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Home राष्ट्रीय

वर्तमान दौर में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता बढ़ी : राज्यपाल

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October 17, 2024
in राष्ट्रीय
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वर्तमान दौर में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता बढ़ी : राज्यपाल
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भोपाल, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि वर्तमान दौर में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है।

भोपाल स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित अखिल भारतीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक, शैक्षिक स्पर्धा, युवा महोत्सव 2024 के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल पटेल ने कहा कि आधुनिक मानव जीवन से जुड़े क्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी जीवन आदि कई विषयों में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता आज बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा, जिसमें संस्कृत के ज्ञान को आधुनिक और शोध परक दृष्टि से देखा जाए और ज्ञान के नए स्वरूप को प्रकाशित किए जाए। समय की आवश्यकता है कि हमारे पास ऐसे युवा हो, जिनमें संस्कृत के साथ कम्प्यूटर कोडिंग की तकनीक और अनुसंधान का सामर्थ्य हो।

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राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत निर्माण प्रयासों के लिए जड़ों से जुड़ें वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम युवाओं का निर्माण समय की जरूरत है। विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा की भारतीय ज्ञान परम्परा को भविष्य की दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय से भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की जिम्मेदारी लेना होगी।

उन्होंने आगे कहा, विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को संस्कृत के अध्ययन और अनुसंधान के द्वारा राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान खोजने के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। छात्रों के समग्र, सर्वांगीण विकास में ऐसे शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल स्पर्धाओं के आयोजन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते हैं।

उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाने और अखिल भारतीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की सराहना की है।

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर मदन मोहन झा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण दिया। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडेय ने विश्वविद्यालय के बारे में बताया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने भगवती सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन कर पूजन किया। परिसर के छात्रों ने वैदिक मंगलाचरण एवं नाट्य अनुसंधान विभाग के छात्रों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

–आईएएनएस

एसएनपी/एबीएम

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भोपाल, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि वर्तमान दौर में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है।

भोपाल स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित अखिल भारतीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक, शैक्षिक स्पर्धा, युवा महोत्सव 2024 के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल पटेल ने कहा कि आधुनिक मानव जीवन से जुड़े क्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी जीवन आदि कई विषयों में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता आज बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा, जिसमें संस्कृत के ज्ञान को आधुनिक और शोध परक दृष्टि से देखा जाए और ज्ञान के नए स्वरूप को प्रकाशित किए जाए। समय की आवश्यकता है कि हमारे पास ऐसे युवा हो, जिनमें संस्कृत के साथ कम्प्यूटर कोडिंग की तकनीक और अनुसंधान का सामर्थ्य हो।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत निर्माण प्रयासों के लिए जड़ों से जुड़ें वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम युवाओं का निर्माण समय की जरूरत है। विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा की भारतीय ज्ञान परम्परा को भविष्य की दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय से भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की जिम्मेदारी लेना होगी।

उन्होंने आगे कहा, विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को संस्कृत के अध्ययन और अनुसंधान के द्वारा राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान खोजने के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। छात्रों के समग्र, सर्वांगीण विकास में ऐसे शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल स्पर्धाओं के आयोजन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते हैं।

उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाने और अखिल भारतीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की सराहना की है।

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर मदन मोहन झा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण दिया। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडेय ने विश्वविद्यालय के बारे में बताया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने भगवती सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन कर पूजन किया। परिसर के छात्रों ने वैदिक मंगलाचरण एवं नाट्य अनुसंधान विभाग के छात्रों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

–आईएएनएस

एसएनपी/एबीएम

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भोपाल, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि वर्तमान दौर में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है।

