भोपाल, 6 सितंबर (आईएएनएस)। हाल ही में स्वच्छ भारत मिशन पर एक अध्ययन में पाया गया है कि इसकी मदद से शिशु मृत्यु दर में कमी आई है। इसे लेकर मध्य प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष वी.डी. शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घर-घर स्वच्छता पहुंचाई है जिससे बीमारियां कम हुई हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह शोध वैज्ञानिक है। यह प्रधानमंत्री का संकल्प था और देश के लोगों ने स्वच्छ भारत को अपने आचरण में उतारा, जिसका परिणाम यह हुआ कि बीमारियां कम हुईं, लोग स्वस्थ हुए। उन्होंने कहा, “60-70 हजार तो एक आंकड़ा है। ऐसे बहुत से लोग हैं जो इस श्रेणी में नहीं आते लेकिन लाखों लोगों को इसका लाभ हुआ है। हमें लगता है कि पीएम मोदी ने जो स्वच्छता घर-घर पहुंचाई है, उसके कारण लोगों को अनेक प्रकार की बीमारियों से, अनेक प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिली है।”
स्वच्छ भारत मिशन 2 अक्टूबर 2014 को गांधी जयंती के अवसर पर शुरू किया गया था। पीएम मोदी ने गुरुवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट कर लिखा, “स्वच्छ भारत मिशन जैसे प्रयासों के प्रभाव को उजागर करने वाले शोध को देखकर खुशी हुई। उचित शौचालयों तक पहुंच शिशु और बाल मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।”
नेचर पत्रिका ने 2 सितंबर को प्रकाशित एक शोध में बताया, “जल और स्वच्छता की स्थिति में सुधार से शिशु मृत्यु दर में कमी आ सकती है, खास तौर पर भारत जैसे देशों में जहां खुले में शौच बहुत प्रचलित है। हमने 2014 में शुरू किये गये स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) – एक राष्ट्रीय स्वच्छता कार्यक्रम – और भारत में शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) और पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (यू5एमआर) के बीच संबंध की जांच करने के लिए एक अर्ध-प्रायोगिक अध्ययन किया। हमने 10 साल में (2011-2020) के 35 भारतीय राज्यों और 640 जिलों के आंकड़ों का विश्लेषण किया।”
पत्रिका ने आगे बताया कि भारत सरकार ने 2014 से 2020 तक 10 करोड़ से अधिक घरेलू शौचालयों का निर्माण किया। इसके परिणामस्वरूप छह लाख से अधिक गांवों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिन जिलों में 30 प्रतिशत से ज़्यादा शौचालय बनाए गए, वहां शिशु मृत्यु दर में 5.3 प्रतिशत की कमी आई। पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 6.8 प्रतिशत कम हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वच्छ भारत मिशन के बाद देश में शिशु और बाल मृत्यु दर में मिशन से पहले के वर्षों के मुकाबले तेजी से गिरावट देखी गई।
–आईएएनएस
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