छतरपुर, देशबन्धु. छतरपुर ज़िले के बिजावर कस्बे में शनिवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब राजा तालाब की सफाई कर रहे कर्मचारियों को एक बैग में तैरते हुए 400 से 500 असली वोटर आईडी कार्ड मिले। इतनी बड़ी संख्या में असली वोटर कार्ड मिलते ही नगर में सनसनी फैल गई और देखते ही देखते मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। स्थानीय लोग अपने-अपने कार्ड पहचानने लगे और उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर ये असली वोटर आईडी कार्ड तालाब तक कैसे पहुंचे?
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बैग में मिले सभी कार्ड वार्ड नंबर 15 के हैं और ये वही कार्ड हैं जो अभी तक संबंधित नागरिकों को वितरित ही नहीं किए गए थे। हैरानी की बात यह है कि इन कार्डों की हालत देखकर साफ है कि ये नकली नहीं बल्कि पूरी तरह असली हैं। लोग आरोप लगा रहे हैं कि कहीं न कहीं गंभीर लापरवाही हुई है और संभव है कि वोटिंग में धांधली कर अब सबूत मिटाने की कोशिश की गई हो। सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची और सभी कार्डों को जब्त कर लिया। एडीएम एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी मिलिंद नागदेवे ने बताया कि मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है और संबंधित बीएलओ से पूछताछ की जाएगी। जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इधर कांग्रेस ने इस पूरे मामले को बड़ा मुद्दा बनाते हुए सरकार और प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष गगन यादव और कार्यकारी अध्यक्ष दीप्ति पांडे ने कहा कि बिजावर का यह मामला राहुल गांधी की “वोट चोर गद्दी छोड़ो” मुहिम को सही साबित करता है। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो पार्टी आंदोलन करेगी। वहीं, समाजवादी पार्टी ने भी इसे लेकर चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए हैं। प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव ने कहा कि यदि इतने वोटर आईडी कार्ड नागरिकों तक पहुंचे ही नहीं, तो इसका मतलब साफ है कि फर्जी वोटिंग कराई गई होगी और अब सबूत नष्ट किए जा रहे हैं। उन्होंने प्रशासन और आयोग से तुरंत जवाब मांगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
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बिजावर तालाब से बरामद वोटर आईडी कार्डों ने छतरपुर ज़िले की राजनीति में भूचाल ला दिया है। कांग्रेस और सपा इसे लेकर हमलावर हो चुकी हैं और आने वाले दिनों में यह मामला बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। अब सबकी नजर चुनाव आयोग और जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट पर टिकी है।