सीकर, 22 जून (आईएएनएस)। राजनीति में कोई चीज स्थाई नहीं होती है। अनेक समीकरण बनते हैं और समीकरणों के आधार पर ही हार जीत होती है। यह कहना है सीकर लोकसभा क्षेत्र से दो बार के सांसद रहे और लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती का। उन्होंने राहुल कस्वां का टिकट कटने से पार्टी को नुकसान की बात भी कही। साथ ही कहा कि वसुंधरा राजे अगर चुनाव प्रचार करतीं तो पार्टी को फायदा होता।
लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक लोकसभा 2024 के चुनाव के प्रथम चरण में राजस्थान की 12 सीटों में से 8 सीटों पर भाजपा हारी। इसका बहुत बड़ा कारण रहा वोट प्रतिशत कम होना। किसान आंदोलन और गठबंधन की पार्टियों की ओर से झूठे तरीके से प्रचार करना। केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को सही तरीके युवाओं को नहीं समझा पाने के कारण भी नुकसान हुआ।
स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि कहा कि राहुल कस्वां का टिकट काटने का असर शेखावाटी की चारों सीट चूरू, सीकर, झुंझुनूं और नागौर पर पड़ा है। इसको बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता, लेकिन केवल जाट वोटों को ही बात नहीं है।
इसके अलावा एससी को डराया गया कि आपका संविधान खतरे में पड़ जाएगा, आपका आरक्षण खत्म कर देंगे। इसके चलते एससी के वोट भाजपा को कम मिले, साथ ही राजपूत के वोट भी कम पड़े। राजपूतों ने वोट तो दिए, लेकिन काफी कम पड़े हैं। इसका मुख्य कारण रूपाला का बयान रहा।
वसुंधरा राजे की झालावाड़ के अलावा अन्य जगह सक्रियता कम रहने के सवाल पर सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि हो सकता है मैडम अगर चुनाव प्रचार में जातींं, तो कुछ न कुछ पार्टी को लाभ मिलता। दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इसके साथ ही प्रभावशाली नेता हैं, इसलिए उनका प्रभाव जरूर पड़ता। लेकिन वह खुद नहीं गईं या पार्टी ने नहीं बुलाया, इस बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा।
पार्टी में आगे की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा मेरे ऊपर पार्टी का ऋण है, क्योंकि पार्टी ने बिना मांगे ही दो बार मुझे टिकट दिया और सहयोग किया। इसके साथ ही हमेशा पार्टी ने मेरा सम्मान किया। जब तक मेरे इस शरीर में प्राण है, तब तक पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे पूरा करूंगा। मेरी हार से पार्टी के कार्यकर्ता निराश न हों, केंद्र और राज्य में हमारी सरकार है। हम काम करेंगे और सबको साथ लेकर काम करेंगे।
–आईएएनएस
एकेएस/सीबीटी
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सीकर, 22 जून (आईएएनएस)। राजनीति में कोई चीज स्थाई नहीं होती है। अनेक समीकरण बनते हैं और समीकरणों के आधार पर ही हार जीत होती है। यह कहना है सीकर लोकसभा क्षेत्र से दो बार के सांसद रहे और लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती का। उन्होंने राहुल कस्वां का टिकट कटने से पार्टी को नुकसान की बात भी कही। साथ ही कहा कि वसुंधरा राजे अगर चुनाव प्रचार करतीं तो पार्टी को फायदा होता।
लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक लोकसभा 2024 के चुनाव के प्रथम चरण में राजस्थान की 12 सीटों में से 8 सीटों पर भाजपा हारी। इसका बहुत बड़ा कारण रहा वोट प्रतिशत कम होना। किसान आंदोलन और गठबंधन की पार्टियों की ओर से झूठे तरीके से प्रचार करना। केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को सही तरीके युवाओं को नहीं समझा पाने के कारण भी नुकसान हुआ।
स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि कहा कि राहुल कस्वां का टिकट काटने का असर शेखावाटी की चारों सीट चूरू, सीकर, झुंझुनूं और नागौर पर पड़ा है। इसको बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता, लेकिन केवल जाट वोटों को ही बात नहीं है।
इसके अलावा एससी को डराया गया कि आपका संविधान खतरे में पड़ जाएगा, आपका आरक्षण खत्म कर देंगे। इसके चलते एससी के वोट भाजपा को कम मिले, साथ ही राजपूत के वोट भी कम पड़े। राजपूतों ने वोट तो दिए, लेकिन काफी कम पड़े हैं। इसका मुख्य कारण रूपाला का बयान रहा।
वसुंधरा राजे की झालावाड़ के अलावा अन्य जगह सक्रियता कम रहने के सवाल पर सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि हो सकता है मैडम अगर चुनाव प्रचार में जातींं, तो कुछ न कुछ पार्टी को लाभ मिलता। दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इसके साथ ही प्रभावशाली नेता हैं, इसलिए उनका प्रभाव जरूर पड़ता। लेकिन वह खुद नहीं गईं या पार्टी ने नहीं बुलाया, इस बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा।
