नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। लद्दाख लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय सांसद मोहम्मद हनीफा जान ने वहां के कई स्थानीय नेताओं के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की है। इस दौरान कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहे। मोहम्मद हनीफा लद्दाख निर्वाचन क्षेत्र से वर्तमान में सांसद और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी त्सेरिंग नामग्याल को 27,906 मतों के अंतर से हराकर लद्दाख लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। यहां से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर ताशी ग्यालसन मैदान में थे। जिन्हें भाजपा ने जामयांग सेरिंग नामग्याल का टिकट काटकर मैदान में उतारा था।
हनीफा को 65,303 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्सेरिंग नामग्याल को 37,397 वोट मिले। इस त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में भाजपा के ताशी ग्यालसन को 31,956 वोट मिले थे।
दरअसल लोकसभा चुनाव में त्सेरिंग नामग्याल को कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व नेता हनीफा ने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हुए करीबी अंतर से उन्होंने जीत हासिल की है।
लद्दाख लोकसभा सीट पर 2014 और 2019 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर सबसे ज्यादा बार जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस पार्टी के नाम दर्ज है। दिलचस्प बात यह है कि 1989, 2004 और 2009 के आम चुनावों में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। मोहम्मद हनीफा लद्दाख से जीतने वाले चौथे निर्दलीय सांसद हैं।
–आईएएनएस
एकेएस/जीकेटी
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नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। लद्दाख लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय सांसद मोहम्मद हनीफा जान ने वहां के कई स्थानीय नेताओं के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की है। इस दौरान कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहे। मोहम्मद हनीफा लद्दाख निर्वाचन क्षेत्र से वर्तमान में सांसद और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी त्सेरिंग नामग्याल को 27,906 मतों के अंतर से हराकर लद्दाख लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। यहां से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर ताशी ग्यालसन मैदान में थे। जिन्हें भाजपा ने जामयांग सेरिंग नामग्याल का टिकट काटकर मैदान में उतारा था।
हनीफा को 65,303 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्सेरिंग नामग्याल को 37,397 वोट मिले। इस त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में भाजपा के ताशी ग्यालसन को 31,956 वोट मिले थे।
दरअसल लोकसभा चुनाव में त्सेरिंग नामग्याल को कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व नेता हनीफा ने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हुए करीबी अंतर से उन्होंने जीत हासिल की है।
लद्दाख लोकसभा सीट पर 2014 और 2019 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर सबसे ज्यादा बार जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस पार्टी के नाम दर्ज है। दिलचस्प बात यह है कि 1989, 2004 और 2009 के आम चुनावों में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। मोहम्मद हनीफा लद्दाख से जीतने वाले चौथे निर्दलीय सांसद हैं।
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नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। लद्दाख लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय सांसद मोहम्मद हनीफा जान ने वहां के कई स्थानीय नेताओं के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की है। इस दौरान कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहे। मोहम्मद हनीफा लद्दाख निर्वाचन क्षेत्र से वर्तमान में सांसद और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी त्सेरिंग नामग्याल को 27,906 मतों के अंतर से हराकर लद्दाख लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। यहां से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर ताशी ग्यालसन मैदान में थे। जिन्हें भाजपा ने जामयांग सेरिंग नामग्याल का टिकट काटकर मैदान में उतारा था।
हनीफा को 65,303 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्सेरिंग नामग्याल को 37,397 वोट मिले। इस त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में भाजपा के ताशी ग्यालसन को 31,956 वोट मिले थे।
दरअसल लोकसभा चुनाव में त्सेरिंग नामग्याल को कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व नेता हनीफा ने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हुए करीबी अंतर से उन्होंने जीत हासिल की है।
लद्दाख लोकसभा सीट पर 2014 और 2019 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर सबसे ज्यादा बार जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस पार्टी के नाम दर्ज है। दिलचस्प बात यह है कि 1989, 2004 और 2009 के आम चुनावों में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। मोहम्मद हनीफा लद्दाख से जीतने वाले चौथे निर्दलीय सांसद हैं।
