पटना, 24 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के आईएनडीआईए में ‘कई संयोजक’ होने के बयान को लेकर अब मायने निकाले जाने लगे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि बिना बैठक में तय किए, ऐसे बयान देने का कोई मतलब भी नहीं है।
लालू प्रसाद दो दिन पहले गोपालगंज में अपने पैतृक गांव गए थे, जहां उन्होंने कहा था कि गठबंधन में संयोजक को लेकर कोई भी झंझट नहीं है। उन्होंने यहां तक कहा था कि संयोजक कोई भी हो सकता है। उन्होंने आगे यह भी कहा था कि चार- पांच राज्यों को मिलाकर भी एक संयोजक बनाया जाएगा।
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लालू प्रसाद की मुलाकात भी हो चुकी है। लालू के बयान पर जदयू तैयार होगी, यह आसान नहीं दिखता है।
पटना में जब आईएनडीआईए यानी इंडिया की पहली बैठक हुई थी, तभी से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संयोजक बनाए जाने की चर्चा होती रही है, हालांकि अब तक इसकी घोषणा नहीं हुई है।
जदयू के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं कि नीतीश कुमार कई बार कह चुके हैं कि उन्हें कोई पद नहीं चाहिए बल्कि वे विपक्षियों को एकजुट करने का काम कर रहे है।
उन्होंने कहा कि इसे कोई नकार भी नहीं सकता कि नीतीश कुमार ने सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की न केवल पहल की है, बल्कि करीब-करीब सभी विपक्षी दलों को खड़ा कर दिया।
उल्लेखनीय है कि इस नए गठबंधन की मुंबई में 31 अगस्त को बैठक होने वाली है, जिसमें माना जा रहा है कि इस मामले की लेकर निर्णय लिया जा सकता है।
–आईएएनएस
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