पार्टी में आगे की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा मेरे ऊपर पार्टी का ऋण है, क्योंकि पार्टी ने बिना मांगे ही दो बार मुझे टिकट दिया और सहयोग किया। इसके साथ ही हमेशा पार्टी ने मेरा सम्मान किया। जब तक मेरे इस शरीर में प्राण है, तब तक पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे पूरा करूंगा। मेरी हार से पार्टी के कार्यकर्ता निराश न हों, केंद्र और राज्य में हमारी सरकार है। हम काम करेंगे और सबको साथ लेकर काम करेंगे।
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सीकर, 22 जून (आईएएनएस)। राजनीति में कोई चीज स्थाई नहीं होती है। अनेक समीकरण बनते हैं और समीकरणों के आधार पर ही हार जीत होती है। यह कहना है सीकर लोकसभा क्षेत्र से दो बार के सांसद रहे और लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती का। उन्होंने राहुल कस्वां का टिकट कटने से पार्टी को नुकसान की बात भी कही। साथ ही कहा कि वसुंधरा राजे अगर चुनाव प्रचार करतीं तो पार्टी को फायदा होता।
लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक लोकसभा 2024 के चुनाव के प्रथम चरण में राजस्थान की 12 सीटों में से 8 सीटों पर भाजपा हारी। इसका बहुत बड़ा कारण रहा वोट प्रतिशत कम होना। किसान आंदोलन और गठबंधन की पार्टियों की ओर से झूठे तरीके से प्रचार करना। केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को सही तरीके युवाओं को नहीं समझा पाने के कारण भी नुकसान हुआ।
स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि कहा कि राहुल कस्वां का टिकट काटने का असर शेखावाटी की चारों सीट चूरू, सीकर, झुंझुनूं और नागौर पर पड़ा है। इसको बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता, लेकिन केवल जाट वोटों को ही बात नहीं है।
इसके अलावा एससी को डराया गया कि आपका संविधान खतरे में पड़ जाएगा, आपका आरक्षण खत्म कर देंगे। इसके चलते एससी के वोट भाजपा को कम मिले, साथ ही राजपूत के वोट भी कम पड़े। राजपूतों ने वोट तो दिए, लेकिन काफी कम पड़े हैं। इसका मुख्य कारण रूपाला का बयान रहा।
वसुंधरा राजे की झालावाड़ के अलावा अन्य जगह सक्रियता कम रहने के सवाल पर सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि हो सकता है मैडम अगर चुनाव प्रचार में जातींं, तो कुछ न कुछ पार्टी को लाभ मिलता। दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इसके साथ ही प्रभावशाली नेता हैं, इसलिए उनका प्रभाव जरूर पड़ता। लेकिन वह खुद नहीं गईं या पार्टी ने नहीं बुलाया, इस बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा।
पार्टी में आगे की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा मेरे ऊपर पार्टी का ऋण है, क्योंकि पार्टी ने बिना मांगे ही दो बार मुझे टिकट दिया और सहयोग किया। इसके साथ ही हमेशा पार्टी ने मेरा सम्मान किया। जब तक मेरे इस शरीर में प्राण है, तब तक पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे पूरा करूंगा। मेरी हार से पार्टी के कार्यकर्ता निराश न हों, केंद्र और राज्य में हमारी सरकार है। हम काम करेंगे और सबको साथ लेकर काम करेंगे।
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लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक लोकसभा 2024 के चुनाव के प्रथम चरण में राजस्थान की 12 सीटों में से 8 सीटों पर भाजपा हारी। इसका बहुत बड़ा कारण रहा वोट प्रतिशत कम होना। किसान आंदोलन और गठबंधन की पार्टियों की ओर से झूठे तरीके से प्रचार करना। केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को सही तरीके युवाओं को नहीं समझा पाने के कारण भी नुकसान हुआ।
स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि कहा कि राहुल कस्वां का टिकट काटने का असर शेखावाटी की चारों सीट चूरू, सीकर, झुंझुनूं और नागौर पर पड़ा है। इसको बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता, लेकिन केवल जाट वोटों को ही बात नहीं है।
इसके अलावा एससी को डराया गया कि आपका संविधान खतरे में पड़ जाएगा, आपका आरक्षण खत्म कर देंगे। इसके चलते एससी के वोट भाजपा को कम मिले, साथ ही राजपूत के वोट भी कम पड़े। राजपूतों ने वोट तो दिए, लेकिन काफी कम पड़े हैं। इसका मुख्य कारण रूपाला का बयान रहा।
वसुंधरा राजे की झालावाड़ के अलावा अन्य जगह सक्रियता कम रहने के सवाल पर सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि हो सकता है मैडम अगर चुनाव प्रचार में जातींं, तो कुछ न कुछ पार्टी को लाभ मिलता। दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इसके साथ ही प्रभावशाली नेता हैं, इसलिए उनका प्रभाव जरूर पड़ता। लेकिन वह खुद नहीं गईं या पार्टी ने नहीं बुलाया, इस बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा।
