पटना, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। बिहार में जन सुराज यात्रा कर रहे प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार में साढ़े बारह सौ परिवार के लोग ही यहां एमपी और एमएलए बनते रहे हैं। हर पंचायत, ब्लॉक और विधानसभा में लंबे समय से ऐसा होता आ रहा है। भाजपा को आप बिहार में देख लीजिए, बिहार के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हैं सम्राट चौधरी, इनके बाबूजी हैं शकुनी चौधरी, ये कांग्रेस की सत्ता में मंत्री रहे, फिर लालू की सरकार में मंत्री रहे, इसके बाद नीतीश की सरकार में मंत्री और मांझी की सरकार में भी मंत्री थे।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “ये दिखाता है कि बिहार की राजनीति पर कुछ परिवारों का कब्जा हो गया है। बिहार की आबादी है 13 करोड़, इनमें साढ़े तीन करोड़ परिवार के लोग यहां रहते हैं, लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है कि साढ़े बारह सौ परिवार के लोग ही यहां एमपी और एमएलए बन रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं गांवों-प्रखंडों में पैदल यात्रा कर लोगों को संगठित कर रहा हूं। अगर कोई ईमानदार व्यक्ति है और चुनाव लड़ना चाहता है और उसके पास पैसा नहीं है तो मैं उन्हें समझा रहा हूं कि आपको संसाधन की चिंता नहीं करना है। अगर आपके बाबूजी लालू प्रसाद यादव नहीं हैं, मंत्री, विधायक नहीं हैं, तो कोई बात नहीं, आपको घबराने की जरूरत नहीं है। अगर हम उनको सलाह दे सकते हैं, तो आपको भी सलाह दे सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “आपको सलाह भी दिया जाएगा और संसाधन भी। आइए और समाज में अपनी जगह और पहचान बनाइए। जन सुराज अभियान चलाया ही इसलिए जा रहा है ताकि समाज से अच्छे लोग ढूंढ़ कर लाया जाए और समाज का उत्थान किया जाए।”
–आईएएनएस
एसएचके/एसकेपी
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पटना, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। बिहार में जन सुराज यात्रा कर रहे प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार में साढ़े बारह सौ परिवार के लोग ही यहां एमपी और एमएलए बनते रहे हैं। हर पंचायत, ब्लॉक और विधानसभा में लंबे समय से ऐसा होता आ रहा है। भाजपा को आप बिहार में देख लीजिए, बिहार के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हैं सम्राट चौधरी, इनके बाबूजी हैं शकुनी चौधरी, ये कांग्रेस की सत्ता में मंत्री रहे, फिर लालू की सरकार में मंत्री रहे, इसके बाद नीतीश की सरकार में मंत्री और मांझी की सरकार में भी मंत्री थे।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “ये दिखाता है कि बिहार की राजनीति पर कुछ परिवारों का कब्जा हो गया है। बिहार की आबादी है 13 करोड़, इनमें साढ़े तीन करोड़ परिवार के लोग यहां रहते हैं, लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है कि साढ़े बारह सौ परिवार के लोग ही यहां एमपी और एमएलए बन रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं गांवों-प्रखंडों में पैदल यात्रा कर लोगों को संगठित कर रहा हूं। अगर कोई ईमानदार व्यक्ति है और चुनाव लड़ना चाहता है और उसके पास पैसा नहीं है तो मैं उन्हें समझा रहा हूं कि आपको संसाधन की चिंता नहीं करना है। अगर आपके बाबूजी लालू प्रसाद यादव नहीं हैं, मंत्री, विधायक नहीं हैं, तो कोई बात नहीं, आपको घबराने की जरूरत नहीं है। अगर हम उनको सलाह दे सकते हैं, तो आपको भी सलाह दे सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “आपको सलाह भी दिया जाएगा और संसाधन भी। आइए और समाज में अपनी जगह और पहचान बनाइए। जन सुराज अभियान चलाया ही इसलिए जा रहा है ताकि समाज से अच्छे लोग ढूंढ़ कर लाया जाए और समाज का उत्थान किया जाए।”
