जबलपुर. प्रदेश के साथ संभाग के विद्युत उपभोक्ताओं की जेब पर जल्द ही विद्युत देयक अतिरिक्त भार डाल सकते हैं. विभागीय सूत्रों के अनुसार बिजली कंपनियों एक बार फिर मंहगी बिजली का झटका देने की तैयारी की कर रही है. प्रदेश की बिजली कंपनियों ने फिर से घाटा दिखाते हुए दाम बढ़ाने की मांग की है. बिजली कंपनियों की ओर से एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने राज्य विद्युत नियामक आयोग में वर्ष 2025-26 की टैरिफ याचिका दायर की है.
प्रदेश की बिजली कंपनियों ने 4 हजार 107 करोड़ रुपए का घाटा दिखाते हुए इसकी भरपाई के लिए बिजली की दरों में 7.52 प्रतिशत तक बढ़ाने की मांग की है. इसके बाद राज्य विद्युत नियामक आयोग ने आम जनता से 24 जनवरी तक आपत्तियां बुलाई है. नियामक आयोग ने आपत्तियों पर 11 फरवरी से 14 फरवरी तक सुनवाई करना तय किया है.
इसके बाद फैसला होगा कि बिजली के दाम कितने बढ़ाए जाएं या नही. गौरतलब है कि इन मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि नियामक आयोग में आपत्ति दायर की है. वर्ष 2023-24 की सत्यापन याचिका जिसमें 43 से 44 करोड़ रुपए का घाटा बताया जा रहा है.
जिसकी प्रतिपूर्ति 2025-26 का टैरिफ बढ़ा कर करने की तैयारी हैं. उन्होने यह भी कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में प्रदेश में बिजली सस्ती है, बरगी बांध से 50 पैसे प्रति यूनिट, रिलायंस पावर से 1 रुपए 60 पैसे यूनिट, इंदिरा सागर व सरदार सरोवर बांध से भी बहुत कम दामों में बिजली मिलती है. लेकिन प्रदेश में बिजली कपंनी के कु-प्रबंधन के कारण उपभोक्ता को महंगी बिजली का दंश झेलना पड़ रहा है.
उन्होंने बताया कि पूरे देश में सबसे महंगी बिजली मध्यप्रदेश में मिलती है. बिजली कंपनी यदि 7 प्रतिशत बिजली की दरों में वृद्धि करती है तो इसका सीधा असर औद्यागिक ईकाईयों पर पड़ेगा. हालांकि नियामक आयोग ने 24 जनवरी तक जो आपत्तियां बुलाई है उमें 11 फरवरी, 13 फरवरी व 14 फरवरी को वीडियो क्रान्फेसिंग के माध्यम से सुनवाई होना है.