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Home अंतरराष्ट्रीय

लेबनान के साथ सीजफायर समझौते का लगातार उल्लंघन कर रहा इजरायल, कम से कम 45 लोगों की मौत

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December 30, 2024
in अंतरराष्ट्रीय
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लेबनान के साथ सीजफायर समझौते का लगातार उल्लंघन कर रहा इजरायल, कम से कम 45 लोगों की मौत
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बेरूत, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। 27 नवंबर से 22 दिसंबर के बीच इजरायल की ओर से किए गए संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन की वजह से कम से कम 45 लोगों की मौत हो गई। लेबनानी सेना के एक सूत्र ने यह जानकारी दी।

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सूत्र के मुताबिक इजरायली सेना ने सीमावर्ती कस्बों से 17 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक सीजफायर उल्लंघन में पूर्वी और दक्षिणी लेबनान पर हवाई हमले, ड्रोन और हवाई जहाज़ की उड़ानें, तोपखाने की गोलाबारी, मशीन गन की गोलीबारी, घुसपैठ, सड़कों और कृषि क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाना, मिट्टी के अवरोध खड़े करना, साथ ही वाहनों को जलाना और कुचलना शामिल हैं।

लेबनानी विदेश मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, 27 नवंबर से 22 दिसंबर के बीच इजरायल ने लेबनान के खिलाफ 816 से अधिक जमीनी और हवाई हमले किए। इसमें सीमावर्ती गांवों पर गोलाबारी, घरों में बम विस्फोट, आवासीय इलाकों को तबाह करना और सड़कों को ब्लॉक करना शामिल है।

इस बीच लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) के मीडिया कार्यालय की उप निदेशक कैंडिस अर्डेल ने रविवार को कहा कि इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने उनके बलों को सूचित किया कि तैबेह के आसपास के क्षेत्र में शांति सैनिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती है, और गश्ती दल को इस क्षेत्र से बचना चाहिए।

अर्डेल ने जोर देकर कहा, “शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम उन्हें गैरजरूरी जोखिम में नहीं डालेंगे।” उन्होंने कहा, “हम आईडीएफ को ‘संकल्प 1701’ के तहत शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, दक्षिणी लेबनान में यूएनआईएफआईएल संचालन क्षेत्र में शांति सैनिकों की आवाजाही की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं।”

अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से 27 नवंबर को युद्ध विराम लागू हुआ, जिसका उद्देश्य इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लगभग 14 महीने से चल रही लड़ाई को रोकना है।

युद्ध विराम समझौते की शर्तों में 60 दिनों के भीतर लेबनानी क्षेत्र से इजरायल की वापसी, लेबनानी सेना को लेबनान-इजरायल सीमा और दक्षिण में तैनात करना शामिल है।

सीजफायर समझौते के बावजूद इजरायली सेना ने लेबनान में हमले जारी रखे हैं, हालांकि उनकी तीव्रता काफी कम हो गई है।

–आईएएनएस

एमके/

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बेरूत, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। 27 नवंबर से 22 दिसंबर के बीच इजरायल की ओर से किए गए संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन की वजह से कम से कम 45 लोगों की मौत हो गई। लेबनानी सेना के एक सूत्र ने यह जानकारी दी।

सूत्र के मुताबिक इजरायली सेना ने सीमावर्ती कस्बों से 17 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक सीजफायर उल्लंघन में पूर्वी और दक्षिणी लेबनान पर हवाई हमले, ड्रोन और हवाई जहाज़ की उड़ानें, तोपखाने की गोलाबारी, मशीन गन की गोलीबारी, घुसपैठ, सड़कों और कृषि क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाना, मिट्टी के अवरोध खड़े करना, साथ ही वाहनों को जलाना और कुचलना शामिल हैं।

लेबनानी विदेश मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, 27 नवंबर से 22 दिसंबर के बीच इजरायल ने लेबनान के खिलाफ 816 से अधिक जमीनी और हवाई हमले किए। इसमें सीमावर्ती गांवों पर गोलाबारी, घरों में बम विस्फोट, आवासीय इलाकों को तबाह करना और सड़कों को ब्लॉक करना शामिल है।

