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लक्षण वाले टीबी मरीजों की शत प्रतिशत हो जांच: ब्रजेश पाठक

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May 18, 2023
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लखनऊ, 18 मई (आईएएनएस)। यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार आप सबकी सेहत को लेकर फिक्रमंद है। तमाम तरह की स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में संसाधन बढ़ाये जा रहे हैं। पिछड़े जिलों में डॉक्टरों को तैनाती दी जा रही है। ताकि सभी तरह की बीमारियों से आसानी से निपटा जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। हम सभी इससे मुकाबला करने की दिशा में प्रयासरत हैं। समय-समय पर टीबी मरीजों की पहचान और इलाज के लिए अभियान चलाया जा रहा है। टीबी को समाप्त करने में जन सहभागिता की जरूरत है।

उपमुख्यमंत्री गुरुवार को डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने काकोरी स्थित रायपुर दशहरी के आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का जायजा लिया। टीबी संबंधी सेवाओं के सु²ढ़ीकरण हेतु 21 कार्य दिवसों तक विशेष अभियान का निरीक्षण किया। उपचार, जाँच और रोगियों के पहचान संबंधी रणनीति के बारे में अफसरों से जानकारी हासिल की।

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डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि तय समय पर टीबी को खत्म करने के लिए जन सहभागिता की जरूरत है। हर गली, मोहल्लों में टीबी के लक्ष्रण वाले मरीजों की जांच हो। टीबी की पुष्टि के बाद मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाये। मरीजों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज की जाये। मौजूदा समय में यूपी में करीब पांच लाख 23 हजार टीबी के मरीज हैं। करीब 8,000 गर्भवती महिलाओं में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं। एक अप्रैल 2018 से हर माह पंजीकृत टीबी मरीज के बैंक खाते में 500 रुपये भेजे जा रहे हैं। अब तक 16 लाख 18 हजार टीबी मरीजों के बैंक खाते में यह रकम भेजी जा चुकी है। कुल चार करोड़ 20 लाख का भुगतान किया जा चुका है। इसका मकसद मरीजों को इलाज के साथ पोषण उपलब्ध कराना है। टीबी के बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए मरीजों को सही पोषण उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है।

अधिकारी व जनप्रतिनिधि टीबी मरीजों को गोद लें। टीबी मरीजों को जरूरी दवाएं मुहैया कराने में मदद करें। पोषण सामग्री उपलब्ध कराएं। ताकि मरीज जल्द टीबी को हरा सके। डिप्टी सीएम ने कहा कि टीबी मरीजों को गोद लेने का मतलब उन्हें गोद में उठाना नहीं है। बल्कि मरीज को बेहतर इलाज व पोषण दिलाने में मदद करें। सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच, इलाज आदि की सुविधा मुफ्त है। टीबी मुफ्त भारत अभियान में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेना शर्मा, एनएचएम निदेशक अपर्णा उपाध्याय, महानिदेशक डॉ. रेनू श्रीवास्तव, राष्ट्रीय कार्यक्रम के निदेशक डॉ. ब्रजेश राठौर, सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल, डॉ. शैलेंद्र भटनागर, डॉ. कंचन मौजूद रहीं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में मरीजों की सुविधाओं के लिए 2500 केंद्रों टीबी जांच व इलाज की सुविधा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर मेडिकल संस्थान तक शामिल हैं। सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच मुफ्त हो रही है। टीबी की सटीक जांच के लिए 150 सीबी नॉट मशीनें स्थापित की गई हैं। 448 ट्रूनॉट मशीन भी लगाई गई हैं। 19800 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में निक्षय दिवस मनाया जा रहा है। टीबी को हरा चुके लोगों को जागरूकता फैलाने के अभियान में लगाया गया है। इन्हें टीबी चैम्पियन का नाम दिया गया है।

