नई दिल्ली, 19 नवंबर (आईएएनएस)। नई दिल्ली में मंगलवार को वायु सेना कमांडरों का एक महत्वपूर्ण सम्मेलन (एएफसीसी) आयोजित किया गया। वायु सेना कमांडरों ने एयर फोर्स के परिचालन, प्रशासनिक और रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा की। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक शीर्ष नेतृत्व ने तालमेल को बढ़ावा देने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, थल सेनाध्यक्ष और नौसेना प्रमुख के साथ बातचीत की।
वायु सेना कमांडर्स के सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), जनरल अनिल चौहान और रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने भी शिरकत की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को वायु सेना मुख्यालय में वायु सेना कमांडरों के सम्मेलन (एएफसीसी) को संबोधित किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की संप्रभुता की रक्षा में समर्पण और व्यावसायिकता के लिए एयर फोर्स की सराहना की। उन्होंने उभरती चुनौतियों से निपटने में भारतीय वायुसेना की क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया। उन्होने कहा कि कमांडरों और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से राष्ट्रीय लक्ष्यों और आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए क्षमता और क्षमता निर्माण की प्रक्रिया को और अधिक कुशल व प्रभावी बनाने के साधनों पर विचार करने का आह्वान किया। वायुसेना मुख्यालय पहुंचने पर रक्षा मंत्री का स्वागत वायुसेना प्रमुख (सीएएस), एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने किया। यहां रक्षा मंत्री को भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमताओं के बारे में जानकारी दी गई।
एयर फोर्स कमांडरों के इस सम्मेलन में प्रमुख परिचालन, प्रशासनिक और रणनीतिक मुद्दों पर गहन चर्चा हुई है। शीर्ष नेतृत्व ने तालमेल को बढ़ावा देने के लिए सीडीएस, थल सेनाध्यक्ष और नौसेना स्टाफ के प्रमुख के साथ भी बातचीत की। यह सम्मेलन भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ नेतृत्व के लिए मौजूदा चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। रक्षा क्षमताओं में उत्कृष्टता व आत्मनिर्भरता बनाए रखने, भविष्य की कार्रवाइयों की रणनीति बनाने के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। सचिव (डीडीआर एंड डी) और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत, सचिव (रक्षा उत्पादन) संजय कुमार और भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के वरिष्ठ कमांडर्स इस सम्मेलन के दौरान मौजूद रहे।
–आईएएनएस
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