इस बीच लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) के मीडिया कार्यालय की उप निदेशक कैंडिस अर्डेल ने रविवार को कहा कि इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने उनके बलों को सूचित किया कि तैबेह के आसपास के क्षेत्र में शांति सैनिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती है, और गश्ती दल को इस क्षेत्र से बचना चाहिए।

अर्डेल ने जोर देकर कहा, “शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम उन्हें गैरजरूरी जोखिम में नहीं डालेंगे।” उन्होंने कहा, “हम आईडीएफ को ‘संकल्प 1701’ के तहत शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, दक्षिणी लेबनान में यूएनआईएफआईएल संचालन क्षेत्र में शांति सैनिकों की आवाजाही की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं।”

अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से 27 नवंबर को युद्ध विराम लागू हुआ, जिसका उद्देश्य इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लगभग 14 महीने से चल रही लड़ाई को रोकना है।

युद्ध विराम समझौते की शर्तों में 60 दिनों के भीतर लेबनानी क्षेत्र से इजरायल की वापसी, लेबनानी सेना को लेबनान-इजरायल सीमा और दक्षिण में तैनात करना शामिल है।

सीजफायर समझौते के बावजूद इजरायली सेना ने लेबनान में हमले जारी रखे हैं, हालांकि उनकी तीव्रता काफी कम हो गई है।

–आईएएनएस

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बेरूत, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। 27 नवंबर से 22 दिसंबर के बीच इजरायल की ओर से किए गए संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन की वजह से कम से कम 45 लोगों की मौत हो गई। लेबनानी सेना के एक सूत्र ने यह जानकारी दी।

सूत्र के मुताबिक इजरायली सेना ने सीमावर्ती कस्बों से 17 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक सीजफायर उल्लंघन में पूर्वी और दक्षिणी लेबनान पर हवाई हमले, ड्रोन और हवाई जहाज़ की उड़ानें, तोपखाने की गोलाबारी, मशीन गन की गोलीबारी, घुसपैठ, सड़कों और कृषि क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाना, मिट्टी के अवरोध खड़े करना, साथ ही वाहनों को जलाना और कुचलना शामिल हैं।

लेबनानी विदेश मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, 27 नवंबर से 22 दिसंबर के बीच इजरायल ने लेबनान के खिलाफ 816 से अधिक जमीनी और हवाई हमले किए। इसमें सीमावर्ती गांवों पर गोलाबारी, घरों में बम विस्फोट, आवासीय इलाकों को तबाह करना और सड़कों को ब्लॉक करना शामिल है।

इस बीच लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) के मीडिया कार्यालय की उप निदेशक कैंडिस अर्डेल ने रविवार को कहा कि इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने उनके बलों को सूचित किया कि तैबेह के आसपास के क्षेत्र में शांति सैनिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती है, और गश्ती दल को इस क्षेत्र से बचना चाहिए।

अर्डेल ने जोर देकर कहा, “शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम उन्हें गैरजरूरी जोखिम में नहीं डालेंगे।” उन्होंने कहा, “हम आईडीएफ को ‘संकल्प 1701’ के तहत शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, दक्षिणी लेबनान में यूएनआईएफआईएल संचालन क्षेत्र में शांति सैनिकों की आवाजाही की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं।”

अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से 27 नवंबर को युद्ध विराम लागू हुआ, जिसका उद्देश्य इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लगभग 14 महीने से चल रही लड़ाई को रोकना है।

युद्ध विराम समझौते की शर्तों में 60 दिनों के भीतर लेबनानी क्षेत्र से इजरायल की वापसी, लेबनानी सेना को लेबनान-इजरायल सीमा और दक्षिण में तैनात करना शामिल है।

सीजफायर समझौते के बावजूद इजरायली सेना ने लेबनान में हमले जारी रखे हैं, हालांकि उनकी तीव्रता काफी कम हो गई है।