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नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। लद्दाख लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय सांसद मोहम्मद हनीफा जान ने वहां के कई स्थानीय नेताओं के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की है। इस दौरान कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहे। मोहम्मद हनीफा लद्दाख निर्वाचन क्षेत्र से वर्तमान में सांसद और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी त्सेरिंग नामग्याल को 27,906 मतों के अंतर से हराकर लद्दाख लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। यहां से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर ताशी ग्यालसन मैदान में थे। जिन्हें भाजपा ने जामयांग सेरिंग नामग्याल का टिकट काटकर मैदान में उतारा था।
हनीफा को 65,303 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्सेरिंग नामग्याल को 37,397 वोट मिले। इस त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में भाजपा के ताशी ग्यालसन को 31,956 वोट मिले थे।
दरअसल लोकसभा चुनाव में त्सेरिंग नामग्याल को कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व नेता हनीफा ने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हुए करीबी अंतर से उन्होंने जीत हासिल की है।
लद्दाख लोकसभा सीट पर 2014 और 2019 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर सबसे ज्यादा बार जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस पार्टी के नाम दर्ज है। दिलचस्प बात यह है कि 1989, 2004 और 2009 के आम चुनावों में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। मोहम्मद हनीफा लद्दाख से जीतने वाले चौथे निर्दलीय सांसद हैं।
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नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। लद्दाख लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय सांसद मोहम्मद हनीफा जान ने वहां के कई स्थानीय नेताओं के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की है। इस दौरान कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहे। मोहम्मद हनीफा लद्दाख निर्वाचन क्षेत्र से वर्तमान में सांसद और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी त्सेरिंग नामग्याल को 27,906 मतों के अंतर से हराकर लद्दाख लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। यहां से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर ताशी ग्यालसन मैदान में थे। जिन्हें भाजपा ने जामयांग सेरिंग नामग्याल का टिकट काटकर मैदान में उतारा था।
हनीफा को 65,303 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्सेरिंग नामग्याल को 37,397 वोट मिले। इस त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में भाजपा के ताशी ग्यालसन को 31,956 वोट मिले थे।
दरअसल लोकसभा चुनाव में त्सेरिंग नामग्याल को कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व नेता हनीफा ने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हुए करीबी अंतर से उन्होंने जीत हासिल की है।
लद्दाख लोकसभा सीट पर 2014 और 2019 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर सबसे ज्यादा बार जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस पार्टी के नाम दर्ज है। दिलचस्प बात यह है कि 1989, 2004 और 2009 के आम चुनावों में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। मोहम्मद हनीफा लद्दाख से जीतने वाले चौथे निर्दलीय सांसद हैं।
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लोकसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी त्सेरिंग नामग्याल को 27,906 मतों के अंतर से हराकर लद्दाख लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। यहां से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर ताशी ग्यालसन मैदान में थे। जिन्हें भाजपा ने जामयांग सेरिंग नामग्याल का टिकट काटकर मैदान में उतारा था।
हनीफा को 65,303 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्सेरिंग नामग्याल को 37,397 वोट मिले। इस त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में भाजपा के ताशी ग्यालसन को 31,956 वोट मिले थे।
दरअसल लोकसभा चुनाव में त्सेरिंग नामग्याल को कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व नेता हनीफा ने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हुए करीबी अंतर से उन्होंने जीत हासिल की है।
लद्दाख लोकसभा सीट पर 2014 और 2019 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर सबसे ज्यादा बार जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस पार्टी के नाम दर्ज है। दिलचस्प बात यह है कि 1989, 2004 और 2009 के आम चुनावों में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। मोहम्मद हनीफा लद्दाख से जीतने वाले चौथे निर्दलीय सांसद हैं।
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लोकसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी त्सेरिंग नामग्याल को 27,906 मतों के अंतर से हराकर लद्दाख लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। यहां से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर ताशी ग्यालसन मैदान में थे। जिन्हें भाजपा ने जामयांग सेरिंग नामग्याल का टिकट काटकर मैदान में उतारा था।
हनीफा को 65,303 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्सेरिंग नामग्याल को 37,397 वोट मिले। इस त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में भाजपा के ताशी ग्यालसन को 31,956 वोट मिले थे।
दरअसल लोकसभा चुनाव में त्सेरिंग नामग्याल को कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व नेता हनीफा ने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हुए करीबी अंतर से उन्होंने जीत हासिल की है।