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पटना, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। बिहार में जन सुराज यात्रा कर रहे प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार में साढ़े बारह सौ परिवार के लोग ही यहां एमपी और एमएलए बनते रहे हैं। हर पंचायत, ब्लॉक और विधानसभा में लंबे समय से ऐसा होता आ रहा है। भाजपा को आप बिहार में देख लीजिए, बिहार के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हैं सम्राट चौधरी, इनके बाबूजी हैं शकुनी चौधरी, ये कांग्रेस की सत्ता में मंत्री रहे, फिर लालू की सरकार में मंत्री रहे, इसके बाद नीतीश की सरकार में मंत्री और मांझी की सरकार में भी मंत्री थे।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “ये दिखाता है कि बिहार की राजनीति पर कुछ परिवारों का कब्जा हो गया है। बिहार की आबादी है 13 करोड़, इनमें साढ़े तीन करोड़ परिवार के लोग यहां रहते हैं, लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है कि साढ़े बारह सौ परिवार के लोग ही यहां एमपी और एमएलए बन रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं गांवों-प्रखंडों में पैदल यात्रा कर लोगों को संगठित कर रहा हूं। अगर कोई ईमानदार व्यक्ति है और चुनाव लड़ना चाहता है और उसके पास पैसा नहीं है तो मैं उन्हें समझा रहा हूं कि आपको संसाधन की चिंता नहीं करना है। अगर आपके बाबूजी लालू प्रसाद यादव नहीं हैं, मंत्री, विधायक नहीं हैं, तो कोई बात नहीं, आपको घबराने की जरूरत नहीं है। अगर हम उनको सलाह दे सकते हैं, तो आपको भी सलाह दे सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “आपको सलाह भी दिया जाएगा और संसाधन भी। आइए और समाज में अपनी जगह और पहचान बनाइए। जन सुराज अभियान चलाया ही इसलिए जा रहा है ताकि समाज से अच्छे लोग ढूंढ़ कर लाया जाए और समाज का उत्थान किया जाए।”
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प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “ये दिखाता है कि बिहार की राजनीति पर कुछ परिवारों का कब्जा हो गया है। बिहार की आबादी है 13 करोड़, इनमें साढ़े तीन करोड़ परिवार के लोग यहां रहते हैं, लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है कि साढ़े बारह सौ परिवार के लोग ही यहां एमपी और एमएलए बन रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं गांवों-प्रखंडों में पैदल यात्रा कर लोगों को संगठित कर रहा हूं। अगर कोई ईमानदार व्यक्ति है और चुनाव लड़ना चाहता है और उसके पास पैसा नहीं है तो मैं उन्हें समझा रहा हूं कि आपको संसाधन की चिंता नहीं करना है। अगर आपके बाबूजी लालू प्रसाद यादव नहीं हैं, मंत्री, विधायक नहीं हैं, तो कोई बात नहीं, आपको घबराने की जरूरत नहीं है। अगर हम उनको सलाह दे सकते हैं, तो आपको भी सलाह दे सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “आपको सलाह भी दिया जाएगा और संसाधन भी। आइए और समाज में अपनी जगह और पहचान बनाइए। जन सुराज अभियान चलाया ही इसलिए जा रहा है ताकि समाज से अच्छे लोग ढूंढ़ कर लाया जाए और समाज का उत्थान किया जाए।”
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प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “ये दिखाता है कि बिहार की राजनीति पर कुछ परिवारों का कब्जा हो गया है। बिहार की आबादी है 13 करोड़, इनमें साढ़े तीन करोड़ परिवार के लोग यहां रहते हैं, लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है कि साढ़े बारह सौ परिवार के लोग ही यहां एमपी और एमएलए बन रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं गांवों-प्रखंडों में पैदल यात्रा कर लोगों को संगठित कर रहा हूं। अगर कोई ईमानदार व्यक्ति है और चुनाव लड़ना चाहता है और उसके पास पैसा नहीं है तो मैं उन्हें समझा रहा हूं कि आपको संसाधन की चिंता नहीं करना है। अगर आपके बाबूजी लालू प्रसाद यादव नहीं हैं, मंत्री, विधायक नहीं हैं, तो कोई बात नहीं, आपको घबराने की जरूरत नहीं है। अगर हम उनको सलाह दे सकते हैं, तो आपको भी सलाह दे सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “आपको सलाह भी दिया जाएगा और संसाधन भी। आइए और समाज में अपनी जगह और पहचान बनाइए। जन सुराज अभियान चलाया ही इसलिए जा रहा है ताकि समाज से अच्छे लोग ढूंढ़ कर लाया जाए और समाज का उत्थान किया जाए।”
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प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “ये दिखाता है कि बिहार की राजनीति पर कुछ परिवारों का कब्जा हो गया है। बिहार की आबादी है 13 करोड़, इनमें साढ़े तीन करोड़ परिवार के लोग यहां रहते हैं, लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है कि साढ़े बारह सौ परिवार के लोग ही यहां एमपी और एमएलए बन रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं गांवों-प्रखंडों में पैदल यात्रा कर लोगों को संगठित कर रहा हूं। अगर कोई ईमानदार व्यक्ति है और चुनाव लड़ना चाहता है और उसके पास पैसा नहीं है तो मैं उन्हें समझा रहा हूं कि आपको संसाधन की चिंता नहीं करना है। अगर आपके बाबूजी लालू प्रसाद यादव नहीं हैं, मंत्री, विधायक नहीं हैं, तो कोई बात नहीं, आपको घबराने की जरूरत नहीं है। अगर हम उनको सलाह दे सकते हैं, तो आपको भी सलाह दे सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “आपको सलाह भी दिया जाएगा और संसाधन भी। आइए और समाज में अपनी जगह और पहचान बनाइए। जन सुराज अभियान चलाया ही इसलिए जा रहा है ताकि समाज से अच्छे लोग ढूंढ़ कर लाया जाए और समाज का उत्थान किया जाए।”