–आईएएनएस

विकेटी/एएनएम

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लखनऊ, 18 मई (आईएएनएस)। यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार आप सबकी सेहत को लेकर फिक्रमंद है। तमाम तरह की स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में संसाधन बढ़ाये जा रहे हैं। पिछड़े जिलों में डॉक्टरों को तैनाती दी जा रही है। ताकि सभी तरह की बीमारियों से आसानी से निपटा जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। हम सभी इससे मुकाबला करने की दिशा में प्रयासरत हैं। समय-समय पर टीबी मरीजों की पहचान और इलाज के लिए अभियान चलाया जा रहा है। टीबी को समाप्त करने में जन सहभागिता की जरूरत है।

उपमुख्यमंत्री गुरुवार को डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने काकोरी स्थित रायपुर दशहरी के आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का जायजा लिया। टीबी संबंधी सेवाओं के सु²ढ़ीकरण हेतु 21 कार्य दिवसों तक विशेष अभियान का निरीक्षण किया। उपचार, जाँच और रोगियों के पहचान संबंधी रणनीति के बारे में अफसरों से जानकारी हासिल की।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि तय समय पर टीबी को खत्म करने के लिए जन सहभागिता की जरूरत है। हर गली, मोहल्लों में टीबी के लक्ष्रण वाले मरीजों की जांच हो। टीबी की पुष्टि के बाद मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाये। मरीजों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज की जाये। मौजूदा समय में यूपी में करीब पांच लाख 23 हजार टीबी के मरीज हैं। करीब 8,000 गर्भवती महिलाओं में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं। एक अप्रैल 2018 से हर माह पंजीकृत टीबी मरीज के बैंक खाते में 500 रुपये भेजे जा रहे हैं। अब तक 16 लाख 18 हजार टीबी मरीजों के बैंक खाते में यह रकम भेजी जा चुकी है। कुल चार करोड़ 20 लाख का भुगतान किया जा चुका है। इसका मकसद मरीजों को इलाज के साथ पोषण उपलब्ध कराना है। टीबी के बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए मरीजों को सही पोषण उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है।

अधिकारी व जनप्रतिनिधि टीबी मरीजों को गोद लें। टीबी मरीजों को जरूरी दवाएं मुहैया कराने में मदद करें। पोषण सामग्री उपलब्ध कराएं। ताकि मरीज जल्द टीबी को हरा सके। डिप्टी सीएम ने कहा कि टीबी मरीजों को गोद लेने का मतलब उन्हें गोद में उठाना नहीं है। बल्कि मरीज को बेहतर इलाज व पोषण दिलाने में मदद करें। सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच, इलाज आदि की सुविधा मुफ्त है। टीबी मुफ्त भारत अभियान में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेना शर्मा, एनएचएम निदेशक अपर्णा उपाध्याय, महानिदेशक डॉ. रेनू श्रीवास्तव, राष्ट्रीय कार्यक्रम के निदेशक डॉ. ब्रजेश राठौर, सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल, डॉ. शैलेंद्र भटनागर, डॉ. कंचन मौजूद रहीं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में मरीजों की सुविधाओं के लिए 2500 केंद्रों टीबी जांच व इलाज की सुविधा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर मेडिकल संस्थान तक शामिल हैं। सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच मुफ्त हो रही है। टीबी की सटीक जांच के लिए 150 सीबी नॉट मशीनें स्थापित की गई हैं। 448 ट्रूनॉट मशीन भी लगाई गई हैं। 19800 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में निक्षय दिवस मनाया जा रहा है। टीबी को हरा चुके लोगों को जागरूकता फैलाने के अभियान में लगाया गया है। इन्हें टीबी चैम्पियन का नाम दिया गया है।

–आईएएनएस

विकेटी/एएनएम

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लखनऊ, 18 मई (आईएएनएस)। यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार आप सबकी सेहत को लेकर फिक्रमंद है। तमाम तरह की स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में संसाधन बढ़ाये जा रहे हैं। पिछड़े जिलों में डॉक्टरों को तैनाती दी जा रही है। ताकि सभी तरह की बीमारियों से आसानी से निपटा जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। हम सभी इससे मुकाबला करने की दिशा में प्रयासरत हैं। समय-समय पर टीबी मरीजों की पहचान और इलाज के लिए अभियान चलाया जा रहा है। टीबी को समाप्त करने में जन सहभागिता की जरूरत है।

