नई दिल्ली, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय क्रिकेटर स्मृति मंधाना ने अपनी क्रिकेट जर्नी और क्रिकेटर बनने में आने वाली चुनौतियों के बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने कहा, “लोग मेरे माता-पिता को यह कहकर ताना मारते थे कि कोई मुझसे शादी नहीं करेगा।”
स्मृति घरेलू क्रिकेट में महाराष्ट्र क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व करती हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने उन्हें बीसीसीआई पुरस्कारों में ‘सर्वश्रेष्ठ महिला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर’ से भी सम्मानित किया है।
27 वर्षीय स्मृति मंधाना, क्रिकेट सेंसेशन ईशान किशन के साथ क्विज बेस्ड रियलिटी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति 15’ में दिखाई दी।
गेमप्ले के दौरान, होस्ट अमिताभ बच्चन ने स्मृति से पूछा, “मिस्टर कंप्यूटर कहते हैं कि आप एक ऐसे परिवार से हैं, जिसका क्रिकेट से जुड़ाव है। आप खेल में अपनी यात्रा का वर्णन कैसे करेंगी?”
स्मृति ने कहा, “हां, सर। मेरे पिता और भाई दोनों बचपन से ही क्रिकेट में थे। यह पिताजी का सपना था… उनके परिवार ने उन्हें खेल को आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं दी। वह चाहते थे कि उनके दोनों बच्चे क्रिकेट खेलें और उनमें से कम से कम एक भारत का प्रतिनिधित्व करे।”
स्मृति के पिता श्रीनिवास मंधाना और उनके भाई श्रवण ने सांगली के लिए जिला स्तर पर क्रिकेट खेला।
उन्होंने बताया कि बचपन से उन्होंने क्रिकेट के बारे में ही सुना है।
स्मृति ने कहा, ”मुझे लगता है जब मैं अपनी मां के गर्भ में थी, मैं तब से प्रैक्टिस करती था, ज्यादातर अपने भाई के लिए गेंद लाती थी। मैंने नेट्स के पीछे से उन्हें देखकर बल्लेबाजी करना सीखा। असल में, मैं राइट से खेलती हूं, लेकिन मेरा भाई लेफ्टी था, मैंने उससे बाएं हाथ से बल्लेबाजी सीखी। मैं नेट के पीछे खड़ी होकर उसे देखती रहती थी। मुझे लगता है कि इसी तरह मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया।”
‘ब्रह्मास्त्र’ फेम अभिनेता ने कहा कि दाएं और बाएं हाथ का संयोजन प्रचलित है।
ईशान ने अमिताभ को जवाब दिया और कहा: “सर, आप अपने बाएं हाथ से लिखते हैं…”, जिस पर 81 वर्षीय अभिनेता ने कहा: “मैं लेफ्टी हूं। लेकिन मेरा दिमाग अलग तरह से काम करता है। इसलिए, मैं दोनों हाथों का उपयोग कर सकता हूं।”
ईशान ने कहा, “सर, मैंने बाएं हाथ से लिखने की कोशिश की। जब मैंने आपको और सचिन सर को देखा तो मुझे लगा कि सभी महान लोग बाएं हाथ से लिखते हैं।”
इसके बाद बिग बी ने स्मृति से पूछा, “आपको खेल को लेकर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा होगा। आपने उनसे कैसे पार पाया? वे किस तरह की चुनौतियां थीं?”
स्मृति ने कहा: “सर, जब मैंने महिला क्रिकेट खेलना शुरू किया, तो मुझे ज्यादातर लड़कों के साथ प्रैक्टिस करना पड़ती थी, क्योंकि तब ज्यादातर लड़कियां क्रिकेट नहीं खेलती थीं। तो, मुझे लगता है… मैं इसका श्रेय अपने माता-पिता को देना चाहती हूं। उन्होंने इनमें से कुछ भी मुझ तक नहीं पहुंचने दिया। उन्होंने मुझे पूरी आजादी दी।”
सिने आइकन ने उनके माता-पिता की सराहना की और कहा: “वाह! यह बहुत अच्छा है। आप दोनों को बधाई। ये आधुनिक विचार हैं। महिलाएं अपने पुरुष समकक्षों के समान ही प्रमुखता और अवसरों की हकदार हैं।”
इसके बाद स्मृति ने कहा, ”मेरे माता-पिता को लोग ताना मारते थे- ‘अगर वह काली पड़ गई तो कोई उससे शादी नहीं करेगा।’ लेकिन सबसे अच्छी बात यह थी कि उन्होंने मुझे कभी भी इसका खामियाजा नहीं भुगतने दिया। उन्होंने मुझे खेलने की इजाजत दी।”
अमिताभ ने अंत में कहा, “यह बहुत अद्भुत है।”
–आईएएनएस
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