अमरावती, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी को झटका देते हुए मंगलागिरि निर्वाचन क्षेत्र से विधायक ऑल रामकृष्ण रेड्डी ने सोमवार को विधानसभा और पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के करीबी माने जाने वाले रामकृष्ण रेड्डी ने अपना इस्तीफा स्पीकर के ओएसडी को सौंप दिया, क्योंकि वह अपने कार्यालय में उपलब्ध नहीं थे।
उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा स्पीकर को सौंप दिया है और उनसे इस्तीफा स्वीकार करने का भी अनुरोध किया है।
रामकृष्ण रेड्डी ने कहा कि वह जल्द ही अपने इस्तीफे के कारणों का खुलासा करेंगे।
कहा जाता है कि वह मंगलगिरि निर्वाचन क्षेत्र के लिए वाईएसआरसीपी प्रभारी के रूप में गंजी चिरंजीवी की नियुक्ति से नाखुश हैं।
वह पार्टी के भीतर उनके विरोधी गुट की इस मांग से भी आहत थे कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें पार्टी का टिकट न दिया जाए।
एआरके नाम से लोकप्रिय विधायक ने 2019 के चुनाव में मनागलगिरि से तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के महासचिव नारा लोकेश को हराया था। मनागलगिरि अमरावती राजधानी क्षेत्र का हिस्सा है।
उन्होंने अमरावती भूमि मुद्दे के संबंध में तत्कालीन टीडीपी सरकार के खिलाफ कई मामले भी दायर किए थे।
एआरके ने कहा कि वह जगन मोहन रेड्डी के पिता वाई.एस. राजशेखर रेड्डी के समय से कांग्रेस पार्टी में सक्रिय थे।
उन्होंने कहा कि हालांकि उन्हें 2004 और 2009 के चुनावों में कांग्रेस का टिकट नहीं मिला, लेकिन वह वाईएसआर और पार्टी के प्रति वफादार रहे।
वाईएसआर के निधन के बाद जब जगन मोहन रेड्डी ने वाईएसआरसीपी बनाई, तो वह वाईएसआर के निमंत्रण पर पार्टी में शामिल हो गए।
एआरके ने जगन मोहन रेड्डी को दो कार्यकाल के लिए विधायक के रूप में सेवा करने का मौका देने के लिए धन्यवाद दिया है।
–आईएएनएस
एसजीके