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सूत्र के मुताबिक इजरायली सेना ने सीमावर्ती कस्बों से 17 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक सीजफायर उल्लंघन में पूर्वी और दक्षिणी लेबनान पर हवाई हमले, ड्रोन और हवाई जहाज़ की उड़ानें, तोपखाने की गोलाबारी, मशीन गन की गोलीबारी, घुसपैठ, सड़कों और कृषि क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाना, मिट्टी के अवरोध खड़े करना, साथ ही वाहनों को जलाना और कुचलना शामिल हैं।

लेबनानी विदेश मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, 27 नवंबर से 22 दिसंबर के बीच इजरायल ने लेबनान के खिलाफ 816 से अधिक जमीनी और हवाई हमले किए। इसमें सीमावर्ती गांवों पर गोलाबारी, घरों में बम विस्फोट, आवासीय इलाकों को तबाह करना और सड़कों को ब्लॉक करना शामिल है।

इस बीच लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) के मीडिया कार्यालय की उप निदेशक कैंडिस अर्डेल ने रविवार को कहा कि इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने उनके बलों को सूचित किया कि तैबेह के आसपास के क्षेत्र में शांति सैनिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती है, और गश्ती दल को इस क्षेत्र से बचना चाहिए।

अर्डेल ने जोर देकर कहा, “शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम उन्हें गैरजरूरी जोखिम में नहीं डालेंगे।” उन्होंने कहा, “हम आईडीएफ को ‘संकल्प 1701’ के तहत शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, दक्षिणी लेबनान में यूएनआईएफआईएल संचालन क्षेत्र में शांति सैनिकों की आवाजाही की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं।”

अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से 27 नवंबर को युद्ध विराम लागू हुआ, जिसका उद्देश्य इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लगभग 14 महीने से चल रही लड़ाई को रोकना है।

युद्ध विराम समझौते की शर्तों में 60 दिनों के भीतर लेबनानी क्षेत्र से इजरायल की वापसी, लेबनानी सेना को लेबनान-इजरायल सीमा और दक्षिण में तैनात करना शामिल है।

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सूत्र के मुताबिक इजरायली सेना ने सीमावर्ती कस्बों से 17 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक सीजफायर उल्लंघन में पूर्वी और दक्षिणी लेबनान पर हवाई हमले, ड्रोन और हवाई जहाज़ की उड़ानें, तोपखाने की गोलाबारी, मशीन गन की गोलीबारी, घुसपैठ, सड़कों और कृषि क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाना, मिट्टी के अवरोध खड़े करना, साथ ही वाहनों को जलाना और कुचलना शामिल हैं।

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इस बीच लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) के मीडिया कार्यालय की उप निदेशक कैंडिस अर्डेल ने रविवार को कहा कि इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने उनके बलों को सूचित किया कि तैबेह के आसपास के क्षेत्र में शांति सैनिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती है, और गश्ती दल को इस क्षेत्र से बचना चाहिए।

अर्डेल ने जोर देकर कहा, “शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम उन्हें गैरजरूरी जोखिम में नहीं डालेंगे।” उन्होंने कहा, “हम आईडीएफ को ‘संकल्प 1701’ के तहत शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, दक्षिणी लेबनान में यूएनआईएफआईएल संचालन क्षेत्र में शांति सैनिकों की आवाजाही की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं।”

अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से 27 नवंबर को युद्ध विराम लागू हुआ, जिसका उद्देश्य इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लगभग 14 महीने से चल रही लड़ाई को रोकना है।

युद्ध विराम समझौते की शर्तों में 60 दिनों के भीतर लेबनानी क्षेत्र से इजरायल की वापसी, लेबनानी सेना को लेबनान-इजरायल सीमा और दक्षिण में तैनात करना शामिल है।

सीजफायर समझौते के बावजूद इजरायली सेना ने लेबनान में हमले जारी रखे हैं, हालांकि उनकी तीव्रता काफी कम हो गई है।