भोपाल स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित अखिल भारतीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक, शैक्षिक स्पर्धा, युवा महोत्सव 2024 के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल पटेल ने कहा कि आधुनिक मानव जीवन से जुड़े क्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी जीवन आदि कई विषयों में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता आज बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा, जिसमें संस्कृत के ज्ञान को आधुनिक और शोध परक दृष्टि से देखा जाए और ज्ञान के नए स्वरूप को प्रकाशित किए जाए। समय की आवश्यकता है कि हमारे पास ऐसे युवा हो, जिनमें संस्कृत के साथ कम्प्यूटर कोडिंग की तकनीक और अनुसंधान का सामर्थ्य हो।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत निर्माण प्रयासों के लिए जड़ों से जुड़ें वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम युवाओं का निर्माण समय की जरूरत है। विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा की भारतीय ज्ञान परम्परा को भविष्य की दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय से भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की जिम्मेदारी लेना होगी।

उन्होंने आगे कहा, विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को संस्कृत के अध्ययन और अनुसंधान के द्वारा राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान खोजने के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। छात्रों के समग्र, सर्वांगीण विकास में ऐसे शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल स्पर्धाओं के आयोजन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते हैं।

उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाने और अखिल भारतीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की सराहना की है।

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर मदन मोहन झा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण दिया। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडेय ने विश्वविद्यालय के बारे में बताया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने भगवती सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन कर पूजन किया। परिसर के छात्रों ने वैदिक मंगलाचरण एवं नाट्य अनुसंधान विभाग के छात्रों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

–आईएएनएस

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भोपाल, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि वर्तमान दौर में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है।

भोपाल स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित अखिल भारतीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक, शैक्षिक स्पर्धा, युवा महोत्सव 2024 के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल पटेल ने कहा कि आधुनिक मानव जीवन से जुड़े क्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी जीवन आदि कई विषयों में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता आज बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा, जिसमें संस्कृत के ज्ञान को आधुनिक और शोध परक दृष्टि से देखा जाए और ज्ञान के नए स्वरूप को प्रकाशित किए जाए। समय की आवश्यकता है कि हमारे पास ऐसे युवा हो, जिनमें संस्कृत के साथ कम्प्यूटर कोडिंग की तकनीक और अनुसंधान का सामर्थ्य हो।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत निर्माण प्रयासों के लिए जड़ों से जुड़ें वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम युवाओं का निर्माण समय की जरूरत है। विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा की भारतीय ज्ञान परम्परा को भविष्य की दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय से भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की जिम्मेदारी लेना होगी।

उन्होंने आगे कहा, विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को संस्कृत के अध्ययन और अनुसंधान के द्वारा राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान खोजने के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। छात्रों के समग्र, सर्वांगीण विकास में ऐसे शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल स्पर्धाओं के आयोजन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते हैं।

उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाने और अखिल भारतीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की सराहना की है।

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर मदन मोहन झा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण दिया। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडेय ने विश्वविद्यालय के बारे में बताया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने भगवती सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन कर पूजन किया। परिसर के छात्रों ने वैदिक मंगलाचरण एवं नाट्य अनुसंधान विभाग के छात्रों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

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भोपाल, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि वर्तमान दौर में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है।

भोपाल स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित अखिल भारतीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक, शैक्षिक स्पर्धा, युवा महोत्सव 2024 के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल पटेल ने कहा कि आधुनिक मानव जीवन से जुड़े क्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी जीवन आदि कई विषयों में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता आज बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा, जिसमें संस्कृत के ज्ञान को आधुनिक और शोध परक दृष्टि से देखा जाए और ज्ञान के नए स्वरूप को प्रकाशित किए जाए। समय की आवश्यकता है कि हमारे पास ऐसे युवा हो, जिनमें संस्कृत के साथ कम्प्यूटर कोडिंग की तकनीक और अनुसंधान का सामर्थ्य हो।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत निर्माण प्रयासों के लिए जड़ों से जुड़ें वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम युवाओं का निर्माण समय की जरूरत है। विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा की भारतीय ज्ञान परम्परा को भविष्य की दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय से भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की जिम्मेदारी लेना होगी।

उन्होंने आगे कहा, विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को संस्कृत के अध्ययन और अनुसंधान के द्वारा राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान खोजने के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। छात्रों के समग्र, सर्वांगीण विकास में ऐसे शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल स्पर्धाओं के आयोजन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते हैं।

उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाने और अखिल भारतीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की सराहना की है।