उपमुख्यमंत्री गुरुवार को डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने काकोरी स्थित रायपुर दशहरी के आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का जायजा लिया। टीबी संबंधी सेवाओं के सु²ढ़ीकरण हेतु 21 कार्य दिवसों तक विशेष अभियान का निरीक्षण किया। उपचार, जाँच और रोगियों के पहचान संबंधी रणनीति के बारे में अफसरों से जानकारी हासिल की।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि तय समय पर टीबी को खत्म करने के लिए जन सहभागिता की जरूरत है। हर गली, मोहल्लों में टीबी के लक्ष्रण वाले मरीजों की जांच हो। टीबी की पुष्टि के बाद मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाये। मरीजों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज की जाये। मौजूदा समय में यूपी में करीब पांच लाख 23 हजार टीबी के मरीज हैं। करीब 8,000 गर्भवती महिलाओं में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं। एक अप्रैल 2018 से हर माह पंजीकृत टीबी मरीज के बैंक खाते में 500 रुपये भेजे जा रहे हैं। अब तक 16 लाख 18 हजार टीबी मरीजों के बैंक खाते में यह रकम भेजी जा चुकी है। कुल चार करोड़ 20 लाख का भुगतान किया जा चुका है। इसका मकसद मरीजों को इलाज के साथ पोषण उपलब्ध कराना है। टीबी के बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए मरीजों को सही पोषण उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है।

अधिकारी व जनप्रतिनिधि टीबी मरीजों को गोद लें। टीबी मरीजों को जरूरी दवाएं मुहैया कराने में मदद करें। पोषण सामग्री उपलब्ध कराएं। ताकि मरीज जल्द टीबी को हरा सके। डिप्टी सीएम ने कहा कि टीबी मरीजों को गोद लेने का मतलब उन्हें गोद में उठाना नहीं है। बल्कि मरीज को बेहतर इलाज व पोषण दिलाने में मदद करें। सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच, इलाज आदि की सुविधा मुफ्त है। टीबी मुफ्त भारत अभियान में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेना शर्मा, एनएचएम निदेशक अपर्णा उपाध्याय, महानिदेशक डॉ. रेनू श्रीवास्तव, राष्ट्रीय कार्यक्रम के निदेशक डॉ. ब्रजेश राठौर, सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल, डॉ. शैलेंद्र भटनागर, डॉ. कंचन मौजूद रहीं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में मरीजों की सुविधाओं के लिए 2500 केंद्रों टीबी जांच व इलाज की सुविधा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर मेडिकल संस्थान तक शामिल हैं। सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच मुफ्त हो रही है। टीबी की सटीक जांच के लिए 150 सीबी नॉट मशीनें स्थापित की गई हैं। 448 ट्रूनॉट मशीन भी लगाई गई हैं। 19800 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में निक्षय दिवस मनाया जा रहा है। टीबी को हरा चुके लोगों को जागरूकता फैलाने के अभियान में लगाया गया है। इन्हें टीबी चैम्पियन का नाम दिया गया है।

–आईएएनएस

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लखनऊ, 18 मई (आईएएनएस)। यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार आप सबकी सेहत को लेकर फिक्रमंद है। तमाम तरह की स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में संसाधन बढ़ाये जा रहे हैं। पिछड़े जिलों में डॉक्टरों को तैनाती दी जा रही है। ताकि सभी तरह की बीमारियों से आसानी से निपटा जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। हम सभी इससे मुकाबला करने की दिशा में प्रयासरत हैं। समय-समय पर टीबी मरीजों की पहचान और इलाज के लिए अभियान चलाया जा रहा है। टीबी को समाप्त करने में जन सहभागिता की जरूरत है।