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प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “ये दिखाता है कि बिहार की राजनीति पर कुछ परिवारों का कब्जा हो गया है। बिहार की आबादी है 13 करोड़, इनमें साढ़े तीन करोड़ परिवार के लोग यहां रहते हैं, लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है कि साढ़े बारह सौ परिवार के लोग ही यहां एमपी और एमएलए बन रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं गांवों-प्रखंडों में पैदल यात्रा कर लोगों को संगठित कर रहा हूं। अगर कोई ईमानदार व्यक्ति है और चुनाव लड़ना चाहता है और उसके पास पैसा नहीं है तो मैं उन्हें समझा रहा हूं कि आपको संसाधन की चिंता नहीं करना है। अगर आपके बाबूजी लालू प्रसाद यादव नहीं हैं, मंत्री, विधायक नहीं हैं, तो कोई बात नहीं, आपको घबराने की जरूरत नहीं है। अगर हम उनको सलाह दे सकते हैं, तो आपको भी सलाह दे सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “आपको सलाह भी दिया जाएगा और संसाधन भी। आइए और समाज में अपनी जगह और पहचान बनाइए। जन सुराज अभियान चलाया ही इसलिए जा रहा है ताकि समाज से अच्छे लोग ढूंढ़ कर लाया जाए और समाज का उत्थान किया जाए।”
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प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “ये दिखाता है कि बिहार की राजनीति पर कुछ परिवारों का कब्जा हो गया है। बिहार की आबादी है 13 करोड़, इनमें साढ़े तीन करोड़ परिवार के लोग यहां रहते हैं, लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है कि साढ़े बारह सौ परिवार के लोग ही यहां एमपी और एमएलए बन रहे हैं।”
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पटना, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। बिहार में जन सुराज यात्रा कर रहे प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार में साढ़े बारह सौ परिवार के लोग ही यहां एमपी और एमएलए बनते रहे हैं। हर पंचायत, ब्लॉक और विधानसभा में लंबे समय से ऐसा होता आ रहा है। भाजपा को आप बिहार में देख लीजिए, बिहार के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हैं सम्राट चौधरी, इनके बाबूजी हैं शकुनी चौधरी, ये कांग्रेस की सत्ता में मंत्री रहे, फिर लालू की सरकार में मंत्री रहे, इसके बाद नीतीश की सरकार में मंत्री और मांझी की सरकार में भी मंत्री थे।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “ये दिखाता है कि बिहार की राजनीति पर कुछ परिवारों का कब्जा हो गया है। बिहार की आबादी है 13 करोड़, इनमें साढ़े तीन करोड़ परिवार के लोग यहां रहते हैं, लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है कि साढ़े बारह सौ परिवार के लोग ही यहां एमपी और एमएलए बन रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं गांवों-प्रखंडों में पैदल यात्रा कर लोगों को संगठित कर रहा हूं। अगर कोई ईमानदार व्यक्ति है और चुनाव लड़ना चाहता है और उसके पास पैसा नहीं है तो मैं उन्हें समझा रहा हूं कि आपको संसाधन की चिंता नहीं करना है। अगर आपके बाबूजी लालू प्रसाद यादव नहीं हैं, मंत्री, विधायक नहीं हैं, तो कोई बात नहीं, आपको घबराने की जरूरत नहीं है। अगर हम उनको सलाह दे सकते हैं, तो आपको भी सलाह दे सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “आपको सलाह भी दिया जाएगा और संसाधन भी। आइए और समाज में अपनी जगह और पहचान बनाइए। जन सुराज अभियान चलाया ही इसलिए जा रहा है ताकि समाज से अच्छे लोग ढूंढ़ कर लाया जाए और समाज का उत्थान किया जाए।”
