रायपुर,14 जून (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के मुखिया और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के अपमान को लेकर छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव को बाबा साहेब की प्रतिष्ठा का ख्याल रखना चाहिए था।
छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव ने शनिवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर हमारे संविधान के निर्माता हैं, भारत रत्न हैं। उन्हें सम्मान देना हमारी जिम्मेदारी है। लालू प्रसाद यादव को उनकी प्रतिष्ठा का ख्याल रखना चाहिए।
दरअसल, 11 जून को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का जन्मदिन था। इस दिन पार्टी के नेता-कार्यकर्ता अपनी श्रद्धानुसार भेंट लेकर उनके पास पहुंचे। इस दौरान एक तस्वीर और वीडियो सामने आया जिसमें बिहार के पूर्व सीएम के चरणों में बाबा साहेब की तस्वीर अर्पित की जा रही है। इसे लेकर ही सियासी पारा बढ़ गया है।
शनिवार सुबह भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का वीडियो शेयर करते हुए कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव के चरणों में बाबा साहेब की तस्वीर रखी है। लेकिन, उन्होंने तस्वीर को उठाना ठीक नहीं समझा।
वहीं, ईडी की ओर से सुकमा में कांग्रेस कार्यालय को सीज किए जाने पर कांग्रेस के आरोपों पर डिप्टी सीएम अरुण ने कहा कि कांग्रेस के पास एक ही मुद्दा रहता है। शराब घोटाला में ईडी कार्रवाई कर रही है तो कांग्रेस को यह राजनीति से प्रेरित नजर आता है। लेकिन, वास्तविकता यह है कि छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ से अधिक का शराब घोटाला हुआ। ईडी इसकी गंभीरता से जांच कर रही है, जो लोग भी इसमें शामिल हैं, उन पर कार्रवाई हो रही है। घोटाला से संबंधित जो भी संपत्ति-प्रॉपर्टी होती है, उसे ईडी जब्त करती है।
रायगढ़ में बुलडोजर एक्शन पर डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा होता है तो प्रशासन की ओर से उसे हटाने के लिए नोटिस दिया जाता है। जब नोटिस पर भी लोगों द्वारा संज्ञान नहीं लिया जाता है तो कार्रवाई जरूरी बन जाती है। अतिक्रमण से आम लोगों को परेशानी होती है। इसीलिए, यह जरूरी बन जाता है कि कार्रवाई की जाए।
प्रदेश में 16 जून से शाला प्रवेश उत्सव मनाए जाने को लेकर डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद हमारी सरकार शिक्षा में सुधार के लिए लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में 16 जून से शाला प्रवेश उत्सव की शुरुआत हो रही है। यह आयोजन राज्य में शिक्षा के क्षेत्र को सशक्त बनाने और शत-प्रतिशत बच्चों का विद्यालयों में नामांकन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
–आईएएनएस
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