उपमुख्यमंत्री गुरुवार को डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने काकोरी स्थित रायपुर दशहरी के आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का जायजा लिया। टीबी संबंधी सेवाओं के सु²ढ़ीकरण हेतु 21 कार्य दिवसों तक विशेष अभियान का निरीक्षण किया। उपचार, जाँच और रोगियों के पहचान संबंधी रणनीति के बारे में अफसरों से जानकारी हासिल की।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि तय समय पर टीबी को खत्म करने के लिए जन सहभागिता की जरूरत है। हर गली, मोहल्लों में टीबी के लक्ष्रण वाले मरीजों की जांच हो। टीबी की पुष्टि के बाद मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाये। मरीजों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज की जाये। मौजूदा समय में यूपी में करीब पांच लाख 23 हजार टीबी के मरीज हैं। करीब 8,000 गर्भवती महिलाओं में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं। एक अप्रैल 2018 से हर माह पंजीकृत टीबी मरीज के बैंक खाते में 500 रुपये भेजे जा रहे हैं। अब तक 16 लाख 18 हजार टीबी मरीजों के बैंक खाते में यह रकम भेजी जा चुकी है। कुल चार करोड़ 20 लाख का भुगतान किया जा चुका है। इसका मकसद मरीजों को इलाज के साथ पोषण उपलब्ध कराना है। टीबी के बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए मरीजों को सही पोषण उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है।

अधिकारी व जनप्रतिनिधि टीबी मरीजों को गोद लें। टीबी मरीजों को जरूरी दवाएं मुहैया कराने में मदद करें। पोषण सामग्री उपलब्ध कराएं। ताकि मरीज जल्द टीबी को हरा सके। डिप्टी सीएम ने कहा कि टीबी मरीजों को गोद लेने का मतलब उन्हें गोद में उठाना नहीं है। बल्कि मरीज को बेहतर इलाज व पोषण दिलाने में मदद करें। सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच, इलाज आदि की सुविधा मुफ्त है। टीबी मुफ्त भारत अभियान में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेना शर्मा, एनएचएम निदेशक अपर्णा उपाध्याय, महानिदेशक डॉ. रेनू श्रीवास्तव, राष्ट्रीय कार्यक्रम के निदेशक डॉ. ब्रजेश राठौर, सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल, डॉ. शैलेंद्र भटनागर, डॉ. कंचन मौजूद रहीं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में मरीजों की सुविधाओं के लिए 2500 केंद्रों टीबी जांच व इलाज की सुविधा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर मेडिकल संस्थान तक शामिल हैं। सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच मुफ्त हो रही है। टीबी की सटीक जांच के लिए 150 सीबी नॉट मशीनें स्थापित की गई हैं। 448 ट्रूनॉट मशीन भी लगाई गई हैं। 19800 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में निक्षय दिवस मनाया जा रहा है। टीबी को हरा चुके लोगों को जागरूकता फैलाने के अभियान में लगाया गया है। इन्हें टीबी चैम्पियन का नाम दिया गया है।

–आईएएनएस

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उपमुख्यमंत्री गुरुवार को डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने काकोरी स्थित रायपुर दशहरी के आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का जायजा लिया। टीबी संबंधी सेवाओं के सु²ढ़ीकरण हेतु 21 कार्य दिवसों तक विशेष अभियान का निरीक्षण किया। उपचार, जाँच और रोगियों के पहचान संबंधी रणनीति के बारे में अफसरों से जानकारी हासिल की।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि तय समय पर टीबी को खत्म करने के लिए जन सहभागिता की जरूरत है। हर गली, मोहल्लों में टीबी के लक्ष्रण वाले मरीजों की जांच हो। टीबी की पुष्टि के बाद मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाये। मरीजों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज की जाये। मौजूदा समय में यूपी में करीब पांच लाख 23 हजार टीबी के मरीज हैं। करीब 8,000 गर्भवती महिलाओं में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं। एक अप्रैल 2018 से हर माह पंजीकृत टीबी मरीज के बैंक खाते में 500 रुपये भेजे जा रहे हैं। अब तक 16 लाख 18 हजार टीबी मरीजों के बैंक खाते में यह रकम भेजी जा चुकी है। कुल चार करोड़ 20 लाख का भुगतान किया जा चुका है। इसका मकसद मरीजों को इलाज के साथ पोषण उपलब्ध कराना है। टीबी के बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए मरीजों को सही पोषण उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है।