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प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “ये दिखाता है कि बिहार की राजनीति पर कुछ परिवारों का कब्जा हो गया है। बिहार की आबादी है 13 करोड़, इनमें साढ़े तीन करोड़ परिवार के लोग यहां रहते हैं, लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है कि साढ़े बारह सौ परिवार के लोग ही यहां एमपी और एमएलए बन रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं गांवों-प्रखंडों में पैदल यात्रा कर लोगों को संगठित कर रहा हूं। अगर कोई ईमानदार व्यक्ति है और चुनाव लड़ना चाहता है और उसके पास पैसा नहीं है तो मैं उन्हें समझा रहा हूं कि आपको संसाधन की चिंता नहीं करना है। अगर आपके बाबूजी लालू प्रसाद यादव नहीं हैं, मंत्री, विधायक नहीं हैं, तो कोई बात नहीं, आपको घबराने की जरूरत नहीं है। अगर हम उनको सलाह दे सकते हैं, तो आपको भी सलाह दे सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “आपको सलाह भी दिया जाएगा और संसाधन भी। आइए और समाज में अपनी जगह और पहचान बनाइए। जन सुराज अभियान चलाया ही इसलिए जा रहा है ताकि समाज से अच्छे लोग ढूंढ़ कर लाया जाए और समाज का उत्थान किया जाए।”
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प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “ये दिखाता है कि बिहार की राजनीति पर कुछ परिवारों का कब्जा हो गया है। बिहार की आबादी है 13 करोड़, इनमें साढ़े तीन करोड़ परिवार के लोग यहां रहते हैं, लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है कि साढ़े बारह सौ परिवार के लोग ही यहां एमपी और एमएलए बन रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं गांवों-प्रखंडों में पैदल यात्रा कर लोगों को संगठित कर रहा हूं। अगर कोई ईमानदार व्यक्ति है और चुनाव लड़ना चाहता है और उसके पास पैसा नहीं है तो मैं उन्हें समझा रहा हूं कि आपको संसाधन की चिंता नहीं करना है। अगर आपके बाबूजी लालू प्रसाद यादव नहीं हैं, मंत्री, विधायक नहीं हैं, तो कोई बात नहीं, आपको घबराने की जरूरत नहीं है। अगर हम उनको सलाह दे सकते हैं, तो आपको भी सलाह दे सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “आपको सलाह भी दिया जाएगा और संसाधन भी। आइए और समाज में अपनी जगह और पहचान बनाइए। जन सुराज अभियान चलाया ही इसलिए जा रहा है ताकि समाज से अच्छे लोग ढूंढ़ कर लाया जाए और समाज का उत्थान किया जाए।”
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प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “ये दिखाता है कि बिहार की राजनीति पर कुछ परिवारों का कब्जा हो गया है। बिहार की आबादी है 13 करोड़, इनमें साढ़े तीन करोड़ परिवार के लोग यहां रहते हैं, लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है कि साढ़े बारह सौ परिवार के लोग ही यहां एमपी और एमएलए बन रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं गांवों-प्रखंडों में पैदल यात्रा कर लोगों को संगठित कर रहा हूं। अगर कोई ईमानदार व्यक्ति है और चुनाव लड़ना चाहता है और उसके पास पैसा नहीं है तो मैं उन्हें समझा रहा हूं कि आपको संसाधन की चिंता नहीं करना है। अगर आपके बाबूजी लालू प्रसाद यादव नहीं हैं, मंत्री, विधायक नहीं हैं, तो कोई बात नहीं, आपको घबराने की जरूरत नहीं है। अगर हम उनको सलाह दे सकते हैं, तो आपको भी सलाह दे सकते हैं।”
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प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “ये दिखाता है कि बिहार की राजनीति पर कुछ परिवारों का कब्जा हो गया है। बिहार की आबादी है 13 करोड़, इनमें साढ़े तीन करोड़ परिवार के लोग यहां रहते हैं, लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है कि साढ़े बारह सौ परिवार के लोग ही यहां एमपी और एमएलए बन रहे हैं।”
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उन्होंने कहा, “मैं गांवों-प्रखंडों में पैदल यात्रा कर लोगों को संगठित कर रहा हूं। अगर कोई ईमानदार व्यक्ति है और चुनाव लड़ना चाहता है और उसके पास पैसा नहीं है तो मैं उन्हें समझा रहा हूं कि आपको संसाधन की चिंता नहीं करना है। अगर आपके बाबूजी लालू प्रसाद यादव नहीं हैं, मंत्री, विधायक नहीं हैं, तो कोई बात नहीं, आपको घबराने की जरूरत नहीं है। अगर हम उनको सलाह दे सकते हैं, तो आपको भी सलाह दे सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “आपको सलाह भी दिया जाएगा और संसाधन भी। आइए और समाज में अपनी जगह और पहचान बनाइए। जन सुराज अभियान चलाया ही इसलिए जा रहा है ताकि समाज से अच्छे लोग ढूंढ़ कर लाया जाए और समाज का उत्थान किया जाए।”