पटना,18 सितंबर (आईएएनएस)। नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव समेत अन्य आरोपियों को कोर्ट में पेश होने के लिए समन भेजा है। इस पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि लालू यादव के परिवार ने नौकरी के नाम पर जमीन ली है।
उन्होंने कहा कि कानून व्यक्ति के कर्मों के अनुसार ही उसके पास पहुंचेगा। ऐसे भ्रष्ट नेताओं तक कानून का पहुंचना जरूरी है। उन्होंने जो पाप किया है और गरीब युवाओं के साथ जो अन्याय किया है, उसके लिए कानून उन्हें सजा देगा। कानून ऐसे भ्रष्ट और घोटालेबाजों तक पहुंचेगा। कानून सबके लिए बराबर है। लालू यादव, तेजस्वी यादव और उनका परिवार सोचता है कि वे कानून के ऊपर हैं। लेकिन उनकी सोच गलत है। इस देश का कानून पाप करने वाले और गरीबों का खून चूसने वालों को जरूर सजा देगा। अगर कानून वहां नहीं जाएगा, तो क्या घोटाला और भ्रष्टाचार करने के बाद उन्हें फूलों का गुलदस्ता भेंट किया जाएगा?
दिल्ली की ईडी स्पेशल राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को जिन आरोपियों को तलब किया है, इसमें लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी और तेजप्रताप के अलावा अखिलेश्वर सिंह, हजारी प्रसाद राय, संजय राय, धर्मेंद्र सिंह और किरण देवी शामिल हैं। इन सभी आरोपियों को सात अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है। बताया जा रहा है कि ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट के आधार पर आगे की सुनवाई होगी।
वहीं, रेलवे में नौकरी के लिए जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार (17 सितंबर) को आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के करीबी अमित कत्याल को जमानत दे दी।
आरोप है कि लालू यादव रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के लिए जमीन के मामले में इस घोटाले में शामिल थे। यह कथित घोटाला 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते हुए किया गया था। इसमें कई लोगों को रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप-डी के पदों पर नौकरी दी गई और नौकरी के बदले इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के परिजनों और संबंधित कंपनी एके इंफोसिस्टम के नाम कर दी थी ।
–आईएएनएस
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