लद्दाख लोकसभा सीट पर 2014 और 2019 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर सबसे ज्यादा बार जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस पार्टी के नाम दर्ज है। दिलचस्प बात यह है कि 1989, 2004 और 2009 के आम चुनावों में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। मोहम्मद हनीफा लद्दाख से जीतने वाले चौथे निर्दलीय सांसद हैं।
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लोकसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी त्सेरिंग नामग्याल को 27,906 मतों के अंतर से हराकर लद्दाख लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। यहां से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर ताशी ग्यालसन मैदान में थे। जिन्हें भाजपा ने जामयांग सेरिंग नामग्याल का टिकट काटकर मैदान में उतारा था।
हनीफा को 65,303 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्सेरिंग नामग्याल को 37,397 वोट मिले। इस त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में भाजपा के ताशी ग्यालसन को 31,956 वोट मिले थे।
दरअसल लोकसभा चुनाव में त्सेरिंग नामग्याल को कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व नेता हनीफा ने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हुए करीबी अंतर से उन्होंने जीत हासिल की है।
लद्दाख लोकसभा सीट पर 2014 और 2019 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर सबसे ज्यादा बार जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस पार्टी के नाम दर्ज है। दिलचस्प बात यह है कि 1989, 2004 और 2009 के आम चुनावों में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। मोहम्मद हनीफा लद्दाख से जीतने वाले चौथे निर्दलीय सांसद हैं।
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लोकसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी त्सेरिंग नामग्याल को 27,906 मतों के अंतर से हराकर लद्दाख लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। यहां से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर ताशी ग्यालसन मैदान में थे। जिन्हें भाजपा ने जामयांग सेरिंग नामग्याल का टिकट काटकर मैदान में उतारा था।
हनीफा को 65,303 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्सेरिंग नामग्याल को 37,397 वोट मिले। इस त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में भाजपा के ताशी ग्यालसन को 31,956 वोट मिले थे।
दरअसल लोकसभा चुनाव में त्सेरिंग नामग्याल को कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व नेता हनीफा ने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हुए करीबी अंतर से उन्होंने जीत हासिल की है।
लद्दाख लोकसभा सीट पर 2014 और 2019 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर सबसे ज्यादा बार जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस पार्टी के नाम दर्ज है। दिलचस्प बात यह है कि 1989, 2004 और 2009 के आम चुनावों में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। मोहम्मद हनीफा लद्दाख से जीतने वाले चौथे निर्दलीय सांसद हैं।
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लोकसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी त्सेरिंग नामग्याल को 27,906 मतों के अंतर से हराकर लद्दाख लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। यहां से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर ताशी ग्यालसन मैदान में थे। जिन्हें भाजपा ने जामयांग सेरिंग नामग्याल का टिकट काटकर मैदान में उतारा था।
हनीफा को 65,303 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्सेरिंग नामग्याल को 37,397 वोट मिले। इस त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में भाजपा के ताशी ग्यालसन को 31,956 वोट मिले थे।
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लद्दाख लोकसभा सीट पर 2014 और 2019 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर सबसे ज्यादा बार जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस पार्टी के नाम दर्ज है। दिलचस्प बात यह है कि 1989, 2004 और 2009 के आम चुनावों में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। मोहम्मद हनीफा लद्दाख से जीतने वाले चौथे निर्दलीय सांसद हैं।
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हनीफा को 65,303 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्सेरिंग नामग्याल को 37,397 वोट मिले। इस त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में भाजपा के ताशी ग्यालसन को 31,956 वोट मिले थे।
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हनीफा को 65,303 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्सेरिंग नामग्याल को 37,397 वोट मिले। इस त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में भाजपा के ताशी ग्यालसन को 31,956 वोट मिले थे।
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लोकसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी त्सेरिंग नामग्याल को 27,906 मतों के अंतर से हराकर लद्दाख लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। यहां से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर ताशी ग्यालसन मैदान में थे। जिन्हें भाजपा ने जामयांग सेरिंग नामग्याल का टिकट काटकर मैदान में उतारा था।
हनीफा को 65,303 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्सेरिंग नामग्याल को 37,397 वोट मिले। इस त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में भाजपा के ताशी ग्यालसन को 31,956 वोट मिले थे।
