लखनऊ, 29 सितंबर (आईएएनएस)। महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से योगी सरकार अक्टूबर से ‘मिशन शक्ति’ के पांचवें चरण की शुरुआत करने जा रही है। मई 2025 तक चलने वाले इस चरण में जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इस दौरान 10 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा और जीवन कौशल का प्रशिक्षण मिलेगा। पीएम श्री योजना के तहत चयनित 167 विद्यालयों में करियर काउंसलिंग के सत्र भी चलेंगे। इतना ही नहीं, योगी सरकार के निर्देश पर होने वाले कार्यक्रमों और गतिविधियों के दौरान 36,772 बालिकाओं में सेनेटरी पैड वितरित कर उनके स्वास्थ्य और विद्यालय पहुंचकर नियमित रूप से शिक्षा ग्रहण करने की राह आसान की जाएगी।
इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को आत्मरक्षा, जीवन कौशल और कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। साथ ही, बालिका शिक्षा और स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। मिशन शक्ति का यह चरण महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाने की दिशा में ठोस पहल है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाएगा।
भारतीय संस्कृति में मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए, ‘मिशन शक्ति’ के पांचवें चरण के अंतर्गत नवरात्रि के दौरान, 3 से 10 अक्टूबर तक, विभिन्न विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिनसे बालिकाओं में आत्मविश्वास बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।
प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के नेतृत्व में 3 से 10 अक्टूबर तक विद्यालयों में बाल अधिकार, घरेलू हिंसा, यौन शोषण, छेड़छाड़ और गुड टच-बैड टच जैसे मुद्दों पर बच्चों को जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही रैलियों और रोचक गतिविधियों के माध्यम से हेल्पलाइन नंबर और बाल विवाह के खतरों की जानकारी भी दी जाएगी।
नवंबर से 10 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा और जीवन कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकें।
पीएम श्री योजना के तहत चयनित 167 विद्यालयों में मीना मेला और करियर काउंसलिंग सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनके माध्यम से बालिका शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाई जाएगी।
‘मिशन शक्ति’ के इस चरण में बालिकाओं को माहवारी स्वच्छता और जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक किया जाएगा। केजीबीवी की 79,000 बालिकाओं के लिए जलवायु परिवर्तन पर विशेष सत्र आयोजित होंगे और 36,772 बालिकाओं में सेनेटरी पैड वितरित किए जाएंगे।
अप्रैल-मई 2025 के दौरान बच्चों को उनके कानूनी अधिकारों, जैसे शिक्षा का अधिकार, पॉक्सो एक्ट, बाल विवाह और घरेलू हिंसा से संबंधित कानूनों के बारे में जागरूक किया जाएगा। बालिका शिक्षा और इससे जुड़े स्थानीय मुद्दों पर नियमित सेमिनार और वेबिनार आयोजित किए जाएंगे। विद्यालयों में बाल संसद और बाल सभा का आयोजन होगा, जहां बालक-बालिकाओं को समान जिम्मेदारियां दी जाएंगी।
उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नियमित रूप से माहवारी स्वच्छता पर चर्चा होगी। विधिक साक्षरता, पॉक्सो एक्ट और बाल विवाह जैसे मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए शिक्षक-अभिभावक संघ की बैठकें आयोजित होंगी।बालिका दिवस और महिला दिवस पर वाद-विवाद प्रतियोगिता, रैली, प्रभात फेरी और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। केजीबीवी की बालिकाओं को खेलकूद, गाइड और एनसीसी का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
–आईएएनएस
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