पटना, 20 सितंबर (आईएएनएस)। लोक जन शक्ति पार्टी के सांसद राजेश वर्मा ने शनिवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के उस पोस्ट को लेकर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि मैंने बेटी और बहन दोनों का फर्ज निभाया है। मेरी खुद की कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस बात को बिल्कुल भी खारिज नहीं किया जा सकता है कि जब लालू प्रसाद यादव बीमार थे, तो रोहिणी आचार्य ने अपनी बेटी होने का फर्ज निभाया था। ऐसी स्थिति में उनका सम्मान किया जाना चाहिए। व्यक्तिगत तौर पर मैं इस पूरे मामले पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं देना चाहूंगा। लेकिन, ये कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने बेटी होने का फर्ज निभाया है।
इसके अलावा, उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में हमारे नेता ने अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया था। इस कदम के पीछे हमारा एक ही मकसद था कि सरकार अपने एजेंडे में बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट की नीति को शामिल करे और इस दिशा में हमें काफी हद तक सफलता मिली।
साथ ही, उन्होंने तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव अपनी यात्रा में कह रहे हैं कि अगर उनकी सरकार आएगी, तो युवाओं को नौकरी देंगे। हम सभी ने देखा है कि इतने लंबे समय तक उनकी सरकार सत्ता में रही। लेकिन, आज उनकी सरकार ने युवाओं को नौकरी दिलाने की दिशा में क्या कुछ कदम उठाया? यह बात किसी से छुपी नहीं है। इनकी सरकार में युवाओं में नौकरी देने के एवज में जमीन भी ली गई थी।
उन्होंने कहा कि अब तेजस्वी यादव अपनी यात्रा के दौरान युवाओं को कलम बांट रहे हैं। मैं समझता हूं कि यह अपने आप में बहुत ही हास्यास्पद की स्थिति है। यह लोग युवाओं के बीच में कलम बांट रहे हैं। लेकिन, बिहार की जनता उस दौर को नहीं भूली है, जब प्रदेश की जनता को भयभीत करने के मकसद से हथियार लहराया जाता था। लोगों को डराया जाता था और आज ये लोग प्रदेश की जनता को रिझाने के लिए लोगों के बीच में कलम बांटने का ढोंग कर रहे हैं। मुझे लगता है कि अब उनकी इस स्थिति को प्रदेश की जनता किसी भी कीमत पर स्वीकार करने वाली नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि अगर फिर राजग की सरकार बन जाएगी, तो आम जनता का जीना बेहाल हो जाएगा। लोगों में कानून-व्यवस्था को लेकर डर पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा।
–आईएएनएस
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