दरअसल लोकसभा चुनाव में त्सेरिंग नामग्याल को कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व नेता हनीफा ने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हुए करीबी अंतर से उन्होंने जीत हासिल की है।
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नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। लद्दाख लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय सांसद मोहम्मद हनीफा जान ने वहां के कई स्थानीय नेताओं के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की है। इस दौरान कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहे। मोहम्मद हनीफा लद्दाख निर्वाचन क्षेत्र से वर्तमान में सांसद और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी त्सेरिंग नामग्याल को 27,906 मतों के अंतर से हराकर लद्दाख लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। यहां से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर ताशी ग्यालसन मैदान में थे। जिन्हें भाजपा ने जामयांग सेरिंग नामग्याल का टिकट काटकर मैदान में उतारा था।
हनीफा को 65,303 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्सेरिंग नामग्याल को 37,397 वोट मिले। इस त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में भाजपा के ताशी ग्यालसन को 31,956 वोट मिले थे।
दरअसल लोकसभा चुनाव में त्सेरिंग नामग्याल को कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व नेता हनीफा ने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हुए करीबी अंतर से उन्होंने जीत हासिल की है।
लद्दाख लोकसभा सीट पर 2014 और 2019 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर सबसे ज्यादा बार जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस पार्टी के नाम दर्ज है। दिलचस्प बात यह है कि 1989, 2004 और 2009 के आम चुनावों में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। मोहम्मद हनीफा लद्दाख से जीतने वाले चौथे निर्दलीय सांसद हैं।
–आईएएनएस
एकेएस/जीकेटी
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नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। लद्दाख लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय सांसद मोहम्मद हनीफा जान ने वहां के कई स्थानीय नेताओं के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की है। इस दौरान कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहे। मोहम्मद हनीफा लद्दाख निर्वाचन क्षेत्र से वर्तमान में सांसद और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी त्सेरिंग नामग्याल को 27,906 मतों के अंतर से हराकर लद्दाख लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। यहां से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर ताशी ग्यालसन मैदान में थे। जिन्हें भाजपा ने जामयांग सेरिंग नामग्याल का टिकट काटकर मैदान में उतारा था।
हनीफा को 65,303 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्सेरिंग नामग्याल को 37,397 वोट मिले। इस त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में भाजपा के ताशी ग्यालसन को 31,956 वोट मिले थे।
दरअसल लोकसभा चुनाव में त्सेरिंग नामग्याल को कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व नेता हनीफा ने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हुए करीबी अंतर से उन्होंने जीत हासिल की है।
लद्दाख लोकसभा सीट पर 2014 और 2019 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर सबसे ज्यादा बार जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस पार्टी के नाम दर्ज है। दिलचस्प बात यह है कि 1989, 2004 और 2009 के आम चुनावों में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। मोहम्मद हनीफा लद्दाख से जीतने वाले चौथे निर्दलीय सांसद हैं।
–आईएएनएस
एकेएस/जीकेटी
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नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। लद्दाख लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय सांसद मोहम्मद हनीफा जान ने वहां के कई स्थानीय नेताओं के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की है। इस दौरान कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहे। मोहम्मद हनीफा लद्दाख निर्वाचन क्षेत्र से वर्तमान में सांसद और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी त्सेरिंग नामग्याल को 27,906 मतों के अंतर से हराकर लद्दाख लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। यहां से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर ताशी ग्यालसन मैदान में थे। जिन्हें भाजपा ने जामयांग सेरिंग नामग्याल का टिकट काटकर मैदान में उतारा था।
हनीफा को 65,303 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के त्सेरिंग नामग्याल को 37,397 वोट मिले। इस त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में भाजपा के ताशी ग्यालसन को 31,956 वोट मिले थे।
दरअसल लोकसभा चुनाव में त्सेरिंग नामग्याल को कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व नेता हनीफा ने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हुए करीबी अंतर से उन्होंने जीत हासिल की है।
लद्दाख लोकसभा सीट पर 2014 और 2019 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर सबसे ज्यादा बार जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस पार्टी के नाम दर्ज है। दिलचस्प बात यह है कि 1989, 2004 और 2009 के आम चुनावों में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। मोहम्मद हनीफा लद्दाख से जीतने वाले चौथे निर्दलीय सांसद हैं।