पार्टी में आगे की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा मेरे ऊपर पार्टी का ऋण है, क्योंकि पार्टी ने बिना मांगे ही दो बार मुझे टिकट दिया और सहयोग किया। इसके साथ ही हमेशा पार्टी ने मेरा सम्मान किया। जब तक मेरे इस शरीर में प्राण है, तब तक पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे पूरा करूंगा। मेरी हार से पार्टी के कार्यकर्ता निराश न हों, केंद्र और राज्य में हमारी सरकार है। हम काम करेंगे और सबको साथ लेकर काम करेंगे।
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सीकर, 22 जून (आईएएनएस)। राजनीति में कोई चीज स्थाई नहीं होती है। अनेक समीकरण बनते हैं और समीकरणों के आधार पर ही हार जीत होती है। यह कहना है सीकर लोकसभा क्षेत्र से दो बार के सांसद रहे और लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती का। उन्होंने राहुल कस्वां का टिकट कटने से पार्टी को नुकसान की बात भी कही। साथ ही कहा कि वसुंधरा राजे अगर चुनाव प्रचार करतीं तो पार्टी को फायदा होता।
लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक लोकसभा 2024 के चुनाव के प्रथम चरण में राजस्थान की 12 सीटों में से 8 सीटों पर भाजपा हारी। इसका बहुत बड़ा कारण रहा वोट प्रतिशत कम होना। किसान आंदोलन और गठबंधन की पार्टियों की ओर से झूठे तरीके से प्रचार करना। केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को सही तरीके युवाओं को नहीं समझा पाने के कारण भी नुकसान हुआ।
स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि कहा कि राहुल कस्वां का टिकट काटने का असर शेखावाटी की चारों सीट चूरू, सीकर, झुंझुनूं और नागौर पर पड़ा है। इसको बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता, लेकिन केवल जाट वोटों को ही बात नहीं है।
इसके अलावा एससी को डराया गया कि आपका संविधान खतरे में पड़ जाएगा, आपका आरक्षण खत्म कर देंगे। इसके चलते एससी के वोट भाजपा को कम मिले, साथ ही राजपूत के वोट भी कम पड़े। राजपूतों ने वोट तो दिए, लेकिन काफी कम पड़े हैं। इसका मुख्य कारण रूपाला का बयान रहा।
वसुंधरा राजे की झालावाड़ के अलावा अन्य जगह सक्रियता कम रहने के सवाल पर सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि हो सकता है मैडम अगर चुनाव प्रचार में जातींं, तो कुछ न कुछ पार्टी को लाभ मिलता। दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इसके साथ ही प्रभावशाली नेता हैं, इसलिए उनका प्रभाव जरूर पड़ता। लेकिन वह खुद नहीं गईं या पार्टी ने नहीं बुलाया, इस बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा।
पार्टी में आगे की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा मेरे ऊपर पार्टी का ऋण है, क्योंकि पार्टी ने बिना मांगे ही दो बार मुझे टिकट दिया और सहयोग किया। इसके साथ ही हमेशा पार्टी ने मेरा सम्मान किया। जब तक मेरे इस शरीर में प्राण है, तब तक पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे पूरा करूंगा। मेरी हार से पार्टी के कार्यकर्ता निराश न हों, केंद्र और राज्य में हमारी सरकार है। हम काम करेंगे और सबको साथ लेकर काम करेंगे।
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सीकर, 22 जून (आईएएनएस)। राजनीति में कोई चीज स्थाई नहीं होती है। अनेक समीकरण बनते हैं और समीकरणों के आधार पर ही हार जीत होती है। यह कहना है सीकर लोकसभा क्षेत्र से दो बार के सांसद रहे और लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती का। उन्होंने राहुल कस्वां का टिकट कटने से पार्टी को नुकसान की बात भी कही। साथ ही कहा कि वसुंधरा राजे अगर चुनाव प्रचार करतीं तो पार्टी को फायदा होता।
लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक लोकसभा 2024 के चुनाव के प्रथम चरण में राजस्थान की 12 सीटों में से 8 सीटों पर भाजपा हारी। इसका बहुत बड़ा कारण रहा वोट प्रतिशत कम होना। किसान आंदोलन और गठबंधन की पार्टियों की ओर से झूठे तरीके से प्रचार करना। केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को सही तरीके युवाओं को नहीं समझा पाने के कारण भी नुकसान हुआ।
स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि कहा कि राहुल कस्वां का टिकट काटने का असर शेखावाटी की चारों सीट चूरू, सीकर, झुंझुनूं और नागौर पर पड़ा है। इसको बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता, लेकिन केवल जाट वोटों को ही बात नहीं है।
इसके अलावा एससी को डराया गया कि आपका संविधान खतरे में पड़ जाएगा, आपका आरक्षण खत्म कर देंगे। इसके चलते एससी के वोट भाजपा को कम मिले, साथ ही राजपूत के वोट भी कम पड़े। राजपूतों ने वोट तो दिए, लेकिन काफी कम पड़े हैं। इसका मुख्य कारण रूपाला का बयान रहा।
वसुंधरा राजे की झालावाड़ के अलावा अन्य जगह सक्रियता कम रहने के सवाल पर सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि हो सकता है मैडम अगर चुनाव प्रचार में जातींं, तो कुछ न कुछ पार्टी को लाभ मिलता। दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इसके साथ ही प्रभावशाली नेता हैं, इसलिए उनका प्रभाव जरूर पड़ता। लेकिन वह खुद नहीं गईं या पार्टी ने नहीं बुलाया, इस बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा।
