सतना, देशबन्धु. रेलवे की सतना डिपो में पदस्थ लोको पायलट जितेन्द्र चौरसिया का शव चार दिन की तलाश के बाद पन्ना जिले में पवई के चांदा घाट से बरामद किया गया है. आशंका है कि गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई है. घटना स्थल पर मृतक के शव का परीक्षण करने पर गन शॉट के निशान मिले हैं. हालांकि कटनी कोतवाली पुलिस इस मामले का खुलासा करने से अभी बच रही है. पुलिस तथ्य और अपराधियों की तलाश में जुटी है.
यह है मामला
जितेन्द्र की पत्नी अनामिका चौरसिया ने सतना कोतवाली में और दूसरी ओर कटनी कोतवाली में जितेन्द्र के पिता वीरेन्द्र कुमार चौरसिया ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी. सतना पुलिस इस मसले पर हाथ पर हाथ रखे बैठी रही और तेजी दिखाते हुए कोतवाली कटनी पुलिस ने लोको पायलट की तलाश शुरू कर दी थी. पुलिस को बताया था कि किशोर गंज थाना गढ़ी मलेहरा जिला छतरपुर निवासी जितेन्द्र सतना में लोको पायलट है और पत्नी व परिवार के साथ राजेन्द्र नगर में रहता है. 21 दिसंबर की रात जितेन्द्र को उसका दोस्त धर्मेन्द्र चौरसिया बुलेरो गाड़ी एमपी 40 जेडबी 7337 से लेकर गया था. देर रात जब अनामिका ने जितेन्द्र को कॉल किया तो उसका फोन बंद आया. 22 दिसंबर की सुबह 5 बजे धर्मेन्द्र को फोन किया तो उसने बताया कि वह जितेन्द्र को कटनी रेलवे स्टेशन के बाहर छोड़कर चला गया था.
सीसीटीवी में मिलते गए फुटेज
जितेन्द्र की तलाश में जुटे उसके परिजन और कटनी पुलिस ने तमाम सीसीटीवी फुटेज जब्त किए, जिसमें जितेन्द्र और धर्मेन्द्र बुलेरो वाहन से जाते हुए और ढाबा में नजर आए. जितेन्द्र का शव मिलने के बाद एक आशंका यह भी है कि उसकी हत्या सुनियोजित तरीके से की गई है. इस अपराध में एक से अधिक लोगों के शामिल होने का संदेह है. जिस धर्मेन्द्र की बात हो रही है वह रसिया से डॉक्टर की पढ़ाई कर लौटा है और जितेन्द्र का बेहद करीबी दोस्त था.
आखिर क्यों की गई हत्या?
रेलवे लोको पायलट जितेन्द्र का शव पवई से शाहनगर रोड में चांदा घाट से नीचे फेंका गया था. 20 फीट नीचे से उसका शव बरामद किया गया है. गन शॉट भी मिले हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर करीबी दोस्त के साथ वह निकला तो फिर आगे क्या हुआ? उसकी हत्या किसने और किस मकसद से कर दी. धर्मेन्द्र की इस अपराध में क्या भूमिका है? इन सवालों के जबाव कटनी कोतवाली पुलिस तलाश रही है. उम्मीद है कि बुधवार को इस अंधी हत्या का पर्दाफास कर लिया जाएगा और अपराधी भी पुलिस की गिरफ्त में होंगे.