अधिकारी व जनप्रतिनिधि टीबी मरीजों को गोद लें। टीबी मरीजों को जरूरी दवाएं मुहैया कराने में मदद करें। पोषण सामग्री उपलब्ध कराएं। ताकि मरीज जल्द टीबी को हरा सके। डिप्टी सीएम ने कहा कि टीबी मरीजों को गोद लेने का मतलब उन्हें गोद में उठाना नहीं है। बल्कि मरीज को बेहतर इलाज व पोषण दिलाने में मदद करें। सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच, इलाज आदि की सुविधा मुफ्त है। टीबी मुफ्त भारत अभियान में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेना शर्मा, एनएचएम निदेशक अपर्णा उपाध्याय, महानिदेशक डॉ. रेनू श्रीवास्तव, राष्ट्रीय कार्यक्रम के निदेशक डॉ. ब्रजेश राठौर, सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल, डॉ. शैलेंद्र भटनागर, डॉ. कंचन मौजूद रहीं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में मरीजों की सुविधाओं के लिए 2500 केंद्रों टीबी जांच व इलाज की सुविधा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर मेडिकल संस्थान तक शामिल हैं। सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच मुफ्त हो रही है। टीबी की सटीक जांच के लिए 150 सीबी नॉट मशीनें स्थापित की गई हैं। 448 ट्रूनॉट मशीन भी लगाई गई हैं। 19800 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में निक्षय दिवस मनाया जा रहा है। टीबी को हरा चुके लोगों को जागरूकता फैलाने के अभियान में लगाया गया है। इन्हें टीबी चैम्पियन का नाम दिया गया है।

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लखनऊ, 18 मई (आईएएनएस)। यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार आप सबकी सेहत को लेकर फिक्रमंद है। तमाम तरह की स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में संसाधन बढ़ाये जा रहे हैं। पिछड़े जिलों में डॉक्टरों को तैनाती दी जा रही है। ताकि सभी तरह की बीमारियों से आसानी से निपटा जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। हम सभी इससे मुकाबला करने की दिशा में प्रयासरत हैं। समय-समय पर टीबी मरीजों की पहचान और इलाज के लिए अभियान चलाया जा रहा है। टीबी को समाप्त करने में जन सहभागिता की जरूरत है।

उपमुख्यमंत्री गुरुवार को डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने काकोरी स्थित रायपुर दशहरी के आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का जायजा लिया। टीबी संबंधी सेवाओं के सु²ढ़ीकरण हेतु 21 कार्य दिवसों तक विशेष अभियान का निरीक्षण किया। उपचार, जाँच और रोगियों के पहचान संबंधी रणनीति के बारे में अफसरों से जानकारी हासिल की।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि तय समय पर टीबी को खत्म करने के लिए जन सहभागिता की जरूरत है। हर गली, मोहल्लों में टीबी के लक्ष्रण वाले मरीजों की जांच हो। टीबी की पुष्टि के बाद मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाये। मरीजों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज की जाये। मौजूदा समय में यूपी में करीब पांच लाख 23 हजार टीबी के मरीज हैं। करीब 8,000 गर्भवती महिलाओं में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं। एक अप्रैल 2018 से हर माह पंजीकृत टीबी मरीज के बैंक खाते में 500 रुपये भेजे जा रहे हैं। अब तक 16 लाख 18 हजार टीबी मरीजों के बैंक खाते में यह रकम भेजी जा चुकी है। कुल चार करोड़ 20 लाख का भुगतान किया जा चुका है। इसका मकसद मरीजों को इलाज के साथ पोषण उपलब्ध कराना है। टीबी के बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए मरीजों को सही पोषण उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है।

