोणार्क एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस, हीराकुंड एक्सप्रेस, विशाखा एक्सप्रेस और भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस समेत कई अन्य ट्रेनें देश के अन्य प्रमुख शहरों को कनेक्टिविटी प्रदान करती हैं।
–आईएएनएस
पीटीके/एएनएम
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नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय रेलवे ने ओडिशा के मौजूदा 2,822 रूट किलोमीटर ब्रॉड गेज नेटवर्क का 100 फीसदी विद्युतीकरण कर लिया है।
रेल मंत्रालय के अनुसार भारतीय रेलवे ने ओडिशा का मौजूदा ब्रॉड गेज नेटवर्क 2,822 रूट किलोमीटर है, जो अब 100 फीसदी विद्युतीकृत है, जिसके परिणामस्वरूप कम लाइन हॉल लागत (लगभग 2.5 गुना कम), भारी ढुलाई क्षमता, बढ़ी हुई अनुभागीय क्षमता, बिजली की परिचालन और रखरखाव लागत में कमी के कारण बचत हुई है।
इसके साथ ही आयातित कच्चे तेल पर कम निर्भरता, विदेशी मुद्रा की बचत के साथ लोको, ऊर्जा कुशल और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन का साधन। इसके अलावा, 100 फीसदी विद्युतीकृत नेटवर्क की रेलवे की नीति के अनुरूप विद्युतीकरण के साथ नया ब्रॉड गेज नेटवर्क स्वीकृत किया जाएगा।
ओडिशा राज्य का क्षेत्र पूर्वी तट, दक्षिण पूर्वी और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकार क्षेत्र में आता है। ओडिशा के कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशन में भुवनेश्वर, कटक, पुरी, संबलपुर, भद्रक, राउरकेला और झारसुगुड़ा शामिल हैं। रेलवे नेटवर्क ओडिशा से देश के अन्य हिस्सों में खनिजों, कृषि उत्पादों और अन्य सामानों के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ओडिशा में पहली रेलवे लाइन 1897 में कटक – खुर्दा रोड – पुरी के बीच बनाई गई थी। ओडिशा राज्य में हावड़ा-पुरी एक्सप्रेस, कोणार्क एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस, हीराकुंड एक्सप्रेस, विशाखा एक्सप्रेस और भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस समेत कई अन्य ट्रेनें देश के अन्य प्रमुख शहरों को कनेक्टिविटी प्रदान करती हैं।
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नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय रेलवे ने ओडिशा के मौजूदा 2,822 रूट किलोमीटर ब्रॉड गेज नेटवर्क का 100 फीसदी विद्युतीकरण कर लिया है।
रेल मंत्रालय के अनुसार भारतीय रेलवे ने ओडिशा का मौजूदा ब्रॉड गेज नेटवर्क 2,822 रूट किलोमीटर है, जो अब 100 फीसदी विद्युतीकृत है, जिसके परिणामस्वरूप कम लाइन हॉल लागत (लगभग 2.5 गुना कम), भारी ढुलाई क्षमता, बढ़ी हुई अनुभागीय क्षमता, बिजली की परिचालन और रखरखाव लागत में कमी के कारण बचत हुई है।
इसके साथ ही आयातित कच्चे तेल पर कम निर्भरता, विदेशी मुद्रा की बचत के साथ लोको, ऊर्जा कुशल और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन का साधन। इसके अलावा, 100 फीसदी विद्युतीकृत नेटवर्क की रेलवे की नीति के अनुरूप विद्युतीकरण के साथ नया ब्रॉड गेज नेटवर्क स्वीकृत किया जाएगा।
ओडिशा राज्य का क्षेत्र पूर्वी तट, दक्षिण पूर्वी और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकार क्षेत्र में आता है। ओडिशा के कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशन में भुवनेश्वर, कटक, पुरी, संबलपुर, भद्रक, राउरकेला और झारसुगुड़ा शामिल हैं। रेलवे नेटवर्क ओडिशा से देश के अन्य हिस्सों में खनिजों, कृषि उत्पादों और अन्य सामानों के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ओडिशा में पहली रेलवे लाइन 1897 में कटक – खुर्दा रोड – पुरी के बीच बनाई गई थी। ओडिशा राज्य में हावड़ा-पुरी एक्सप्रेस, कोणार्क एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस, हीराकुंड एक्सप्रेस, विशाखा एक्सप्रेस और भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस समेत कई अन्य ट्रेनें देश के अन्य प्रमुख शहरों को कनेक्टिविटी प्रदान करती हैं।