पार्टी में आगे की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा मेरे ऊपर पार्टी का ऋण है, क्योंकि पार्टी ने बिना मांगे ही दो बार मुझे टिकट दिया और सहयोग किया। इसके साथ ही हमेशा पार्टी ने मेरा सम्मान किया। जब तक मेरे इस शरीर में प्राण है, तब तक पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे पूरा करूंगा। मेरी हार से पार्टी के कार्यकर्ता निराश न हों, केंद्र और राज्य में हमारी सरकार है। हम काम करेंगे और सबको साथ लेकर काम करेंगे।
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सीकर, 22 जून (आईएएनएस)। राजनीति में कोई चीज स्थाई नहीं होती है। अनेक समीकरण बनते हैं और समीकरणों के आधार पर ही हार जीत होती है। यह कहना है सीकर लोकसभा क्षेत्र से दो बार के सांसद रहे और लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती का। उन्होंने राहुल कस्वां का टिकट कटने से पार्टी को नुकसान की बात भी कही। साथ ही कहा कि वसुंधरा राजे अगर चुनाव प्रचार करतीं तो पार्टी को फायदा होता।
लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक लोकसभा 2024 के चुनाव के प्रथम चरण में राजस्थान की 12 सीटों में से 8 सीटों पर भाजपा हारी। इसका बहुत बड़ा कारण रहा वोट प्रतिशत कम होना। किसान आंदोलन और गठबंधन की पार्टियों की ओर से झूठे तरीके से प्रचार करना। केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को सही तरीके युवाओं को नहीं समझा पाने के कारण भी नुकसान हुआ।
स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि कहा कि राहुल कस्वां का टिकट काटने का असर शेखावाटी की चारों सीट चूरू, सीकर, झुंझुनूं और नागौर पर पड़ा है। इसको बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता, लेकिन केवल जाट वोटों को ही बात नहीं है।
इसके अलावा एससी को डराया गया कि आपका संविधान खतरे में पड़ जाएगा, आपका आरक्षण खत्म कर देंगे। इसके चलते एससी के वोट भाजपा को कम मिले, साथ ही राजपूत के वोट भी कम पड़े। राजपूतों ने वोट तो दिए, लेकिन काफी कम पड़े हैं। इसका मुख्य कारण रूपाला का बयान रहा।
वसुंधरा राजे की झालावाड़ के अलावा अन्य जगह सक्रियता कम रहने के सवाल पर सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि हो सकता है मैडम अगर चुनाव प्रचार में जातींं, तो कुछ न कुछ पार्टी को लाभ मिलता। दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इसके साथ ही प्रभावशाली नेता हैं, इसलिए उनका प्रभाव जरूर पड़ता। लेकिन वह खुद नहीं गईं या पार्टी ने नहीं बुलाया, इस बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा।
पार्टी में आगे की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा मेरे ऊपर पार्टी का ऋण है, क्योंकि पार्टी ने बिना मांगे ही दो बार मुझे टिकट दिया और सहयोग किया। इसके साथ ही हमेशा पार्टी ने मेरा सम्मान किया। जब तक मेरे इस शरीर में प्राण है, तब तक पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे पूरा करूंगा। मेरी हार से पार्टी के कार्यकर्ता निराश न हों, केंद्र और राज्य में हमारी सरकार है। हम काम करेंगे और सबको साथ लेकर काम करेंगे।
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सीकर, 22 जून (आईएएनएस)। राजनीति में कोई चीज स्थाई नहीं होती है। अनेक समीकरण बनते हैं और समीकरणों के आधार पर ही हार जीत होती है। यह कहना है सीकर लोकसभा क्षेत्र से दो बार के सांसद रहे और लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती का। उन्होंने राहुल कस्वां का टिकट कटने से पार्टी को नुकसान की बात भी कही। साथ ही कहा कि वसुंधरा राजे अगर चुनाव प्रचार करतीं तो पार्टी को फायदा होता।
लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक लोकसभा 2024 के चुनाव के प्रथम चरण में राजस्थान की 12 सीटों में से 8 सीटों पर भाजपा हारी। इसका बहुत बड़ा कारण रहा वोट प्रतिशत कम होना। किसान आंदोलन और गठबंधन की पार्टियों की ओर से झूठे तरीके से प्रचार करना। केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को सही तरीके युवाओं को नहीं समझा पाने के कारण भी नुकसान हुआ।
स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि कहा कि राहुल कस्वां का टिकट काटने का असर शेखावाटी की चारों सीट चूरू, सीकर, झुंझुनूं और नागौर पर पड़ा है। इसको बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता, लेकिन केवल जाट वोटों को ही बात नहीं है।