अधिकारी व जनप्रतिनिधि टीबी मरीजों को गोद लें। टीबी मरीजों को जरूरी दवाएं मुहैया कराने में मदद करें। पोषण सामग्री उपलब्ध कराएं। ताकि मरीज जल्द टीबी को हरा सके। डिप्टी सीएम ने कहा कि टीबी मरीजों को गोद लेने का मतलब उन्हें गोद में उठाना नहीं है। बल्कि मरीज को बेहतर इलाज व पोषण दिलाने में मदद करें। सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच, इलाज आदि की सुविधा मुफ्त है। टीबी मुफ्त भारत अभियान में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेना शर्मा, एनएचएम निदेशक अपर्णा उपाध्याय, महानिदेशक डॉ. रेनू श्रीवास्तव, राष्ट्रीय कार्यक्रम के निदेशक डॉ. ब्रजेश राठौर, सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल, डॉ. शैलेंद्र भटनागर, डॉ. कंचन मौजूद रहीं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में मरीजों की सुविधाओं के लिए 2500 केंद्रों टीबी जांच व इलाज की सुविधा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर मेडिकल संस्थान तक शामिल हैं। सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच मुफ्त हो रही है। टीबी की सटीक जांच के लिए 150 सीबी नॉट मशीनें स्थापित की गई हैं। 448 ट्रूनॉट मशीन भी लगाई गई हैं। 19800 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में निक्षय दिवस मनाया जा रहा है। टीबी को हरा चुके लोगों को जागरूकता फैलाने के अभियान में लगाया गया है। इन्हें टीबी चैम्पियन का नाम दिया गया है।

–आईएएनएस

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उपमुख्यमंत्री गुरुवार को डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने काकोरी स्थित रायपुर दशहरी के आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का जायजा लिया। टीबी संबंधी सेवाओं के सु²ढ़ीकरण हेतु 21 कार्य दिवसों तक विशेष अभियान का निरीक्षण किया। उपचार, जाँच और रोगियों के पहचान संबंधी रणनीति के बारे में अफसरों से जानकारी हासिल की।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि तय समय पर टीबी को खत्म करने के लिए जन सहभागिता की जरूरत है। हर गली, मोहल्लों में टीबी के लक्ष्रण वाले मरीजों की जांच हो। टीबी की पुष्टि के बाद मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाये। मरीजों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज की जाये। मौजूदा समय में यूपी में करीब पांच लाख 23 हजार टीबी के मरीज हैं। करीब 8,000 गर्भवती महिलाओं में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं। एक अप्रैल 2018 से हर माह पंजीकृत टीबी मरीज के बैंक खाते में 500 रुपये भेजे जा रहे हैं। अब तक 16 लाख 18 हजार टीबी मरीजों के बैंक खाते में यह रकम भेजी जा चुकी है। कुल चार करोड़ 20 लाख का भुगतान किया जा चुका है। इसका मकसद मरीजों को इलाज के साथ पोषण उपलब्ध कराना है। टीबी के बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए मरीजों को सही पोषण उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है।

अधिकारी व जनप्रतिनिधि टीबी मरीजों को गोद लें। टीबी मरीजों को जरूरी दवाएं मुहैया कराने में मदद करें। पोषण सामग्री उपलब्ध कराएं। ताकि मरीज जल्द टीबी को हरा सके। डिप्टी सीएम ने कहा कि टीबी मरीजों को गोद लेने का मतलब उन्हें गोद में उठाना नहीं है। बल्कि मरीज को बेहतर इलाज व पोषण दिलाने में मदद करें। सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच, इलाज आदि की सुविधा मुफ्त है। टीबी मुफ्त भारत अभियान में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेना शर्मा, एनएचएम निदेशक अपर्णा उपाध्याय, महानिदेशक डॉ. रेनू श्रीवास्तव, राष्ट्रीय कार्यक्रम के निदेशक डॉ. ब्रजेश राठौर, सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल, डॉ. शैलेंद्र भटनागर, डॉ. कंचन मौजूद रहीं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में मरीजों की सुविधाओं के लिए 2500 केंद्रों टीबी जांच व इलाज की सुविधा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर मेडिकल संस्थान तक शामिल हैं। सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच मुफ्त हो रही है। टीबी की सटीक जांच के लिए 150 सीबी नॉट मशीनें स्थापित की गई हैं। 448 ट्रूनॉट मशीन भी लगाई गई हैं। 19800 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में निक्षय दिवस मनाया जा रहा है। टीबी को हरा चुके लोगों को जागरूकता फैलाने के अभियान में लगाया गया है। इन्हें टीबी चैम्पियन का नाम दिया गया है।

