नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)। शेन वॉर्न ऑस्ट्रेलिया के महान लेग स्पिनर थे, जिन्हें ‘स्पिन का जादूगर’ कहा गया। साल 1992 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू करने वाले वॉर्न ने अपनी गेंदबाजी से बल्लेबाजों को खूब छकाया। वॉर्न ने 708 टेस्ट विकेट चटकाए, जो लंबे समय तक वर्ल्ड रिकॉर्ड रहा। वॉर्न की ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ ने पूरी दुनिया को हैरान किया। आईपीएल में बतौर कप्तान राजस्थान रॉयल्स को पहली ट्रॉफी दिलाने वाले वॉर्न मैदान के बाहर भी अपने व्यक्तित्व के चलते सुर्खियों में रहे।
13 सितंबर 1969 को विक्टोरिया में जन्मे शेन वॉर्न ने लगभग दम तोड़ती लेग स्पिन गेंदबाजी में जान फूंकी। वॉर्न अपनी उंगलियों और कलाई का इस्तेमाल करते हुए गेंद को ज्यादा से ज्यादा टर्न करवाते। इस दौरान उन्हें उछाल भी हासिल होती।
शेन वॉर्न ने जनवरी 1992 में अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला मुकाबला खेला। यह मैच भारत के खिलाफ था, जिसमें वॉर्न सिर्फ एक ही विकेट ले सके। मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त हुआ। दिसंबर 1992 में वॉर्न ने अपना पांचवां टेस्ट खेला, जिसमें आठ शिकार किए। यह मैच वेस्टइंडीज जैसी मजबूत टीम के खिलाफ था।
यहां से वॉर्न ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनकी अचूक सटीकता और विविधता ने उन्हें जादुई प्रदर्शन करने वाला स्पिनर बना दिया था।
जून 1993 में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इंग्लैंड का दौरा किया। एशेज सीरीज का पहला टेस्ट 3 जून से मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर शुरू हो गया था।
ऑस्ट्रेलियाई पारी मुकाबले के दूसरे दिन 289 के स्कोर पर सिमट गई। मैच के दूसरे दिन शेन वॉर्न को गेंदबाजी का मौका मिला, जो अपना 12वां टेस्ट खेल रहे थे।
शेन वॉर्न पहली बार एशिया कप में उतरे थे। उन्होंने दाएं हाथ के बल्लेबाज माइक गेटिंग को लेग ब्रेक गेंद फेंकी। गेंद लेग स्टंप से बहुत बाहर गिरी और इसके बाद टर्न होते हुए सीधे ऑफ स्टंप से टकरा गई।
इससे माइक गेटिंग हैरान थे। मैदानी अंपायर भी समझ नहीं सके कि आखिर यह कैसे हुआ? शेन वॉर्न की इस गेंद को ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ कहा गया।
शेन वॉर्न अपनी बॉडी लैंग्वेज और रणनीति से बल्लेबाजों पर लगातार दबाव डालते थे। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 145 मुकाबले खेले, जिसमें 25.41 की औसत के साथ 708 विकेट निकाले। इस दौरान वॉर्न ने 37 बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट हासिल किए।
शेन वॉर्न टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों में दूसरे स्थान पर हैं। उनसे आगे मुथैया मुरलीधरन का नाम है, जिन्होंने 133 मुकाबलों में 800 विकेट अपने नाम किए। इस स्पिन गेंदबाज ने अपने वनडे करियर में 194 मैच खेले, जिसमें 25.73 की औसत के साथ 293 विकेट हासिल किए।
घरेलू स्तर पर वॉर्न का प्रदर्शन बेहतरीन था। उन्होंने 301 फर्स्ट क्लास मुकाबलों में 1,319 विकेट, जबकि 311 लिस्ट-ए मुकाबलों में 473 विकेट अपने नाम किए। 4 मार्च 2022 को इस दिग्गज गेंदबाज ने 52 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया।
–आईएएनएस
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