नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने सेना के लिए 70 बेसिक ट्रेनिंग विमानों को खरीदने का फैसला किया है। यह विमान एचटीटी-40 हैं, इन्हे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड(एचएएल) से 6,800 करोड़ रुपए में खरीदा जाना है। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय ने 3,100 करोड़ रुपए में 3 कैडेट प्रशिक्षण समुद्री जहाजों की खरीद के लिए लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड(एलएंडटी) के साथ अनुबंध किया है। मंगलवार 7 मार्च को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में यह निर्णय लिए गए।
एचटीटी-40 एक ट्रबो प्रॉप विमान है, जिसमें अच्छी कम गति के हैंडलिंग गुण हैं और यह विमान बेहतर प्रशिक्षण प्रभाव प्रदान करता है। इसमें पूरी तरह से एयरोबेटिक सीट ट्रबो ट्रेनर में वातानुकूलित कॉकपिट, आधुनिक एवियोनिक्स, हॉट री-फ्यूलिंग, रनिंग चेंज ओवर और जीरो-जीरो एविक्सन सीटें हैं।
यह विमान नए पायलटों के प्रशिक्षण के लिए भारतीय वायुसेना के मौलिक प्रशिक्षण विमानों की कमी पूरा करेगा। खरीद में सिमुलेटर सहित संबंधित उपकरण और प्रशिक्षण सहायता शामिल होगी। एक स्वदेशी समाधान होने के नाते यह विमान भारतीय सशस्त्र बलों की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उन्नयन के लिहाज से कन्फीगर करने योग्य है। विमान की आपूर्ति 6 वर्ष की अवधि में की जाएगी।
एचटीटी-40 में लगभग 56 प्रतिशत सामग्री स्वदेशी है, जो कालक्रम में प्रमुख घटकों तथा उप-प्रणालियों के स्वदेशीकरण के माध्यम से 60 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी। एचएएल एमएसएमई सहित घरेलू निजी उद्योग को अपनी आपूर्ति श्रृंखला में शामिल करेगी। खरीद में 100 से अधिक एमएसएमई में फैले हजारों लोगों को प्रत्यत्क्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
गौरतलब है कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के सरकार के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 मार्च, 2023 को एचएएल से 6,800 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से 70, एचटीटी-40 बेसिक ट्रेनर विमानों की खरीद को मंजूरी दी थी। मंत्रिमंडल ने एलएंडटी से 3,100 करोड़ रुपए से अधिक के 3 कैडेट प्रशिक्षण जहाजों के अधिग्रहण के लिए एलएंडटी के साथ करार पर हस्ताक्षर करने को भी मंजूरी दी थी।
इस मंजूरी के उपरांत मंगलवार को एचएएल और एलएंडटी के साथ विमानों और समुद्री जहाज की खरीद के लिए अनुबंध किया। अनुबंध पर हस्ताक्षर नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में हुए।
जहां तक एलएंडटी से खरीदे जाने वाले समुद्री जहाजों की बात है तो यह भारतीय नौसेना की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपने मौलिक प्रशिक्षण के बाद समुद्र में महिलाओं सहित अधिकारी कैडेटों के प्रशिक्षण को पूरा करेंगे। ये जहाज राजनयिक संबंधों को मजबूत बनाने के उद्देश्य से मित्र देशों के कैडेटों को भी प्रशिक्षण देंगे।
जहाजों को संकटग्रस्त क्षेत्रों से लोगों को निकालने, खोज और बचाव तथा मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभियानों के लिए भी तैनात किया जा सकता है। जहाजों की डिलीवरी 2026 से प्रारंभ होगी। इन जहाजों को चेन्नई के कट्टुपल्ली में एलएंडटी शिपयार्ड में स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। इस परियोजना से साढ़े चार वर्ष की अवधि में 22.5 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजन होगा। यह एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण तथा संबंधित उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहन देगा।
–आईएएनएस
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