–आईएएनएस

विकेटी/एएनएम

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लखनऊ, 18 मई (आईएएनएस)। यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार आप सबकी सेहत को लेकर फिक्रमंद है। तमाम तरह की स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में संसाधन बढ़ाये जा रहे हैं। पिछड़े जिलों में डॉक्टरों को तैनाती दी जा रही है। ताकि सभी तरह की बीमारियों से आसानी से निपटा जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। हम सभी इससे मुकाबला करने की दिशा में प्रयासरत हैं। समय-समय पर टीबी मरीजों की पहचान और इलाज के लिए अभियान चलाया जा रहा है। टीबी को समाप्त करने में जन सहभागिता की जरूरत है।

उपमुख्यमंत्री गुरुवार को डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने काकोरी स्थित रायपुर दशहरी के आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का जायजा लिया। टीबी संबंधी सेवाओं के सु²ढ़ीकरण हेतु 21 कार्य दिवसों तक विशेष अभियान का निरीक्षण किया। उपचार, जाँच और रोगियों के पहचान संबंधी रणनीति के बारे में अफसरों से जानकारी हासिल की।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि तय समय पर टीबी को खत्म करने के लिए जन सहभागिता की जरूरत है। हर गली, मोहल्लों में टीबी के लक्ष्रण वाले मरीजों की जांच हो। टीबी की पुष्टि के बाद मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाये। मरीजों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज की जाये। मौजूदा समय में यूपी में करीब पांच लाख 23 हजार टीबी के मरीज हैं। करीब 8,000 गर्भवती महिलाओं में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं। एक अप्रैल 2018 से हर माह पंजीकृत टीबी मरीज के बैंक खाते में 500 रुपये भेजे जा रहे हैं। अब तक 16 लाख 18 हजार टीबी मरीजों के बैंक खाते में यह रकम भेजी जा चुकी है। कुल चार करोड़ 20 लाख का भुगतान किया जा चुका है। इसका मकसद मरीजों को इलाज के साथ पोषण उपलब्ध कराना है। टीबी के बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए मरीजों को सही पोषण उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है।

अधिकारी व जनप्रतिनिधि टीबी मरीजों को गोद लें। टीबी मरीजों को जरूरी दवाएं मुहैया कराने में मदद करें। पोषण सामग्री उपलब्ध कराएं। ताकि मरीज जल्द टीबी को हरा सके। डिप्टी सीएम ने कहा कि टीबी मरीजों को गोद लेने का मतलब उन्हें गोद में उठाना नहीं है। बल्कि मरीज को बेहतर इलाज व पोषण दिलाने में मदद करें। सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच, इलाज आदि की सुविधा मुफ्त है। टीबी मुफ्त भारत अभियान में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेना शर्मा, एनएचएम निदेशक अपर्णा उपाध्याय, महानिदेशक डॉ. रेनू श्रीवास्तव, राष्ट्रीय कार्यक्रम के निदेशक डॉ. ब्रजेश राठौर, सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल, डॉ. शैलेंद्र भटनागर, डॉ. कंचन मौजूद रहीं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में मरीजों की सुविधाओं के लिए 2500 केंद्रों टीबी जांच व इलाज की सुविधा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर मेडिकल संस्थान तक शामिल हैं। सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच मुफ्त हो रही है। टीबी की सटीक जांच के लिए 150 सीबी नॉट मशीनें स्थापित की गई हैं। 448 ट्रूनॉट मशीन भी लगाई गई हैं। 19800 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में निक्षय दिवस मनाया जा रहा है। टीबी को हरा चुके लोगों को जागरूकता फैलाने के अभियान में लगाया गया है। इन्हें टीबी चैम्पियन का नाम दिया गया है।

–आईएएनएस

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