इसके अलावा एससी को डराया गया कि आपका संविधान खतरे में पड़ जाएगा, आपका आरक्षण खत्म कर देंगे। इसके चलते एससी के वोट भाजपा को कम मिले, साथ ही राजपूत के वोट भी कम पड़े। राजपूतों ने वोट तो दिए, लेकिन काफी कम पड़े हैं। इसका मुख्य कारण रूपाला का बयान रहा।
वसुंधरा राजे की झालावाड़ के अलावा अन्य जगह सक्रियता कम रहने के सवाल पर सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि हो सकता है मैडम अगर चुनाव प्रचार में जातींं, तो कुछ न कुछ पार्टी को लाभ मिलता। दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इसके साथ ही प्रभावशाली नेता हैं, इसलिए उनका प्रभाव जरूर पड़ता। लेकिन वह खुद नहीं गईं या पार्टी ने नहीं बुलाया, इस बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा।
पार्टी में आगे की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा मेरे ऊपर पार्टी का ऋण है, क्योंकि पार्टी ने बिना मांगे ही दो बार मुझे टिकट दिया और सहयोग किया। इसके साथ ही हमेशा पार्टी ने मेरा सम्मान किया। जब तक मेरे इस शरीर में प्राण है, तब तक पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे पूरा करूंगा। मेरी हार से पार्टी के कार्यकर्ता निराश न हों, केंद्र और राज्य में हमारी सरकार है। हम काम करेंगे और सबको साथ लेकर काम करेंगे।
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सीकर, 22 जून (आईएएनएस)। राजनीति में कोई चीज स्थाई नहीं होती है। अनेक समीकरण बनते हैं और समीकरणों के आधार पर ही हार जीत होती है। यह कहना है सीकर लोकसभा क्षेत्र से दो बार के सांसद रहे और लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती का। उन्होंने राहुल कस्वां का टिकट कटने से पार्टी को नुकसान की बात भी कही। साथ ही कहा कि वसुंधरा राजे अगर चुनाव प्रचार करतीं तो पार्टी को फायदा होता।
लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक लोकसभा 2024 के चुनाव के प्रथम चरण में राजस्थान की 12 सीटों में से 8 सीटों पर भाजपा हारी। इसका बहुत बड़ा कारण रहा वोट प्रतिशत कम होना। किसान आंदोलन और गठबंधन की पार्टियों की ओर से झूठे तरीके से प्रचार करना। केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को सही तरीके युवाओं को नहीं समझा पाने के कारण भी नुकसान हुआ।
स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि कहा कि राहुल कस्वां का टिकट काटने का असर शेखावाटी की चारों सीट चूरू, सीकर, झुंझुनूं और नागौर पर पड़ा है। इसको बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता, लेकिन केवल जाट वोटों को ही बात नहीं है।
इसके अलावा एससी को डराया गया कि आपका संविधान खतरे में पड़ जाएगा, आपका आरक्षण खत्म कर देंगे। इसके चलते एससी के वोट भाजपा को कम मिले, साथ ही राजपूत के वोट भी कम पड़े। राजपूतों ने वोट तो दिए, लेकिन काफी कम पड़े हैं। इसका मुख्य कारण रूपाला का बयान रहा।
वसुंधरा राजे की झालावाड़ के अलावा अन्य जगह सक्रियता कम रहने के सवाल पर सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि हो सकता है मैडम अगर चुनाव प्रचार में जातींं, तो कुछ न कुछ पार्टी को लाभ मिलता। दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इसके साथ ही प्रभावशाली नेता हैं, इसलिए उनका प्रभाव जरूर पड़ता। लेकिन वह खुद नहीं गईं या पार्टी ने नहीं बुलाया, इस बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा।
पार्टी में आगे की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा मेरे ऊपर पार्टी का ऋण है, क्योंकि पार्टी ने बिना मांगे ही दो बार मुझे टिकट दिया और सहयोग किया। इसके साथ ही हमेशा पार्टी ने मेरा सम्मान किया। जब तक मेरे इस शरीर में प्राण है, तब तक पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे पूरा करूंगा। मेरी हार से पार्टी के कार्यकर्ता निराश न हों, केंद्र और राज्य में हमारी सरकार है। हम काम करेंगे और सबको साथ लेकर काम करेंगे।
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लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक लोकसभा 2024 के चुनाव के प्रथम चरण में राजस्थान की 12 सीटों में से 8 सीटों पर भाजपा हारी। इसका बहुत बड़ा कारण रहा वोट प्रतिशत कम होना। किसान आंदोलन और गठबंधन की पार्टियों की ओर से झूठे तरीके से प्रचार करना। केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को सही तरीके युवाओं को नहीं समझा पाने के कारण भी नुकसान हुआ।
स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि कहा कि राहुल कस्वां का टिकट काटने का असर शेखावाटी की चारों सीट चूरू, सीकर, झुंझुनूं और नागौर पर पड़ा है। इसको बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता, लेकिन केवल जाट वोटों को ही बात नहीं है।
इसके अलावा एससी को डराया गया कि आपका संविधान खतरे में पड़ जाएगा, आपका आरक्षण खत्म कर देंगे। इसके चलते एससी के वोट भाजपा को कम मिले, साथ ही राजपूत के वोट भी कम पड़े। राजपूतों ने वोट तो दिए, लेकिन काफी कम पड़े हैं। इसका मुख्य कारण रूपाला का बयान रहा।
