कोलकाता, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल पुलिस ने यह जांच शुरू कर दी है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना के मुख्य आरोपी ललित झा से संबंध रखने वाले एनजीओ का माओवादियों से कोई संबंध है या नहीं।
माओवादी संबंधों पर आशंका तब उभरी जब यह पता चला कि गैर सरकारी संगठन साम्यवादी सुभाष सभा पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के तुनतुरी जिले में एक मुफ्त कोचिंग सेंटर चलाता है, जो कभी माओवादियों का गढ़ था।
पश्चिम बंगाल में झा के परिचित निलक्खा आइच को एनजीओ के संस्थापक सदस्यों में से एक कहा जाता है। आइच से पश्चिम बंगाल पुलिस गुरुवार को पहले ही पूछताछ कर चुकी है।
कोचिंग सेंटर के बारे में पुलिस को मिली शुरुआती जानकारी के अनुसार, यह एस्बेस्टस शेड और टूटी खिड़कियों वाले एक अलग-थलग और टूटे-फूटे कमरे में स्थित है। तुनतुरी गांव के स्थानीय निवासियों के मुताबिक वहां कुछ बच्चे आते थे।
आइच पश्चिम बंगाल के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में स्नातक द्वितीय वर्ष का छात्र है। कथित तौर पर वह ललित झा से परिचित था और उसने घटना के कुछ घंटों बाद बुधवार को लोकसभा में सुरक्षा उल्लंघन का वीडियो व्हाट्सएप के माध्यम से आइच के मोबाइल फोन पर भेजा था।
इस बीच, दो वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में दिल्ली पुलिस की एक टीम मामले की जांच के लिए यहां पहुंची है, खासकर कोलकाता में रहने के दौरान ललित झा के पिछले इतिहास की जांच के लिए।
सूत्रों के अनुसार, कोलकाता प्रवास के दौरान ललित झा ने बड़ाबाजार इलाके में एक जगह किराये पर ली थी। घर के मालिक के अनुसार, ललित झा किराया ऑनलाइन चुकाता था।
पड़ोसियों ने पुलिस को बताया है कि ललित झा बेहद अंतर्मुखी व्यक्ति था, जो उनके साथ कम ही बातचीत करते थे। उम्मीद है कि दिल्ली पुलिस इस संबंध में आइच से पूछताछ कर सकती है।
–आईएएनएस
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