नई दिल्ली, 14 दिसंबर (आईएएनएस). ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर केंद्र सरकार लोकसभा में बिल पेश करने जा रही है. इस बिल को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है. सत्ता पक्ष जहां इस बिल के समर्थन में है तो वहीं विपक्ष लगातार इस बिल पर आपत्ति जता रही है. सांसद पप्पू यादव ने ईवीएम और ‘वन नेशन वन जस्टिस’ की मांग उठाई है.
शनिवार को ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने आईएएनएस से बात की. उन्होंने कहा, “वन नेशन वन इलेक्शन का कोई मतलब नहीं है.“ सरकार इस बिल से पहले ईवीएम और बैलेट पेपर पर बात करे. चुनाव जो महंगा हो रहा है. 300 से 400 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. देश के लोगों के टैक्स का पैसा चोरी कर चुनाव में लगाया जा रहा है. चुनाव के मार्केटिंग की जा रही है.
टैक्स के पैसे से विज्ञापन दिए जा रहे हैं. टैक्स के पैसे से जो खैरात बांटी जा रही है उसे रोका जाना चाहिए. सरकार को ‘वन नेशन वन हेल्थ’, वन नेशन वन एजुकेशन’, ‘वन नेशन वन जस्टिस’ की बात करनी चाहिए. सरकार को आजादी और मौलिक अधिकारों की बात करनी चाहिए. लोगों को रोजगार नहीं मिला है उसकी बात करे.
पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने कहा, “संविधान पर बोलने का हक सबको है, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री हैं. जब एक उंगली दुनिया की तरफ उठती है, तो तीन उंगलियां खुद की तरफ उठनी चाहिए और मैंने अभी कहा कि जो लोग गुल्लक बेचने में शामिल थे, ईडी ने उनके माता-पिता को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया है.”
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ एनडीए के सांसदों ने भी प्रतिक्रिया दी.
एनडीए सांसदों ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को देश के लिए जरूरी बताया है.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर कहा, “विपक्ष को चाहिए कि इस पर चर्चा हो.“
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा, ” ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. अब आगे का काम इससे संबंधित मंत्रालय करेंगे. विपक्ष को सदन में अच्छी चर्चा करनी चाहिए.”
जनता दल (यूनाइटेड) से सांसद संजय झा ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को स्वागत योग्य कदम बताया.
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के बारे में कहा, ” ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ भारतीय जनता पार्टी की जुगाड़ योजना है.”
–आईएएनएस
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