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सूत्र के मुताबिक इजरायली सेना ने सीमावर्ती कस्बों से 17 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक सीजफायर उल्लंघन में पूर्वी और दक्षिणी लेबनान पर हवाई हमले, ड्रोन और हवाई जहाज़ की उड़ानें, तोपखाने की गोलाबारी, मशीन गन की गोलीबारी, घुसपैठ, सड़कों और कृषि क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाना, मिट्टी के अवरोध खड़े करना, साथ ही वाहनों को जलाना और कुचलना शामिल हैं।

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इस बीच लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) के मीडिया कार्यालय की उप निदेशक कैंडिस अर्डेल ने रविवार को कहा कि इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने उनके बलों को सूचित किया कि तैबेह के आसपास के क्षेत्र में शांति सैनिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती है, और गश्ती दल को इस क्षेत्र से बचना चाहिए।

अर्डेल ने जोर देकर कहा, “शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम उन्हें गैरजरूरी जोखिम में नहीं डालेंगे।” उन्होंने कहा, “हम आईडीएफ को ‘संकल्प 1701’ के तहत शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, दक्षिणी लेबनान में यूएनआईएफआईएल संचालन क्षेत्र में शांति सैनिकों की आवाजाही की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं।”

अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से 27 नवंबर को युद्ध विराम लागू हुआ, जिसका उद्देश्य इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लगभग 14 महीने से चल रही लड़ाई को रोकना है।

युद्ध विराम समझौते की शर्तों में 60 दिनों के भीतर लेबनानी क्षेत्र से इजरायल की वापसी, लेबनानी सेना को लेबनान-इजरायल सीमा और दक्षिण में तैनात करना शामिल है।

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सूत्र के मुताबिक इजरायली सेना ने सीमावर्ती कस्बों से 17 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक सीजफायर उल्लंघन में पूर्वी और दक्षिणी लेबनान पर हवाई हमले, ड्रोन और हवाई जहाज़ की उड़ानें, तोपखाने की गोलाबारी, मशीन गन की गोलीबारी, घुसपैठ, सड़कों और कृषि क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाना, मिट्टी के अवरोध खड़े करना, साथ ही वाहनों को जलाना और कुचलना शामिल हैं।

लेबनानी विदेश मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, 27 नवंबर से 22 दिसंबर के बीच इजरायल ने लेबनान के खिलाफ 816 से अधिक जमीनी और हवाई हमले किए। इसमें सीमावर्ती गांवों पर गोलाबारी, घरों में बम विस्फोट, आवासीय इलाकों को तबाह करना और सड़कों को ब्लॉक करना शामिल है।

इस बीच लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) के मीडिया कार्यालय की उप निदेशक कैंडिस अर्डेल ने रविवार को कहा कि इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने उनके बलों को सूचित किया कि तैबेह के आसपास के क्षेत्र में शांति सैनिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती है, और गश्ती दल को इस क्षेत्र से बचना चाहिए।

अर्डेल ने जोर देकर कहा, “शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम उन्हें गैरजरूरी जोखिम में नहीं डालेंगे।” उन्होंने कहा, “हम आईडीएफ को ‘संकल्प 1701’ के तहत शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, दक्षिणी लेबनान में यूएनआईएफआईएल संचालन क्षेत्र में शांति सैनिकों की आवाजाही की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं।”

अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से 27 नवंबर को युद्ध विराम लागू हुआ, जिसका उद्देश्य इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लगभग 14 महीने से चल रही लड़ाई को रोकना है।

युद्ध विराम समझौते की शर्तों में 60 दिनों के भीतर लेबनानी क्षेत्र से इजरायल की वापसी, लेबनानी सेना को लेबनान-इजरायल सीमा और दक्षिण में तैनात करना शामिल है।

