नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस)। इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान एक ऐसे भारतीय सलामी बल्लेबाज थे, जिन्होंने अपनी दृढ़ता और तकनीक से क्रिकेट जगत में अपनी छाप छोड़ी। वह गेंदबाजों के पसीने छुड़ाने के लिए घंटों क्रीज पर डटे रहते थे।
पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर के साथ भारत की सबसे भरोसेमंद सलामी जोड़ी में से एक रहे। उन्होंने 40 टेस्ट मैचों में 2084 रन बनाए, जिसमें 16 अर्धशतक शामिल हैं, हालांकि वे कभी टेस्ट शतक नहीं बना सके। टेस्ट में उनका उच्चतम स्कोर 97 था।
चौहान की बल्लेबाजी में धैर्य और तकनीक का शानदार मिश्रण था, जो उन्हें तेज गेंदबाजों के खिलाफ मजबूत बनाता था। वे गेंद को छोड़ने और पिच पर टिके रहने की कला में माहिर थे, जिससे गावस्कर जैसे बल्लेबाज को खेलने की स्वतंत्रता मिलती थी। गावस्कर भी इस बात को मानते हैं कि उन्हें चेतन चौहान के तौर पर एक अच्छा पार्टनर मिला था जो मैच की स्थिति को देखते हुए बल्लेबाजी करता था और कमजोर गेंदों पर प्रहार करने से भी नहीं चूकता था।
चेतन चौहान ने क्रिकेट की पिच के अलावा राजनीति की पिच पर भी जादू चलाया।
भारतीय क्रिकेट टीम और राजनीति के बड़े चेहरे रहे चेतन चौहान का जन्म 21 जुलाई 1947 को बरेली में हुआ था। बचपन से क्रिकेट में रुचि रखने वाले चेतन चौहान ने महाराष्ट्र और दिल्ली दोनों टीमों की तरफ से घरेलू क्रिकेट खेला।
25 सितंबर 1969 को उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। उन्हें अपना पहला रन बनाने में 25 मिनट का समय लगा था। चौहान ने गावस्कर के साथ 59 पारियों में सलामी बल्लेबाज के रूप में 3022 रन बनाए थे। इसमें 10 बार शतकीय साझेदारी निभाई। हालांकि, चौहान कभी अपने टेस्ट या ओवरऑल करियर में शतक नहीं लगा सके। 40 टेस्ट में 31.57 की औसत से 16 अर्धशतक लगाते हुए उन्होंने 2084 रन बनाए। उनका श्रेष्ठ स्कोर 97 रन था। इसके अलावा 7 वनडे में 153 रन उनके नाम दर्ज हैं।
1981 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। क्रिकेट में सफल पारी खेलने के बाद चेतन चौहान ने राजनीति का रुख किया।
वह 1991 और 1998 में अमरोहा से सांसद रहे। 2017 में उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीता। उन्हें राज्य का युवा और खेल मंत्री बनाया गया। 16 अगस्त 2020 को उनका निधन हो गया।
–आईएएनएस
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