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स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि कहा कि राहुल कस्वां का टिकट काटने का असर शेखावाटी की चारों सीट चूरू, सीकर, झुंझुनूं और नागौर पर पड़ा है। इसको बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता, लेकिन केवल जाट वोटों को ही बात नहीं है।
इसके अलावा एससी को डराया गया कि आपका संविधान खतरे में पड़ जाएगा, आपका आरक्षण खत्म कर देंगे। इसके चलते एससी के वोट भाजपा को कम मिले, साथ ही राजपूत के वोट भी कम पड़े। राजपूतों ने वोट तो दिए, लेकिन काफी कम पड़े हैं। इसका मुख्य कारण रूपाला का बयान रहा।
वसुंधरा राजे की झालावाड़ के अलावा अन्य जगह सक्रियता कम रहने के सवाल पर सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि हो सकता है मैडम अगर चुनाव प्रचार में जातींं, तो कुछ न कुछ पार्टी को लाभ मिलता। दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इसके साथ ही प्रभावशाली नेता हैं, इसलिए उनका प्रभाव जरूर पड़ता। लेकिन वह खुद नहीं गईं या पार्टी ने नहीं बुलाया, इस बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा।
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सीकर, 22 जून (आईएएनएस)। राजनीति में कोई चीज स्थाई नहीं होती है। अनेक समीकरण बनते हैं और समीकरणों के आधार पर ही हार जीत होती है। यह कहना है सीकर लोकसभा क्षेत्र से दो बार के सांसद रहे और लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती का। उन्होंने राहुल कस्वां का टिकट कटने से पार्टी को नुकसान की बात भी कही। साथ ही कहा कि वसुंधरा राजे अगर चुनाव प्रचार करतीं तो पार्टी को फायदा होता।
लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक लोकसभा 2024 के चुनाव के प्रथम चरण में राजस्थान की 12 सीटों में से 8 सीटों पर भाजपा हारी। इसका बहुत बड़ा कारण रहा वोट प्रतिशत कम होना। किसान आंदोलन और गठबंधन की पार्टियों की ओर से झूठे तरीके से प्रचार करना। केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को सही तरीके युवाओं को नहीं समझा पाने के कारण भी नुकसान हुआ।
स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि कहा कि राहुल कस्वां का टिकट काटने का असर शेखावाटी की चारों सीट चूरू, सीकर, झुंझुनूं और नागौर पर पड़ा है। इसको बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता, लेकिन केवल जाट वोटों को ही बात नहीं है।
इसके अलावा एससी को डराया गया कि आपका संविधान खतरे में पड़ जाएगा, आपका आरक्षण खत्म कर देंगे। इसके चलते एससी के वोट भाजपा को कम मिले, साथ ही राजपूत के वोट भी कम पड़े। राजपूतों ने वोट तो दिए, लेकिन काफी कम पड़े हैं। इसका मुख्य कारण रूपाला का बयान रहा।
वसुंधरा राजे की झालावाड़ के अलावा अन्य जगह सक्रियता कम रहने के सवाल पर सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि हो सकता है मैडम अगर चुनाव प्रचार में जातींं, तो कुछ न कुछ पार्टी को लाभ मिलता। दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इसके साथ ही प्रभावशाली नेता हैं, इसलिए उनका प्रभाव जरूर पड़ता। लेकिन वह खुद नहीं गईं या पार्टी ने नहीं बुलाया, इस बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा।
पार्टी में आगे की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा मेरे ऊपर पार्टी का ऋण है, क्योंकि पार्टी ने बिना मांगे ही दो बार मुझे टिकट दिया और सहयोग किया। इसके साथ ही हमेशा पार्टी ने मेरा सम्मान किया। जब तक मेरे इस शरीर में प्राण है, तब तक पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे पूरा करूंगा। मेरी हार से पार्टी के कार्यकर्ता निराश न हों, केंद्र और राज्य में हमारी सरकार है। हम काम करेंगे और सबको साथ लेकर काम करेंगे।
–आईएएनएस
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सीकर, 22 जून (आईएएनएस)। राजनीति में कोई चीज स्थाई नहीं होती है। अनेक समीकरण बनते हैं और समीकरणों के आधार पर ही हार जीत होती है। यह कहना है सीकर लोकसभा क्षेत्र से दो बार के सांसद रहे और लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती का। उन्होंने राहुल कस्वां का टिकट कटने से पार्टी को नुकसान की बात भी कही। साथ ही कहा कि वसुंधरा राजे अगर चुनाव प्रचार करतीं तो पार्टी को फायदा होता।
लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक लोकसभा 2024 के चुनाव के प्रथम चरण में राजस्थान की 12 सीटों में से 8 सीटों पर भाजपा हारी। इसका बहुत बड़ा कारण रहा वोट प्रतिशत कम होना। किसान आंदोलन और गठबंधन की पार्टियों की ओर से झूठे तरीके से प्रचार करना। केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को सही तरीके युवाओं को नहीं समझा पाने के कारण भी नुकसान हुआ।