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर मदन मोहन झा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण दिया। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडेय ने विश्वविद्यालय के बारे में बताया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने भगवती सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन कर पूजन किया। परिसर के छात्रों ने वैदिक मंगलाचरण एवं नाट्य अनुसंधान विभाग के छात्रों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

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भोपाल, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि वर्तमान दौर में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है।

भोपाल स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित अखिल भारतीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक, शैक्षिक स्पर्धा, युवा महोत्सव 2024 के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल पटेल ने कहा कि आधुनिक मानव जीवन से जुड़े क्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी जीवन आदि कई विषयों में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता आज बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा, जिसमें संस्कृत के ज्ञान को आधुनिक और शोध परक दृष्टि से देखा जाए और ज्ञान के नए स्वरूप को प्रकाशित किए जाए। समय की आवश्यकता है कि हमारे पास ऐसे युवा हो, जिनमें संस्कृत के साथ कम्प्यूटर कोडिंग की तकनीक और अनुसंधान का सामर्थ्य हो।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत निर्माण प्रयासों के लिए जड़ों से जुड़ें वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम युवाओं का निर्माण समय की जरूरत है। विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा की भारतीय ज्ञान परम्परा को भविष्य की दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय से भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की जिम्मेदारी लेना होगी।

उन्होंने आगे कहा, विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को संस्कृत के अध्ययन और अनुसंधान के द्वारा राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान खोजने के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। छात्रों के समग्र, सर्वांगीण विकास में ऐसे शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल स्पर्धाओं के आयोजन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते हैं।

उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाने और अखिल भारतीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की सराहना की है।

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर मदन मोहन झा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण दिया। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडेय ने विश्वविद्यालय के बारे में बताया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने भगवती सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन कर पूजन किया। परिसर के छात्रों ने वैदिक मंगलाचरण एवं नाट्य अनुसंधान विभाग के छात्रों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

–आईएएनएस

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भोपाल, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि वर्तमान दौर में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है।

भोपाल स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित अखिल भारतीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक, शैक्षिक स्पर्धा, युवा महोत्सव 2024 के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल पटेल ने कहा कि आधुनिक मानव जीवन से जुड़े क्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी जीवन आदि कई विषयों में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता आज बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा, जिसमें संस्कृत के ज्ञान को आधुनिक और शोध परक दृष्टि से देखा जाए और ज्ञान के नए स्वरूप को प्रकाशित किए जाए। समय की आवश्यकता है कि हमारे पास ऐसे युवा हो, जिनमें संस्कृत के साथ कम्प्यूटर कोडिंग की तकनीक और अनुसंधान का सामर्थ्य हो।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत निर्माण प्रयासों के लिए जड़ों से जुड़ें वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम युवाओं का निर्माण समय की जरूरत है। विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा की भारतीय ज्ञान परम्परा को भविष्य की दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय से भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की जिम्मेदारी लेना होगी।

उन्होंने आगे कहा, विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को संस्कृत के अध्ययन और अनुसंधान के द्वारा राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान खोजने के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। छात्रों के समग्र, सर्वांगीण विकास में ऐसे शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल स्पर्धाओं के आयोजन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते हैं।

उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाने और अखिल भारतीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की सराहना की है।

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर मदन मोहन झा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण दिया। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडेय ने विश्वविद्यालय के बारे में बताया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने भगवती सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन कर पूजन किया। परिसर के छात्रों ने वैदिक मंगलाचरण एवं नाट्य अनुसंधान विभाग के छात्रों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

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भोपाल, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि वर्तमान दौर में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है।

भोपाल स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित अखिल भारतीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक, शैक्षिक स्पर्धा, युवा महोत्सव 2024 के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल पटेल ने कहा कि आधुनिक मानव जीवन से जुड़े क्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी जीवन आदि कई विषयों में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता आज बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा, जिसमें संस्कृत के ज्ञान को आधुनिक और शोध परक दृष्टि से देखा जाए और ज्ञान के नए स्वरूप को प्रकाशित किए जाए। समय की आवश्यकता है कि हमारे पास ऐसे युवा हो, जिनमें संस्कृत के साथ कम्प्यूटर कोडिंग की तकनीक और अनुसंधान का सामर्थ्य हो।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत निर्माण प्रयासों के लिए जड़ों से जुड़ें वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम युवाओं का निर्माण समय की जरूरत है। विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा की भारतीय ज्ञान परम्परा को भविष्य की दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय से भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की जिम्मेदारी लेना होगी।

