गाजियाबाद, 16 मई (आईएएनएस)। देश की पहली रीजनल रैपिडएक्स (रैपिड रेल) में सफर करने वाले लोग अब स्टेशनों पर वर्चुअल स्टोर से शॉपिंग कर सकेंगे। इधर, वे स्टेशन पर खड़े होकर ऑनलाइन ऑर्डर करेंगे, उधर कुछ घंटों में वह सामान उनके घर पर पहुंचा दिया जाएगा। दक्षिण कोरिया में प्रचलित वर्चुअल स्टोर्स की तर्ज पर भारत में ये सुविधा पहली बार मिलने जा रही है।
दक्षिण कोरिया में इस तरह के वर्चुअल स्टोर इसलिए खोले गए, क्योंकि लोगों के पास मार्केट जाने का वक्त नहीं होता। इससे ऑनलाइन बिक्री 130 फीसदी तक बढ़ गई। दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में ये तकनीक साल 2010-12 के आस-पास आई थी। ब्रिटिश श्रृंखला टेस्को, जिसे दक्षिण कोरिया में होम प्लस के नाम से जाना जाता है। टेस्को ने वहां पूरे देश में अधिक स्टोर खोले बिना किराना उत्पाद की बिक्री बढ़ाने की योजना बनाई थी। इसके तहत सियोल में रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों के आसपास वर्चुअल स्टोर खोले गए। इन स्टोर पर पहुंचने पर कई बड़ी स्क्रीन होती हैं, जहां हर सामान डिस्प्ले पर नजर आता है। ये डिस्प्ले ठीक वैसे दिखाई पड़ती हैं, जैसे दुकान में सामान रखा हो।
खरीदार अपने स्मार्टफोन से डिस्प्ले सामान को स्कैन करके ऑर्डर कर उसका भुगतान हाथोंहाथ कर देगा। इसके बाद कुछ ही घंटे में ये सामान संबंधित व्यक्ति के घर तक पहुंचा दिया जाता है। वर्चुअल स्टोर खोलने के बाद टेस्को की ऑनलाइन बिक्री 130 गुना तक बढ़ गई थी। ये योजना इसलिए लाई गई, क्योंकि लोगों पर मार्केट में घूमने, सामान खरीदने का टाइम नहीं था। इसलिए जब वे बस या रेलवे स्टेशन पर ट्रांसपोर्ट का इंतजार कर रहे होते हैं, तब तक वे वर्चुअल शॉपिंग करके उस समय का सदुपयोग कर सकते हैं।
एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया, यही योजना अब भारत में पहली बार लाई जा रही है। 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिडएक्स कॉरिडोर पर ऐसे वर्चुअल स्टोर प्लान किए जा रहे हैं। ये वर्चुअल स्टोर उपयोगकर्ता को वर्चुअल रूप से वस्तुओं का चयन करने का अवसर प्रदान करेंगे। उपयोगकर्ता मूल स्थान से शॉपिंग करेंगे और खरीदा हुआ सामान उनके गंतव्य स्टेशन तक पहुंच जाएगा। ई-कॉमर्स या अन्य तरीकों की तुलना में ये ट्रांसपोर्टेशन तेज साबित हो सकता है। माना जा रहा है कि दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ में ऐसे एक-एक वर्चुअल स्टोर खोले जा सकते हैं।
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने कहा, रैपिडएक्स की फाइनेंशियल सस्टेनेबिलिटी के लिए हम नॉन फेयर बॉक्स रेवेन्यू विकल्पों को तलाश रहे हैं। इसमें पैनल एडवरटाइजिंग, एक्सपीरियनशियल एडवरटाइजिंग, रीटेल दुकानें, सेमी-नेमिंग राइट्स, रियल एस्टेट डेवेलपमेंट आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि रैपिडएक्स के स्टेशन आमतौर पर 4-5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। इन स्टेशनों को परिवहन के अन्य साधनों के साथ जोड़ा गया है। बड़े ब्रांड्स रैपिडएक्स स्टेशन के साथ अपना नाम जोड़कर एक यूनिक रीकॉल वैल्यू बना सकते हैं।
–आईएएनएस
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