हैदराबाद, 8 फरवरी (आईएएनएस)। भारत राष्ट्र समिति की नेता के. कविता ने गुरुवार को आरोप लगाया कि तेलंगाना सरकार ने आंध्र प्रदेश के अधिकारियों और राजनेताओं को निदेशक, सलाहकार और राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों के रूप में नियुक्त किया है।
बीआरएस प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता ने कहा, ”आंध्र प्रदेश के लोगों से तेलंगाना के हितों की रक्षा की उम्मीद नहीं की जा सकती।”
गुरुवार को एक प्रेसवार्ता को संबोधित करने के क्रम में उन्होंने दावा किया कि जब से आंध्र प्रदेश के अधिकारियों को बिजली उपयोगिताओं के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है, तब से दो घंटे प्रति दिन बिजली जाती है।
बीआरएस एमएलसी ने सलाहकारों की नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री की आलोचना की और याद दिलाया कि जब बीआरएस सत्ता में थी, तो रेवंत रेड्डी सलाहकारों की आवश्यकता पर सवाल उठाते हुए अदालत में गए थे।
उन्होंने सवाल किया, ”सत्ता में आने के बाद आपने कई सलाहकार नियुक्त किए हैं। क्या आपने उन्हें राजनीतिक पुनर्वास के लिए सलाहकार नहीं बनाया है।”
बीआरएस नेता ने कहा कि आंध्र प्रदेश के रहने वाले एक व्यक्ति की नियुक्ति के लिए विधानसभा में सलाहकार का एक नया पद सृजित किया गया था। उन्होंने कहा कि प्रसन्न कुमार ने कभी सरकार में काम नहीं किया। उन्होंने आंध्र प्रदेश के किसी व्यक्ति को सरकार में नियुक्ति करने के लिए सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, “सरकार ने ऐसे व्यक्ति को नियुक्त किया है, जिसने पूर्व में तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्य के रूप में तेलुगू देशम पार्टी में काम किया।”
उन्होंने आरोप लगाया कि रेवंत रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट में राज्य के वकील के रूप में अपने निजी वकीलों की एक टीम भी नियुक्त की। उन्होंने दावा किया कि जिन तीन लोगों को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया, वो सभी कैश फॉर वोट केस में रेवंत रेड्डी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
कविता ने आगे कहा, ”पूर्व डीजीपी एम महेंद्र रेड्डी को भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर टीएसपीएससी के चेयरमैन के पद से बर्खास्त कर दिया गया था।”
उन्होंने आगे कहा, ”कांग्रेस पार्टी आरोप लगा रही है कि बीआरएस शासन में भ्रष्टाचार था और महेंद्र रेड्डी उस वक्त डीजीपी के पद पर तैनात थे, जब बीआरएस सत्ता में थी। लिहाजा सरकार को आगामी दिनों में इस पूरे मामले की न्यायिक जांच करनी चाहिए, ताकि पूरी वस्तुस्थिति स्पष्ट हो सके।”
बीआरएस नेता ने आगे कहा कि उन्होंने कभी भी महेंद्र रेड्डी पर किसी भी प्रकार का आरोप नहीं लगाया और उन्होंने इस बात को याद दिलाया कि जब वो डीजीपी थे, तब रेवंत रेड्डी ही वो शख्स थे, जिन्होंने उनके खिलाफ अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया था। अब सत्ता में आने के बाद आपने उन्हें टीएसपीएससी का चेयरमैन नियुक्त किया है। वहीं, एक अधिवक्ता ने महेंद्र रेड्डी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, तो अब ऐसे में हम उनके खिलाफ जांच की मांग करते हैं और यह चाहते हैं कि उन्हें टीएसपीएससी के चेयरमैन के पद से हटाया जाए।”
कविता ने मांग की कि सरकार बेरोजगार युवाओं के साथ न्याय करने के लिए तुरंत एक नौकरी कैलेंडर घोषित करे। कांग्रेस पार्टी द्वारा वादा किए गए नौकरी कैलेंडर में ग्रुप-एक अधिसूचना की तारीख 1 फरवरी तय की गई थी। नौकरी कैलेंडर जारी करने में कोई वित्तीय व्यय शामिल नहीं होता है, इसलिए सरकार को इसकी घोषणा करनी चाहिए, ताकि प्रक्रिया शुरू की जा सके।
वहीं, बीआरएस नेता ने अनुकंपा के आधार पर राज्य के स्वामित्व वाली सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड में नियुक्त 412 लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपने के लिए रेवंत रेड्डी की आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि ये नियुक्तियां बीआरएस सरकार द्वारा की गई थीं।
–आईएएनएस
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