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सूत्र के मुताबिक इजरायली सेना ने सीमावर्ती कस्बों से 17 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक सीजफायर उल्लंघन में पूर्वी और दक्षिणी लेबनान पर हवाई हमले, ड्रोन और हवाई जहाज़ की उड़ानें, तोपखाने की गोलाबारी, मशीन गन की गोलीबारी, घुसपैठ, सड़कों और कृषि क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाना, मिट्टी के अवरोध खड़े करना, साथ ही वाहनों को जलाना और कुचलना शामिल हैं।

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इस बीच लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) के मीडिया कार्यालय की उप निदेशक कैंडिस अर्डेल ने रविवार को कहा कि इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने उनके बलों को सूचित किया कि तैबेह के आसपास के क्षेत्र में शांति सैनिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती है, और गश्ती दल को इस क्षेत्र से बचना चाहिए।

अर्डेल ने जोर देकर कहा, “शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम उन्हें गैरजरूरी जोखिम में नहीं डालेंगे।” उन्होंने कहा, “हम आईडीएफ को ‘संकल्प 1701’ के तहत शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, दक्षिणी लेबनान में यूएनआईएफआईएल संचालन क्षेत्र में शांति सैनिकों की आवाजाही की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं।”

अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से 27 नवंबर को युद्ध विराम लागू हुआ, जिसका उद्देश्य इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लगभग 14 महीने से चल रही लड़ाई को रोकना है।

युद्ध विराम समझौते की शर्तों में 60 दिनों के भीतर लेबनानी क्षेत्र से इजरायल की वापसी, लेबनानी सेना को लेबनान-इजरायल सीमा और दक्षिण में तैनात करना शामिल है।

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सूत्र के मुताबिक इजरायली सेना ने सीमावर्ती कस्बों से 17 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक सीजफायर उल्लंघन में पूर्वी और दक्षिणी लेबनान पर हवाई हमले, ड्रोन और हवाई जहाज़ की उड़ानें, तोपखाने की गोलाबारी, मशीन गन की गोलीबारी, घुसपैठ, सड़कों और कृषि क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाना, मिट्टी के अवरोध खड़े करना, साथ ही वाहनों को जलाना और कुचलना शामिल हैं।

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युद्ध विराम समझौते की शर्तों में 60 दिनों के भीतर लेबनानी क्षेत्र से इजरायल की वापसी, लेबनानी सेना को लेबनान-इजरायल सीमा और दक्षिण में तैनात करना शामिल है।

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बेरूत, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। 27 नवंबर से 22 दिसंबर के बीच इजरायल की ओर से किए गए संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन की वजह से कम से कम 45 लोगों की मौत हो गई। लेबनानी सेना के एक सूत्र ने यह जानकारी दी।

सूत्र के मुताबिक इजरायली सेना ने सीमावर्ती कस्बों से 17 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक सीजफायर उल्लंघन में पूर्वी और दक्षिणी लेबनान पर हवाई हमले, ड्रोन और हवाई जहाज़ की उड़ानें, तोपखाने की गोलाबारी, मशीन गन की गोलीबारी, घुसपैठ, सड़कों और कृषि क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाना, मिट्टी के अवरोध खड़े करना, साथ ही वाहनों को जलाना और कुचलना शामिल हैं।

लेबनानी विदेश मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, 27 नवंबर से 22 दिसंबर के बीच इजरायल ने लेबनान के खिलाफ 816 से अधिक जमीनी और हवाई हमले किए। इसमें सीमावर्ती गांवों पर गोलाबारी, घरों में बम विस्फोट, आवासीय इलाकों को तबाह करना और सड़कों को ब्लॉक करना शामिल है।

इस बीच लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) के मीडिया कार्यालय की उप निदेशक कैंडिस अर्डेल ने रविवार को कहा कि इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने उनके बलों को सूचित किया कि तैबेह के आसपास के क्षेत्र में शांति सैनिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती है, और गश्ती दल को इस क्षेत्र से बचना चाहिए।

अर्डेल ने जोर देकर कहा, “शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम उन्हें गैरजरूरी जोखिम में नहीं डालेंगे।” उन्होंने कहा, “हम आईडीएफ को ‘संकल्प 1701’ के तहत शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, दक्षिणी लेबनान में यूएनआईएफआईएल संचालन क्षेत्र में शांति सैनिकों की आवाजाही की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं।”

अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से 27 नवंबर को युद्ध विराम लागू हुआ, जिसका उद्देश्य इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लगभग 14 महीने से चल रही लड़ाई को रोकना है।

युद्ध विराम समझौते की शर्तों में 60 दिनों के भीतर लेबनानी क्षेत्र से इजरायल की वापसी, लेबनानी सेना को लेबनान-इजरायल सीमा और दक्षिण में तैनात करना शामिल है।

सीजफायर समझौते के बावजूद इजरायली सेना ने लेबनान में हमले जारी रखे हैं, हालांकि उनकी तीव्रता काफी कम हो गई है।

–आईएएनएस

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बेरूत, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। 27 नवंबर से 22 दिसंबर के बीच इजरायल की ओर से किए गए संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन की वजह से कम से कम 45 लोगों की मौत हो गई। लेबनानी सेना के एक सूत्र ने यह जानकारी दी।

सूत्र के मुताबिक इजरायली सेना ने सीमावर्ती कस्बों से 17 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक सीजफायर उल्लंघन में पूर्वी और दक्षिणी लेबनान पर हवाई हमले, ड्रोन और हवाई जहाज़ की उड़ानें, तोपखाने की गोलाबारी, मशीन गन की गोलीबारी, घुसपैठ, सड़कों और कृषि क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाना, मिट्टी के अवरोध खड़े करना, साथ ही वाहनों को जलाना और कुचलना शामिल हैं।

लेबनानी विदेश मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, 27 नवंबर से 22 दिसंबर के बीच इजरायल ने लेबनान के खिलाफ 816 से अधिक जमीनी और हवाई हमले किए। इसमें सीमावर्ती गांवों पर गोलाबारी, घरों में बम विस्फोट, आवासीय इलाकों को तबाह करना और सड़कों को ब्लॉक करना शामिल है।

इस बीच लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) के मीडिया कार्यालय की उप निदेशक कैंडिस अर्डेल ने रविवार को कहा कि इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने उनके बलों को सूचित किया कि तैबेह के आसपास के क्षेत्र में शांति सैनिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती है, और गश्ती दल को इस क्षेत्र से बचना चाहिए।

अर्डेल ने जोर देकर कहा, “शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम उन्हें गैरजरूरी जोखिम में नहीं डालेंगे।” उन्होंने कहा, “हम आईडीएफ को ‘संकल्प 1701’ के तहत शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, दक्षिणी लेबनान में यूएनआईएफआईएल संचालन क्षेत्र में शांति सैनिकों की आवाजाही की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं।”

अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से 27 नवंबर को युद्ध विराम लागू हुआ, जिसका उद्देश्य इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लगभग 14 महीने से चल रही लड़ाई को रोकना है।

युद्ध विराम समझौते की शर्तों में 60 दिनों के भीतर लेबनानी क्षेत्र से इजरायल की वापसी, लेबनानी सेना को लेबनान-इजरायल सीमा और दक्षिण में तैनात करना शामिल है।

सीजफायर समझौते के बावजूद इजरायली सेना ने लेबनान में हमले जारी रखे हैं, हालांकि उनकी तीव्रता काफी कम हो गई है।

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सूत्र के मुताबिक इजरायली सेना ने सीमावर्ती कस्बों से 17 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक सीजफायर उल्लंघन में पूर्वी और दक्षिणी लेबनान पर हवाई हमले, ड्रोन और हवाई जहाज़ की उड़ानें, तोपखाने की गोलाबारी, मशीन गन की गोलीबारी, घुसपैठ, सड़कों और कृषि क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाना, मिट्टी के अवरोध खड़े करना, साथ ही वाहनों को जलाना और कुचलना शामिल हैं।