स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि कहा कि राहुल कस्वां का टिकट काटने का असर शेखावाटी की चारों सीट चूरू, सीकर, झुंझुनूं और नागौर पर पड़ा है। इसको बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता, लेकिन केवल जाट वोटों को ही बात नहीं है।
इसके अलावा एससी को डराया गया कि आपका संविधान खतरे में पड़ जाएगा, आपका आरक्षण खत्म कर देंगे। इसके चलते एससी के वोट भाजपा को कम मिले, साथ ही राजपूत के वोट भी कम पड़े। राजपूतों ने वोट तो दिए, लेकिन काफी कम पड़े हैं। इसका मुख्य कारण रूपाला का बयान रहा।
वसुंधरा राजे की झालावाड़ के अलावा अन्य जगह सक्रियता कम रहने के सवाल पर सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि हो सकता है मैडम अगर चुनाव प्रचार में जातींं, तो कुछ न कुछ पार्टी को लाभ मिलता। दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इसके साथ ही प्रभावशाली नेता हैं, इसलिए उनका प्रभाव जरूर पड़ता। लेकिन वह खुद नहीं गईं या पार्टी ने नहीं बुलाया, इस बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा।
पार्टी में आगे की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा मेरे ऊपर पार्टी का ऋण है, क्योंकि पार्टी ने बिना मांगे ही दो बार मुझे टिकट दिया और सहयोग किया। इसके साथ ही हमेशा पार्टी ने मेरा सम्मान किया। जब तक मेरे इस शरीर में प्राण है, तब तक पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे पूरा करूंगा। मेरी हार से पार्टी के कार्यकर्ता निराश न हों, केंद्र और राज्य में हमारी सरकार है। हम काम करेंगे और सबको साथ लेकर काम करेंगे।
–आईएएनएस
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सीकर, 22 जून (आईएएनएस)। राजनीति में कोई चीज स्थाई नहीं होती है। अनेक समीकरण बनते हैं और समीकरणों के आधार पर ही हार जीत होती है। यह कहना है सीकर लोकसभा क्षेत्र से दो बार के सांसद रहे और लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती का। उन्होंने राहुल कस्वां का टिकट कटने से पार्टी को नुकसान की बात भी कही। साथ ही कहा कि वसुंधरा राजे अगर चुनाव प्रचार करतीं तो पार्टी को फायदा होता।
लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक लोकसभा 2024 के चुनाव के प्रथम चरण में राजस्थान की 12 सीटों में से 8 सीटों पर भाजपा हारी। इसका बहुत बड़ा कारण रहा वोट प्रतिशत कम होना। किसान आंदोलन और गठबंधन की पार्टियों की ओर से झूठे तरीके से प्रचार करना। केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को सही तरीके युवाओं को नहीं समझा पाने के कारण भी नुकसान हुआ।
स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि कहा कि राहुल कस्वां का टिकट काटने का असर शेखावाटी की चारों सीट चूरू, सीकर, झुंझुनूं और नागौर पर पड़ा है। इसको बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता, लेकिन केवल जाट वोटों को ही बात नहीं है।
इसके अलावा एससी को डराया गया कि आपका संविधान खतरे में पड़ जाएगा, आपका आरक्षण खत्म कर देंगे। इसके चलते एससी के वोट भाजपा को कम मिले, साथ ही राजपूत के वोट भी कम पड़े। राजपूतों ने वोट तो दिए, लेकिन काफी कम पड़े हैं। इसका मुख्य कारण रूपाला का बयान रहा।
वसुंधरा राजे की झालावाड़ के अलावा अन्य जगह सक्रियता कम रहने के सवाल पर सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि हो सकता है मैडम अगर चुनाव प्रचार में जातींं, तो कुछ न कुछ पार्टी को लाभ मिलता। दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इसके साथ ही प्रभावशाली नेता हैं, इसलिए उनका प्रभाव जरूर पड़ता। लेकिन वह खुद नहीं गईं या पार्टी ने नहीं बुलाया, इस बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा।
पार्टी में आगे की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा मेरे ऊपर पार्टी का ऋण है, क्योंकि पार्टी ने बिना मांगे ही दो बार मुझे टिकट दिया और सहयोग किया। इसके साथ ही हमेशा पार्टी ने मेरा सम्मान किया। जब तक मेरे इस शरीर में प्राण है, तब तक पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे पूरा करूंगा। मेरी हार से पार्टी के कार्यकर्ता निराश न हों, केंद्र और राज्य में हमारी सरकार है। हम काम करेंगे और सबको साथ लेकर काम करेंगे।
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सीकर, 22 जून (आईएएनएस)। राजनीति में कोई चीज स्थाई नहीं होती है। अनेक समीकरण बनते हैं और समीकरणों के आधार पर ही हार जीत होती है। यह कहना है सीकर लोकसभा क्षेत्र से दो बार के सांसद रहे और लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती का। उन्होंने राहुल कस्वां का टिकट कटने से पार्टी को नुकसान की बात भी कही। साथ ही कहा कि वसुंधरा राजे अगर चुनाव प्रचार करतीं तो पार्टी को फायदा होता।
लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक लोकसभा 2024 के चुनाव के प्रथम चरण में राजस्थान की 12 सीटों में से 8 सीटों पर भाजपा हारी। इसका बहुत बड़ा कारण रहा वोट प्रतिशत कम होना। किसान आंदोलन और गठबंधन की पार्टियों की ओर से झूठे तरीके से प्रचार करना। केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को सही तरीके युवाओं को नहीं समझा पाने के कारण भी नुकसान हुआ।
स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि कहा कि राहुल कस्वां का टिकट काटने का असर शेखावाटी की चारों सीट चूरू, सीकर, झुंझुनूं और नागौर पर पड़ा है। इसको बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता, लेकिन केवल जाट वोटों को ही बात नहीं है।
इसके अलावा एससी को डराया गया कि आपका संविधान खतरे में पड़ जाएगा, आपका आरक्षण खत्म कर देंगे। इसके चलते एससी के वोट भाजपा को कम मिले, साथ ही राजपूत के वोट भी कम पड़े। राजपूतों ने वोट तो दिए, लेकिन काफी कम पड़े हैं। इसका मुख्य कारण रूपाला का बयान रहा।
वसुंधरा राजे की झालावाड़ के अलावा अन्य जगह सक्रियता कम रहने के सवाल पर सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि हो सकता है मैडम अगर चुनाव प्रचार में जातींं, तो कुछ न कुछ पार्टी को लाभ मिलता। दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इसके साथ ही प्रभावशाली नेता हैं, इसलिए उनका प्रभाव जरूर पड़ता। लेकिन वह खुद नहीं गईं या पार्टी ने नहीं बुलाया, इस बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा।
पार्टी में आगे की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा मेरे ऊपर पार्टी का ऋण है, क्योंकि पार्टी ने बिना मांगे ही दो बार मुझे टिकट दिया और सहयोग किया। इसके साथ ही हमेशा पार्टी ने मेरा सम्मान किया। जब तक मेरे इस शरीर में प्राण है, तब तक पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे पूरा करूंगा। मेरी हार से पार्टी के कार्यकर्ता निराश न हों, केंद्र और राज्य में हमारी सरकार है। हम काम करेंगे और सबको साथ लेकर काम करेंगे।
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सीकर, 22 जून (आईएएनएस)। राजनीति में कोई चीज स्थाई नहीं होती है। अनेक समीकरण बनते हैं और समीकरणों के आधार पर ही हार जीत होती है। यह कहना है सीकर लोकसभा क्षेत्र से दो बार के सांसद रहे और लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती का। उन्होंने राहुल कस्वां का टिकट कटने से पार्टी को नुकसान की बात भी कही। साथ ही कहा कि वसुंधरा राजे अगर चुनाव प्रचार करतीं तो पार्टी को फायदा होता।
लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक लोकसभा 2024 के चुनाव के प्रथम चरण में राजस्थान की 12 सीटों में से 8 सीटों पर भाजपा हारी। इसका बहुत बड़ा कारण रहा वोट प्रतिशत कम होना। किसान आंदोलन और गठबंधन की पार्टियों की ओर से झूठे तरीके से प्रचार करना। केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को सही तरीके युवाओं को नहीं समझा पाने के कारण भी नुकसान हुआ।
स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि कहा कि राहुल कस्वां का टिकट काटने का असर शेखावाटी की चारों सीट चूरू, सीकर, झुंझुनूं और नागौर पर पड़ा है। इसको बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता, लेकिन केवल जाट वोटों को ही बात नहीं है।
इसके अलावा एससी को डराया गया कि आपका संविधान खतरे में पड़ जाएगा, आपका आरक्षण खत्म कर देंगे। इसके चलते एससी के वोट भाजपा को कम मिले, साथ ही राजपूत के वोट भी कम पड़े। राजपूतों ने वोट तो दिए, लेकिन काफी कम पड़े हैं। इसका मुख्य कारण रूपाला का बयान रहा।
वसुंधरा राजे की झालावाड़ के अलावा अन्य जगह सक्रियता कम रहने के सवाल पर सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि हो सकता है मैडम अगर चुनाव प्रचार में जातींं, तो कुछ न कुछ पार्टी को लाभ मिलता। दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इसके साथ ही प्रभावशाली नेता हैं, इसलिए उनका प्रभाव जरूर पड़ता। लेकिन वह खुद नहीं गईं या पार्टी ने नहीं बुलाया, इस बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा।
पार्टी में आगे की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा मेरे ऊपर पार्टी का ऋण है, क्योंकि पार्टी ने बिना मांगे ही दो बार मुझे टिकट दिया और सहयोग किया। इसके साथ ही हमेशा पार्टी ने मेरा सम्मान किया। जब तक मेरे इस शरीर में प्राण है, तब तक पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे पूरा करूंगा। मेरी हार से पार्टी के कार्यकर्ता निराश न हों, केंद्र और राज्य में हमारी सरकार है। हम काम करेंगे और सबको साथ लेकर काम करेंगे।