नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। पांचवां रूसी-चीनी एनर्जी बिजनेस फोरम (आरसीईबीएफ) 19 अक्टूबर को बीजिंग में शुरू हुआ।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुए समझौतों के अनुसार, 2018 से यह आयोजन हर साल हो रहा है।
इस फोरम का आयोजन ‘ईंधन एवं ऊर्जा परिसर विकास रणनीति और पर्यावरण सुरक्षा के लिए रूसी राष्ट्रपति आयोग’ तथा चीन के राष्ट्रीय ऊर्जा प्रशासन के तत्वावधान में किया जाता है। रोसनेफ्ट और चाइना नेशनल पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (सीएनपीसी) इसके सह आयोजक हैं।
फोरम के उद्घाटन समारोह में चीन के प्रथम उप प्रधानमंत्री डिंग ज़ुएक्सियांग, ईंधन और ऊर्जा क्षेत्र और पर्यावरण सुरक्षा के रणनीतिक विकास के लिए राष्ट्रपति आयोग के कार्यकारी सचिव इगोर सेचिन, रोसनेफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अलेक्जेंडर नोवाक, रूस के उप प्रधानमंत्री और चाइना नेशनल पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (सीएनपीसी) के निदेशक मंडल के अध्यक्ष दाई होउलियांग ने भाग लिया।
रोसनेफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इगोर सेचिन ने अपने संबोधन में कहा कि फोरम में ऊर्जा और संबंधित उद्योगों से 100 से अधिक रूसी और चीनी कंपनियों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं, जो रूस और चीन के बीच व्यापार में 45 प्रतिशत से अधिक का योगदान देते हैं।
इगोर सेचिन ने कहा कि रूस और चीन के बीच सभी क्षेत्रों में सहयोग मजबूत हो रहा है। पिछले पांच वर्षों में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 660 अरब डॉलर का हुआ है। इस साल के पहले नौ महीने में चीन और रूस के बीच व्यापार 30 प्रतिशत बढ़कर 176.4 अरब डॉलर हो गया। उन्होंने कहा कि यह मानने का पर्याप्त कारण है कि दोनों देशों के बीच व्यापार इस साल की 200 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।
रोसनेफ्ट के सीईओ ने कहा, ”हम देख रहे हैं कि कैसे नए क्षेत्रीय बाजार बन रहे हैं और वैकल्पिक व्यापार मार्ग स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश लगातार आधुनिकीकरण, राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
सेचिन ने कहा कि रूस के ‘पूर्व की ओर मुड़ें’ में चीनी गंतव्य एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रूस और चीन के बीच व्यापार तथा आर्थिक संबंध स्थिरता और विकास का एक स्तंभ हैं।
चीन एक दशक से अधिक समय से रूस का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार रहा है। इस वर्ष रूस चीन के प्रमुख विदेशी व्यापार भागीदारों में चौथे स्थान पर आ गया है।
सेचिन ने ऊर्जा सुरक्षा के विषय पर भी बात की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रूस नई ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश को प्राथमिकता देने वाले कुछ देशों में से एक है।
तेल एवं गैस अन्वेषण और उत्पादन में दुनिया के निवेश में कमी के साथ, उत्तरी साइबेरिया में 6.5 अरब टन तेल के संसाधन आधार के साथ वोस्तोक तेल परियोजना शायद दुनिया की सबसे बड़ी परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी ग्रीनफील्ड परियोजना जो हाइड्रोकार्बन बाजार पर स्थिर प्रभाव डाल सकती है। रोसनेफ्ट के प्रमुख ने कहा, ”ये बड़े पैमाने की निवेश परियोजनाएं हमें उत्तरी समुद्री मार्ग को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने में सक्षम बनाती हैं, जो एशिया में हमारे ग्राहकों के लिए सबसे छोटा समुद्री मार्ग है।”
सेचिन ने निष्कर्ष निकाला कि रूसी-चीनी संबंधों की प्रकृति एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी की है और ये हमेशा विश्वास, सम्मान और एक-दूसरे के हितों पर विचार के सिद्धांतों पर बने हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि रूस और चीन के बीच सहयोग में बड़ी संभावनाएं हैं, और देश इस क्षमता को साकार करने की शुरुआत में हैं।
–आईएएनएस
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