लेबनानी विदेश मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, 27 नवंबर से 22 दिसंबर के बीच इजरायल ने लेबनान के खिलाफ 816 से अधिक जमीनी और हवाई हमले किए। इसमें सीमावर्ती गांवों पर गोलाबारी, घरों में बम विस्फोट, आवासीय इलाकों को तबाह करना और सड़कों को ब्लॉक करना शामिल है।

इस बीच लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) के मीडिया कार्यालय की उप निदेशक कैंडिस अर्डेल ने रविवार को कहा कि इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने उनके बलों को सूचित किया कि तैबेह के आसपास के क्षेत्र में शांति सैनिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती है, और गश्ती दल को इस क्षेत्र से बचना चाहिए।

अर्डेल ने जोर देकर कहा, “शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम उन्हें गैरजरूरी जोखिम में नहीं डालेंगे।” उन्होंने कहा, “हम आईडीएफ को ‘संकल्प 1701’ के तहत शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, दक्षिणी लेबनान में यूएनआईएफआईएल संचालन क्षेत्र में शांति सैनिकों की आवाजाही की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं।”

अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से 27 नवंबर को युद्ध विराम लागू हुआ, जिसका उद्देश्य इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लगभग 14 महीने से चल रही लड़ाई को रोकना है।

युद्ध विराम समझौते की शर्तों में 60 दिनों के भीतर लेबनानी क्षेत्र से इजरायल की वापसी, लेबनानी सेना को लेबनान-इजरायल सीमा और दक्षिण में तैनात करना शामिल है।

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सूत्र के मुताबिक इजरायली सेना ने सीमावर्ती कस्बों से 17 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक सीजफायर उल्लंघन में पूर्वी और दक्षिणी लेबनान पर हवाई हमले, ड्रोन और हवाई जहाज़ की उड़ानें, तोपखाने की गोलाबारी, मशीन गन की गोलीबारी, घुसपैठ, सड़कों और कृषि क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाना, मिट्टी के अवरोध खड़े करना, साथ ही वाहनों को जलाना और कुचलना शामिल हैं।

लेबनानी विदेश मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, 27 नवंबर से 22 दिसंबर के बीच इजरायल ने लेबनान के खिलाफ 816 से अधिक जमीनी और हवाई हमले किए। इसमें सीमावर्ती गांवों पर गोलाबारी, घरों में बम विस्फोट, आवासीय इलाकों को तबाह करना और सड़कों को ब्लॉक करना शामिल है।

इस बीच लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) के मीडिया कार्यालय की उप निदेशक कैंडिस अर्डेल ने रविवार को कहा कि इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने उनके बलों को सूचित किया कि तैबेह के आसपास के क्षेत्र में शांति सैनिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती है, और गश्ती दल को इस क्षेत्र से बचना चाहिए।

अर्डेल ने जोर देकर कहा, “शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम उन्हें गैरजरूरी जोखिम में नहीं डालेंगे।” उन्होंने कहा, “हम आईडीएफ को ‘संकल्प 1701’ के तहत शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, दक्षिणी लेबनान में यूएनआईएफआईएल संचालन क्षेत्र में शांति सैनिकों की आवाजाही की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं।”

अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से 27 नवंबर को युद्ध विराम लागू हुआ, जिसका उद्देश्य इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लगभग 14 महीने से चल रही लड़ाई को रोकना है।

युद्ध विराम समझौते की शर्तों में 60 दिनों के भीतर लेबनानी क्षेत्र से इजरायल की वापसी, लेबनानी सेना को लेबनान-इजरायल सीमा और दक्षिण में तैनात करना शामिल है।

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सूत्र के मुताबिक इजरायली सेना ने सीमावर्ती कस्बों से 17 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक सीजफायर उल्लंघन में पूर्वी और दक्षिणी लेबनान पर हवाई हमले, ड्रोन और हवाई जहाज़ की उड़ानें, तोपखाने की गोलाबारी, मशीन गन की गोलीबारी, घुसपैठ, सड़कों और कृषि क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाना, मिट्टी के अवरोध खड़े करना, साथ ही वाहनों को जलाना और कुचलना शामिल हैं।

