नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023 पर अंग्रेजी या हिंदी में सुझाव आमंत्रित करने वाली केंद्र की प्रेस विज्ञप्ति पर रोक लगा दी गई थी।
केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि सोमवार तक लोकसभा सचिवालय विधेयक के तमिल संस्करण को प्रकाशित करेगा। मेहता ने कहा कि वह मामले में याचिकाकर्ता की आपत्तियों को दूर करेगा और कहा कि उच्च न्यायालय को विधायी प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए था।
पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति पंकज मिथल भी शामिल हैं, ने कहा, उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगेगी। नोटिस जारी करें।
उच्च न्यायालय ने 24 मई को अधिवक्ता जी. थीरन थिरुमुरुगन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रेस विज्ञप्ति और आगे की सभी कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया था। याचिकाकर्ता ने केंद्र को विधेयक की एक तमिल प्रति वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश देने की मांग की थी, जिससे तमिल सहित स्थानीय भाषाओं में सुझाव प्राप्त किए जा सकेंगे।
–आईएएनएस
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