उन्होंने आगे कहा, विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को संस्कृत के अध्ययन और अनुसंधान के द्वारा राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान खोजने के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। छात्रों के समग्र, सर्वांगीण विकास में ऐसे शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल स्पर्धाओं के आयोजन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते हैं।

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केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर मदन मोहन झा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण दिया। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडेय ने विश्वविद्यालय के बारे में बताया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने भगवती सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन कर पूजन किया। परिसर के छात्रों ने वैदिक मंगलाचरण एवं नाट्य अनुसंधान विभाग के छात्रों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

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राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत निर्माण प्रयासों के लिए जड़ों से जुड़ें वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम युवाओं का निर्माण समय की जरूरत है। विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा की भारतीय ज्ञान परम्परा को भविष्य की दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय से भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की जिम्मेदारी लेना होगी।

उन्होंने आगे कहा, विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को संस्कृत के अध्ययन और अनुसंधान के द्वारा राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान खोजने के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। छात्रों के समग्र, सर्वांगीण विकास में ऐसे शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल स्पर्धाओं के आयोजन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते हैं।

उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाने और अखिल भारतीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की सराहना की है।

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर मदन मोहन झा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण दिया। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडेय ने विश्वविद्यालय के बारे में बताया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने भगवती सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन कर पूजन किया। परिसर के छात्रों ने वैदिक मंगलाचरण एवं नाट्य अनुसंधान विभाग के छात्रों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

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भोपाल स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित अखिल भारतीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक, शैक्षिक स्पर्धा, युवा महोत्सव 2024 के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल पटेल ने कहा कि आधुनिक मानव जीवन से जुड़े क्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी जीवन आदि कई विषयों में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता आज बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा, जिसमें संस्कृत के ज्ञान को आधुनिक और शोध परक दृष्टि से देखा जाए और ज्ञान के नए स्वरूप को प्रकाशित किए जाए। समय की आवश्यकता है कि हमारे पास ऐसे युवा हो, जिनमें संस्कृत के साथ कम्प्यूटर कोडिंग की तकनीक और अनुसंधान का सामर्थ्य हो।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत निर्माण प्रयासों के लिए जड़ों से जुड़ें वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम युवाओं का निर्माण समय की जरूरत है। विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा की भारतीय ज्ञान परम्परा को भविष्य की दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय से भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की जिम्मेदारी लेना होगी।

उन्होंने आगे कहा, विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को संस्कृत के अध्ययन और अनुसंधान के द्वारा राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान खोजने के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। छात्रों के समग्र, सर्वांगीण विकास में ऐसे शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल स्पर्धाओं के आयोजन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते हैं।

उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाने और अखिल भारतीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की सराहना की है।

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर मदन मोहन झा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण दिया। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडेय ने विश्वविद्यालय के बारे में बताया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने भगवती सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन कर पूजन किया। परिसर के छात्रों ने वैदिक मंगलाचरण एवं नाट्य अनुसंधान विभाग के छात्रों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

–आईएएनएस

एसएनपी/एबीएम

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भोपाल, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि वर्तमान दौर में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है।

भोपाल स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित अखिल भारतीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक, शैक्षिक स्पर्धा, युवा महोत्सव 2024 के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल पटेल ने कहा कि आधुनिक मानव जीवन से जुड़े क्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी जीवन आदि कई विषयों में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता आज बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा, जिसमें संस्कृत के ज्ञान को आधुनिक और शोध परक दृष्टि से देखा जाए और ज्ञान के नए स्वरूप को प्रकाशित किए जाए। समय की आवश्यकता है कि हमारे पास ऐसे युवा हो, जिनमें संस्कृत के साथ कम्प्यूटर कोडिंग की तकनीक और अनुसंधान का सामर्थ्य हो।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत निर्माण प्रयासों के लिए जड़ों से जुड़ें वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम युवाओं का निर्माण समय की जरूरत है। विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा की भारतीय ज्ञान परम्परा को भविष्य की दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय से भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की जिम्मेदारी लेना होगी।

