पन्ना. दक्षिण पन्ना वन मण्डल द्वारा गोबर हस्तशिल्प कार्यशाला का तीन दिवसीय प्रशिक्षण पवई में किया गया. प्रशिक्षण वन विभाग के ग्रीन इण्डिया मिशन अंतर्गत स्थानीय जीविकोपार्जन विकास के लिये आयोजित किया गया. कार्यशाला में गौशालाओं को आर्थिक रूप से सुदृढ़, सशक्त और स्वावलम्बी बनाने की दिशा में एक विशेष पहल की गयी.
पवई परिक्षेत्र के अंतर्गत विद्यासागर गौवंश समिति की गौशाला में कार्यशाला आयोजित की गयी. इसमें पवई और मोहन्द्रा क्षेत्र के लगभग 50 प्रतिभागियों ने भाग लिया.
कार्यशाला में ग्रामीणों को गोबर से बनाये जाने वाले विभिन्न हस्तशिल्प उत्पादों के बारे में सिखाने के लिये वन विभाग ने स्वानंद गौ विज्ञान के संस्थापक जितेन्द्र भकने को आमंत्रित किया था. ग्रामीणों को उत्पादों की मार्केटिंग पर मार्गदर्शन देने के लिये गौ इरा स्टार्टअप की फाउण्डर कृति अग्रवाल भी उपस्थित थीं.
प्रतिभागियों ने कार्यशाला में गोबर से दीपक, श्रीगणेश, आदि योगी एवं भगवान बुद्ध की मूर्तियाँ, माता लक्ष्मी के चरण, मोबाइल होल्डर और साज सज्जा की कई आकर्षक वस्तुएँ बनाना सीखा. पवई उप वनमण्डल अधिकारी कल्पना तिवारी एवं वन परिक्षेत्र अधिकारी नीतेश पटेल ने कार्यशाला का पर्यवेक्षण एवं प्रबंधन किया.
कार्यशाला के सफल आयोजन में डिप्टी रेंजर बी.के. खरे, वनरक्षक दिनेश राठौर, जय प्रकाश, नारायण दुबे और मनीष वर्मा का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा. गोबर हस्तशिल्प उत्पादन प्रशिक्षण की द्वितीय तीन दिवसीय कार्यशाला 13 से 15 दिसम्बर तक आयोजित की जायेगी.