कोलकाता, 15 अगस्त (आईएएनएस)। जादवपुर विश्वविद्यालय के एक नए छात्र की कथित तौर पर रैगिंग के कारण मौत के बाद, विश्वविद्यालय के शासी निकाय ने प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए अलग छात्रावास का निर्णय लिया है।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों को भी सख्त निर्देश दिए हैं, जो हॉस्टल में “अतिथि” के रूप में लड़कों के लिए सीटों पर कब्जा कर रहे हैं, वे अगले तीन दिनों के भीतर इसे खाली कर दें।
शैक्षणिक हलकों का मानना है कि नए छात्रों के लिए एक अलग छात्रावास की बहुप्रतीक्षित और लंबे समय से मांग की जाने वाली मांग आखिरकार आ गई , लेकिन एक नए छात्र की रैगिंग का शिकार होने के बाद मृत्यु हो गई।
गणित में एमएससी के पूर्व छात्र सौरव चौधरी को इस सिलसिले में गिरफ्तार किए जाने के बाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों का एक वर्ग छात्रावास को पैतृक संपत्ति के रूप में उपयोग कर रहा है।
जांच से पता चला कि चौधरी न केवल छात्रावास में रैगिंग का मास्टरमाडंड था, बल्कि आवास संबंधी माामलों में उसका निर्णय अंतिम था।
चौधरी के अलावा, इस सिलसिले में बीए द्वितीय वर्ष के दो वर्तमान छात्रों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
शिक्षाविदों का मानना है कि प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए छात्रावास को अलग करना, वर्षों से चली आ रही रैगिंग-श्रृंखला को तोड़ने का सबसे अच्छा तरीका है।
शहर के एक शिक्षाविद् ने कहा, “एक बार नए छात्रों के एक समूह को उनके वरिष्ठों द्वारा मनोवैज्ञानिक और शारीरिक रैगिंग से बचा लिया जाता है, तो जब वे स्वयं वरिष्ठ बन जाएंगे, तो उनमें अपने कनिष्ठों के साथ ऐसा करने की प्रवृत्ति विकसित नहीं होगी। इस प्रकार रैगिंग-श्रृंखला टूट जाएगी। इससे प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए अलग छात्रावास की प्रणाली राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाया गया एक सफल मॉडल रही है,”
–आईएएनएस
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