उन्होंने आगे कहा, विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को संस्कृत के अध्ययन और अनुसंधान के द्वारा राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान खोजने के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। छात्रों के समग्र, सर्वांगीण विकास में ऐसे शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल स्पर्धाओं के आयोजन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते हैं।

उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाने और अखिल भारतीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की सराहना की है।

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भोपाल स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित अखिल भारतीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक, शैक्षिक स्पर्धा, युवा महोत्सव 2024 के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल पटेल ने कहा कि आधुनिक मानव जीवन से जुड़े क्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी जीवन आदि कई विषयों में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता आज बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा, जिसमें संस्कृत के ज्ञान को आधुनिक और शोध परक दृष्टि से देखा जाए और ज्ञान के नए स्वरूप को प्रकाशित किए जाए। समय की आवश्यकता है कि हमारे पास ऐसे युवा हो, जिनमें संस्कृत के साथ कम्प्यूटर कोडिंग की तकनीक और अनुसंधान का सामर्थ्य हो।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत निर्माण प्रयासों के लिए जड़ों से जुड़ें वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम युवाओं का निर्माण समय की जरूरत है। विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा की भारतीय ज्ञान परम्परा को भविष्य की दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय से भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की जिम्मेदारी लेना होगी।

उन्होंने आगे कहा, विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को संस्कृत के अध्ययन और अनुसंधान के द्वारा राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान खोजने के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। छात्रों के समग्र, सर्वांगीण विकास में ऐसे शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल स्पर्धाओं के आयोजन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते हैं।

उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाने और अखिल भारतीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की सराहना की है।

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर मदन मोहन झा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण दिया। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडेय ने विश्वविद्यालय के बारे में बताया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने भगवती सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन कर पूजन किया। परिसर के छात्रों ने वैदिक मंगलाचरण एवं नाट्य अनुसंधान विभाग के छात्रों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

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भोपाल स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित अखिल भारतीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक, शैक्षिक स्पर्धा, युवा महोत्सव 2024 के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल पटेल ने कहा कि आधुनिक मानव जीवन से जुड़े क्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी जीवन आदि कई विषयों में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता आज बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा, जिसमें संस्कृत के ज्ञान को आधुनिक और शोध परक दृष्टि से देखा जाए और ज्ञान के नए स्वरूप को प्रकाशित किए जाए। समय की आवश्यकता है कि हमारे पास ऐसे युवा हो, जिनमें संस्कृत के साथ कम्प्यूटर कोडिंग की तकनीक और अनुसंधान का सामर्थ्य हो।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत निर्माण प्रयासों के लिए जड़ों से जुड़ें वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम युवाओं का निर्माण समय की जरूरत है। विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा की भारतीय ज्ञान परम्परा को भविष्य की दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय से भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की जिम्मेदारी लेना होगी।

उन्होंने आगे कहा, विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को संस्कृत के अध्ययन और अनुसंधान के द्वारा राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान खोजने के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। छात्रों के समग्र, सर्वांगीण विकास में ऐसे शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल स्पर्धाओं के आयोजन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते हैं।

उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाने और अखिल भारतीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की सराहना की है।

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर मदन मोहन झा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण दिया। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडेय ने विश्वविद्यालय के बारे में बताया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने भगवती सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन कर पूजन किया। परिसर के छात्रों ने वैदिक मंगलाचरण एवं नाट्य अनुसंधान विभाग के छात्रों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

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भोपाल, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि वर्तमान दौर में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है।