लेबनानी विदेश मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, 27 नवंबर से 22 दिसंबर के बीच इजरायल ने लेबनान के खिलाफ 816 से अधिक जमीनी और हवाई हमले किए। इसमें सीमावर्ती गांवों पर गोलाबारी, घरों में बम विस्फोट, आवासीय इलाकों को तबाह करना और सड़कों को ब्लॉक करना शामिल है।

इस बीच लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) के मीडिया कार्यालय की उप निदेशक कैंडिस अर्डेल ने रविवार को कहा कि इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने उनके बलों को सूचित किया कि तैबेह के आसपास के क्षेत्र में शांति सैनिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती है, और गश्ती दल को इस क्षेत्र से बचना चाहिए।

अर्डेल ने जोर देकर कहा, “शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम उन्हें गैरजरूरी जोखिम में नहीं डालेंगे।” उन्होंने कहा, “हम आईडीएफ को ‘संकल्प 1701’ के तहत शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, दक्षिणी लेबनान में यूएनआईएफआईएल संचालन क्षेत्र में शांति सैनिकों की आवाजाही की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं।”

अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से 27 नवंबर को युद्ध विराम लागू हुआ, जिसका उद्देश्य इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लगभग 14 महीने से चल रही लड़ाई को रोकना है।

युद्ध विराम समझौते की शर्तों में 60 दिनों के भीतर लेबनानी क्षेत्र से इजरायल की वापसी, लेबनानी सेना को लेबनान-इजरायल सीमा और दक्षिण में तैनात करना शामिल है।

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सूत्र के मुताबिक इजरायली सेना ने सीमावर्ती कस्बों से 17 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक सीजफायर उल्लंघन में पूर्वी और दक्षिणी लेबनान पर हवाई हमले, ड्रोन और हवाई जहाज़ की उड़ानें, तोपखाने की गोलाबारी, मशीन गन की गोलीबारी, घुसपैठ, सड़कों और कृषि क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाना, मिट्टी के अवरोध खड़े करना, साथ ही वाहनों को जलाना और कुचलना शामिल हैं।

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इस बीच लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) के मीडिया कार्यालय की उप निदेशक कैंडिस अर्डेल ने रविवार को कहा कि इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने उनके बलों को सूचित किया कि तैबेह के आसपास के क्षेत्र में शांति सैनिकों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती है, और गश्ती दल को इस क्षेत्र से बचना चाहिए।

अर्डेल ने जोर देकर कहा, “शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम उन्हें गैरजरूरी जोखिम में नहीं डालेंगे।” उन्होंने कहा, “हम आईडीएफ को ‘संकल्प 1701’ के तहत शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, दक्षिणी लेबनान में यूएनआईएफआईएल संचालन क्षेत्र में शांति सैनिकों की आवाजाही की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं।”

अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से 27 नवंबर को युद्ध विराम लागू हुआ, जिसका उद्देश्य इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लगभग 14 महीने से चल रही लड़ाई को रोकना है।

युद्ध विराम समझौते की शर्तों में 60 दिनों के भीतर लेबनानी क्षेत्र से इजरायल की वापसी, लेबनानी सेना को लेबनान-इजरायल सीमा और दक्षिण में तैनात करना शामिल है।

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सूत्र के मुताबिक इजरायली सेना ने सीमावर्ती कस्बों से 17 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक सीजफायर उल्लंघन में पूर्वी और दक्षिणी लेबनान पर हवाई हमले, ड्रोन और हवाई जहाज़ की उड़ानें, तोपखाने की गोलाबारी, मशीन गन की गोलीबारी, घुसपैठ, सड़कों और कृषि क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाना, मिट्टी के अवरोध खड़े करना, साथ ही वाहनों को जलाना और कुचलना शामिल हैं।

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अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से 27 नवंबर को युद्ध विराम लागू हुआ, जिसका उद्देश्य इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लगभग 14 महीने से चल रही लड़ाई को रोकना है।

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