भोपाल स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित अखिल भारतीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक, शैक्षिक स्पर्धा, युवा महोत्सव 2024 के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल पटेल ने कहा कि आधुनिक मानव जीवन से जुड़े क्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी जीवन आदि कई विषयों में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता आज बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा, जिसमें संस्कृत के ज्ञान को आधुनिक और शोध परक दृष्टि से देखा जाए और ज्ञान के नए स्वरूप को प्रकाशित किए जाए। समय की आवश्यकता है कि हमारे पास ऐसे युवा हो, जिनमें संस्कृत के साथ कम्प्यूटर कोडिंग की तकनीक और अनुसंधान का सामर्थ्य हो।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत निर्माण प्रयासों के लिए जड़ों से जुड़ें वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम युवाओं का निर्माण समय की जरूरत है। विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा की भारतीय ज्ञान परम्परा को भविष्य की दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय से भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की जिम्मेदारी लेना होगी।

उन्होंने आगे कहा, विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को संस्कृत के अध्ययन और अनुसंधान के द्वारा राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान खोजने के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। छात्रों के समग्र, सर्वांगीण विकास में ऐसे शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल स्पर्धाओं के आयोजन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते हैं।

उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाने और अखिल भारतीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की सराहना की है।

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर मदन मोहन झा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण दिया। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडेय ने विश्वविद्यालय के बारे में बताया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने भगवती सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन कर पूजन किया। परिसर के छात्रों ने वैदिक मंगलाचरण एवं नाट्य अनुसंधान विभाग के छात्रों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

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भोपाल स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित अखिल भारतीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक, शैक्षिक स्पर्धा, युवा महोत्सव 2024 के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल पटेल ने कहा कि आधुनिक मानव जीवन से जुड़े क्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी जीवन आदि कई विषयों में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता आज बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा, जिसमें संस्कृत के ज्ञान को आधुनिक और शोध परक दृष्टि से देखा जाए और ज्ञान के नए स्वरूप को प्रकाशित किए जाए। समय की आवश्यकता है कि हमारे पास ऐसे युवा हो, जिनमें संस्कृत के साथ कम्प्यूटर कोडिंग की तकनीक और अनुसंधान का सामर्थ्य हो।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत निर्माण प्रयासों के लिए जड़ों से जुड़ें वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम युवाओं का निर्माण समय की जरूरत है। विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा की भारतीय ज्ञान परम्परा को भविष्य की दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय से भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की जिम्मेदारी लेना होगी।

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केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर मदन मोहन झा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण दिया। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडेय ने विश्वविद्यालय के बारे में बताया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने भगवती सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन कर पूजन किया। परिसर के छात्रों ने वैदिक मंगलाचरण एवं नाट्य अनुसंधान विभाग के छात्रों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

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भोपाल स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित अखिल भारतीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक, शैक्षिक स्पर्धा, युवा महोत्सव 2024 के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल पटेल ने कहा कि आधुनिक मानव जीवन से जुड़े क्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी जीवन आदि कई विषयों में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता आज बढ़ रही है। दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख जरिया है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा, जिसमें संस्कृत के ज्ञान को आधुनिक और शोध परक दृष्टि से देखा जाए और ज्ञान के नए स्वरूप को प्रकाशित किए जाए। समय की आवश्यकता है कि हमारे पास ऐसे युवा हो, जिनमें संस्कृत के साथ कम्प्यूटर कोडिंग की तकनीक और अनुसंधान का सामर्थ्य हो।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत निर्माण प्रयासों के लिए जड़ों से जुड़ें वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम युवाओं का निर्माण समय की जरूरत है। विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा की भारतीय ज्ञान परम्परा को भविष्य की दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय से भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की जिम्मेदारी लेना होगी।

उन्होंने आगे कहा, विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को संस्कृत के अध्ययन और अनुसंधान के द्वारा राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान खोजने के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। छात्रों के समग्र, सर्वांगीण विकास में ऐसे शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल स्पर्धाओं के आयोजन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते हैं।

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केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर मदन मोहन झा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण दिया। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडेय ने विश्वविद्यालय के बारे में बताया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने भगवती सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन कर पूजन किया। परिसर के छात्रों ने वैदिक मंगलाचरण एवं नाट्य अनुसंधान विभाग के छात्रों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

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